कुँवारियों का शिकार compleet

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rajaarkey
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Re: कुँवारियों का शिकार

Unread post by rajaarkey » 08 Nov 2014 14:57

कुँवारियों का शिकार--6

गतान्क से आगे..............

पुराने रुटीन से पहले मैं निकला फिर प्रिया कार में पीच्छे बैठी और सीट के नीचे दुबक गयी और मैं गेट पर गार्ड से अपनी रुटीन बात दोहरा कर मैं बाहर रोड पर आ गया और कार के मेन रोड पर आते ही प्रिया उठकर बैठ गयी. मैने कार चलाते हुए प्रिया को सरसरी तौर पर पूछा के उसकी वो सहेली जिसने उसे पॉर्न क्लिप दिखाया था वो कैसी लड़की है. तेज़ दिमाग़ कि प्रिया मेरी बात पूरी होते ही बोली क्यों क्या उसको भी चोदने का इरादा है.

प्रिया की बात पर मैं हंस दिया और सेक्सी आवाज़ में बोला के इसमे बुराई क्या है. जो लड़की पॉर्न क्लिप देख और दिखा सकती है वो चुदना भी ज़रूर चाहती होगी. इस पर प्रिया बोली के वो नही जानती निशा चाहती क्या है क्योंकि इस बारे में उनके बीच कभी कोई बात नही हुई है पर इतना वो निश्चित रूप से जानती है के निशा अभी तक कुँवारी है. यह सुन कर मेरा दिल बल्लियों उच्छलने लगा के एक और कुँवारी चूत मेराशिकार होने की संभावना बन रही थी. प्रिया आगे बोली के हम अपनी सारी बातें एक दूसरे से शेर करती हैं और वो देखेगी के अगर निशा चाहती है तो मुझे बता देगी. मैने डरते हुए पूछा के क्या वो निशा को हमारे बारे में बता चुकी है. तो प्रिया ने कहा के अभी नही बता सकी क्योंकि वो काफ़ी दिनों से अकेले में मिली नही हैं.

मैने चैन की साँस ली और बोला के अगर वो तैयार हो तो कोई बात नही पर अगर निशा तैयार ना हो तो प्लीज़ मेरा नाम उसे मत बताना. प्रिया बोली के मैं समझ सकती हूँ और प्रॉमिस करती हूँ के अगर वो तैयार नही हुई तो वो बाकी सब कुच्छ तो बता देगी पर मेरा नाम नही बताएगी निशा को. मैं खुश हो गया.

हम साकेत माल पर वापिस पहुँचने वाले थे. मैने एक टॅबलेट निकाल कर प्रिया को दी और कहा के सुबह नाश्ते के बाद इसको ले ले. वो बोली के यह क्या है. मैने कहा के हमने अनप्रोटेक्टेड सेक्स किया है, इसलिए ज़रूरी है के वो यह टॅबलेट ले ले, इसके लेने से प्रेग्नेन्सी का कोई ख़तरा नही रहेगा. प्रिया चौंक गयी और बोली के क्या एक ही बार सेक्स करने से प्रेग्नेन्सी हो सकती है तो मैने उससे समझाया के हो भी सकती है पर यह टॅबलेट लेने के बाद बिल्कुल शुवर है के नही होगी और वो हंड्रेड आंड वन पर्सेंट सेफ रहेगी. प्रिया ने झट से वो गोली रख ली और बोली के वो पक्का सुबह नाश्ते के बाद यह टॅबलेट ले लेगी.

फिर मैने उसे साकेत माल के पास एक भीड़-भाड़ वाले स्थान पर उतार दिया और वो भीड़ में से होती हुई आगे चली गयी. तोड़ा आगे जाकर उसने एक ऑटो एंगेज किया और उसमे बैठकर अपने घर चल दी. मैने प्रिया को कह दिया था के घर पहुँचने के 15-20 मिनट बाद मुझे फोन करके बता दे के वो सुरक्षित घर पहुँच गयी है. मैं उस ऑटो के पीछे मैन रोड तक आया और जब वो ऑटो कॉलोनी में अंदर जाने के लिए घूमा तो मैं भी अपने घर की तरफ चल दिया.

घर पहुँच कर मैं सीधा अपने बेडरूम में चला गया और चेंज करके बेड पर लेट गया. अब मुझे प्रिया के फोन का इंतेज़ार था. थोड़ी देर में प्रियाका फोन भी आ गया और उसने बताया के वो घर पहुँच भी गयी है और अपने पापा को थकान का बहाना बना कर अपने बेडरूम में पहुँच गयी है. मैने कहा के मैं भी अपने बेडरूम में ही हूँ और आराम कर रहा हूँ. वो हंसते हुए बोली के बहुत थक गये हो क्या. मैने कहा के किसी कुँवारी लड़की को औरत बनाने का काम बहुत थकाने वाला होता है. फिर प्रिया ने कहा के वो अच्छा सा मौका देख के निशा से बात करेगी और मुझे बताएगी. मैने कहा के ओके, पर कोई जल्दबाज़ी ना करे. वो हंस दी और बोली के डॉन’ट वरी मैं बड़े प्यार से उसको मना लूँगी. पर एक शर्त है के उसके साथ अकेले नही प्रिया के सामने सब कुछ करूँ. मैने कहा के प्रॉमिस डार्लिंग तुम्हारे सामने ही करूँगा. फिर हमने इधर उधर की बातें करके फोन काट दिया.

दो हफ्ते ऐसे ही बीत गये और कोई बात नही हुई. फिर एक दिन मुझे प्रिया का फोन आया के निशा को उसने मना लिया है और वो मुझसे मिलना चाहती है. मैं एकदम चौंक गया और मैने पूछा के तुमने…… प्रिया ने मेरी बात काटते हुए कहा के फिकर मत करो उसे तुम्हारा नाम नही बताया. मैने चैन की साँस ली और उसको कहा के फ्राइडे को ले आए. प्रिया बोली के यह ठीक रहेगा, और साथ ही कहा के तुम खुद ही संभाल लेना वो डरती बहुत है. मैने कहा के चिंता मत करो मैं सब देख लूँगा.

मेरे स्कूल में यह एक रूल है के कोई भी स्टूडेंट मुझे फ्राइडे को मिल सकता है कुच्छ भी डिसकस करने के लिए, बस डाइयरी में नोट करके अपायंटमेंट लेनी होती है. मैं खुद उस डाइयरी को चेक करके अपायंटमेंट देता हूँ. प्रिया और निशा का अपायंटमेंट मैने सबसे लास्ट में रखा ताकि ज़रूरत पड़े तो देर तक उनसे बात कर सकूँ.


rajaarkey
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Re: कुँवारियों का शिकार

Unread post by rajaarkey » 08 Nov 2014 14:58

फ्राइडे भी आ गया और लंबे इंतेज़ार के बाद अपायंटमेंट का टाइम भी आ ही गया. प्रिया आगे और निशा उसके पीछे मेरे ऑफीस में एंटर हो गयीं. प्रिया ने निशा को आगे करते हुए मुझे कहा के ये है निशा. मैने निशा की तरफ प्यार भरी नज़रों से देखा और धीरे से पूछा के निशा मुझे यह बताओ के तुमको वो पॉर्न वीडियो क्लिप किसने दिया. वो डर गयी और उसके चेहरे पर ऐसे भाव आए के जैसे अभी रो देगी.

मैं अपनी चेर से उठकर उसके पास गया और उसकी आँखों में प्यार से देखते हुए उसकी पीठ पर हाथ फेरा और कहा के निशा डरो नही मुझे अपना दोस्त समझो और बताओ के वो वीडियो क्लिप तुमको किसने दिया. उसने डरते हुए कहा के किसी ने दिया नही वो तो उसको नेट सरफिंग करते हुए अचानक मिल गया. मैने उसको प्यार से पूछा के देखने पर उसको कैसा लगा. उसने शर्मा के नज़रें झुका लीं और कुछ नही बोली. मैने निशा को कहा के देखो ऐसे शरमाओगी तो कैसे चलेगा. प्रिया ने तुम्हें सब कुच्छ बता तो दिया है. वो चौंक गयी और मेरी तरफ देखने के बाद प्रिया को देखने लगी. मैने उसको अपने साथ सटा लिया और प्यार से कहा के हां मेरे बारे में ही प्रिया ने उसको बताया है और मैं ही वो दोस्त हूँ जिसको मिलवाने का प्रिया ने वादा किया था. अब बताओ क्या तुम मुझसे दोस्ती करना चाहती हो?

निशा ने सहमति में अपना सर हिला दिया पर मैने थोड़ा ज़ोर देकर फिर कहा के बोलो ना. उसने शरमाते हुए हां कहा तो मैने उसको अपने साथ भींच लिया और बोला के गुड, तुम्हें कोई निराशा नहीं होगी मुझसे दोस्ती करके. इतनी देर से जो मेरा हाथ उसकी पीठ को सहला रहा था उसके कारण मैं जान चुका था के प्रिया की तरह वो भी शर्ट के नीचे कुच्छ नही पहनती है.

निशा की हाइट प्रिया जितनी ही थी और उनकी सिमिलॅरिटीस यहीं ख़तम हो जाती थीं. प्रिया जहाँ बहुत गोरी थी निशा का रंग गोरा होते हुए भी प्रिया से थोड़ा कम गोरा था. निशा को मोटी तो नहीं कह सकते थे पर उसका जिस्म बहुत गुदाज था और प्रिया के मुक़ाबले भरा हुआ था. उसके मम्मे प्रिया से थोड़े बड़े थे और गोलाई लिए हुए थे. कमर पतली ही थी पर नितंब भरे हुए और गोले थे. कुल मिलाकर वो एक बहुत सेक्सी पॅकेज थी.

मेरे भींचने पर उसने अपना शरीर ढीला छोड़ दिया और फिर मुझसे लिपटाते हुए मुझे अपनी बाहों में कस लिया. मैने भी उसे अपनी बाहों में भर लिया और उसके चेहरे पर छ्होटी-छ्होटी किस करते हुए उसके होंठों को अपने होंठों में दबा लिया. मैने निशा को अपने से अलग करते हुए कहा के अब मेरी आँखों की प्यास भी तो बुझा दो. उसने स्वालिया निगाह से मुझे देखा. मैने प्रिया को आँख से इशारा किया तो उसने मेरी बात को समझते हुए अपनी शर्ट के बटन खोलने शुरू कर दिए और निशा को देखने लगी. निशा भी समझ गयी और उसने भी प्रिया काअनुसरण करते हुए अपनी शर्ट के बटन खोल दिए. प्रिया ने तो अपनी शर्ट के पल्ले हटाते हुए अपने उन्नत उरोज बेपर्दा कर दिए लेकिन निशा ने बटन तो खोल दिए, अपने मम्मे नही दिखाए. मैने हाथ बढ़ाकर उसकी शर्ट के दोनो पल्ले अलग कर दिए और उसके मम्मे मेरी आँखों के सामने आते ही निशा ने शर्मा कर अपनी नज़रें नीची कर लीं.

क्या खूबसूरत भारी मम्मे थे, मेरी तो आँखे चौंधिया गयीं. एकदम गोले और उठे हुए, थोड़े भारी होते हुए भी तने हुए थे और झुकाव बिल्कुल भी नही था. मैने आगे बढ़कर एक हाथ उसके मम्मे पर रखा और झुक कर दूसरे को चूम लिया. निशा के मुँह से एक मादक सिसकारी निकली और उसका शरीर कांप गया. मैने निशा को पूछा के क्या वो मेरी दोस्त बनना चाहती है. उसने सर हिला कर सहमति जताई. मैने फिर पूछा के और क्या चाहती हो. उसने शरमाते हुए कहा के प्रिया की तरह…… मैने उसस्की बात काट कर कहा के शरमाने की कोई बात नही है खुल कर बोलो के क्या चाहती हो.

निशा ने धीमे लेकिन स्पष्ट शब्दों में कहा के वो चाहती है के मैं उसको भी प्रिया की तरह चोद कर लड़की से औरत बना दूँ. मेरा दिल उच्छल कर बाहर आने को हो गया निशा की बात सुनकर. मैने उसके मम्मे दबाते हुए कहा के ज़रूर ऐसा ही करूँगा और उसको भरपूर मज़ा भी आएगा. उसने कहा के एक बात और है के वो चाहती है के उसको पहली बार में ही चोद डालूं क्योंकि एक तो उसके घर वाले स्ट्रिक्ट हैं और उसको बार-बार आने नही देंगे, दूसरे एग्ज़ॅम भी सर पर हैं इसलिए वो इसके बाद पढ़ाई करना चाहती है. मैने कहा के ठीक है यह तो बहुत अच्छी बात है के तुम्हें अपनी पढ़ाई का भी इतना ध्यान है.

फिर मैने उन दोनो को एक साथ गले लगाया और कहा के अगले हफ्ते का प्रोग्राम पक्का करके मुझे बता देना. प्रिया ने कहा के मैं सब सेट कर लूँगी और बता दूँगी. मैने कहा के ठीक है. वो दोनो अपनी शर्ट्स को ठीक करके चली गयीं और मैं अपनी चेर पर बैठ कर अपने आपसे कहने लगा के राज शर्मा यू आर वन हेल ऑफ आ लकी मॅन. फिर आप ही जवाब भी दिया के वो तो है.


rajaarkey
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Re: कुँवारियों का शिकार

Unread post by rajaarkey » 08 Nov 2014 14:59

लंबे इंतेज़ार के बाद अगले थर्स्डे की शाम को प्रिया का फोन मुझे आया के कल निशा स्कूल से मेरे साथ मेरे घर आएगी और फिर वो घूमने और पिक्चर देखने के बहाने से घर से निकलेंगी और पिच्छली बार की तरह मैं उनको पिक कर लूँ. मैने कहा के ठीक है पर इस बार साकेत माल पर नही, अंसल प्लाज़ा पर मिलना. वो बोली के हां मैं भी नयी जगह पर मिलना चाहती थी. मैने कहा ओके और फोन काट दिया.

अगले दिन मैं निर्धारित समय पर अंसल प्लाज़ा पहुँच गया और उन्हे अपनी पोज़िशन बता दी. प्रिया ने कहा के वो आ रही हैं. और 5 मिनट से भी पहले दोनो ने इधर उधर देखते हुए कार के पिच्छले दरवाज़ों को खोला और अंदर बैठ गयीं. मैने तेज़ी से कार आगे बढ़ा दी और काफ़ी तेज़ी से ड्राइव करते हुए अपने फार्म हाउस की तरफ बढ़ने लगा. पीछे से प्रिया की शोखी भरी आवाज़ आई बहुत जल्दी में लग रहे हो. मैने कहा के हां जल्दी तो ज़रूर है क्योंकि टाइम ज़्यादा नही है और मुझे डबल ड्यूटी करनी है. मेरे इतना कहते ही दोनो की हँसी छ्छूट गयी.

फार्म हाउस पहुँचते ही प्रिया और निशा दोनो सीट के नीचे दुबक गयीं, प्रिया ने निशा को सब कुच्छ समझा रखा था और मैने मैन डोर के सामने कार रोक दी. कार से उतर कर मैने मैन डोर खोला और दोनो जल्दी से अंदर चली गयीं. मैं भी उनके पीछे अंदर बढ़ा और मैन डोर डबल लॉक करके उनको बेडरूम में ले आया.

मैं सीधा लिकर कॅबिनेट की तरफ गया और 3 ग्लास निकाल के 2-2 अंगुल बकारडी डाली और चिल्ड 7-अप से भर के तीनों ग्लास लेकर उनके पास आया और कहा के लो. प्रिया ने एक ग्लास उठा लिया पर निशा रुक गयी और पूच्छने लगी इसमे क्या मिलाया है. मैने कहा के माइल्ड ड्रिंक है और तुम्हारी सारी टेन्षन ख़तम हो जाएगी और तुम्हारा मज़ा भी बढ़ जाएगा. प्रिया ने भी उसको कहा के घबरा मत कुच्छ नहीं होगा मैं भी तो पी रही हूँ. और प्रिया ने एक लंबा घूँट भरा और मुँह में घुमाने के बाद गटक गयी. निशा ने भी एक ग्लास उठा लिया और एक छ्होटा सा घूँट भरके चेक किया और पी गयी. फिर बोली के कुच्छ पता ही नहीं लगा. प्रिया ने उसको फिर तसल्ली दी के पता कुच्छ नहीं लगता बस टेन्षन ख़तम हो जाती है और मज़ा ज़्यादा आता है. मैने भी अपना ग्लास उठाया और चियर्स कह कर आधा कर दिया.

मैने उनको कहा के ड्रिंक भी ख़तम करो और जल्दी से तैयार भी हो जाओ और प्रिया को कहा के कपड़े ठीक से कपबोर्ड में टाँग दे. इधर मैने अपने कपड़े उतारे और फोल्ड करके एक चेर पर रख दिए उधर दोनो ने अपने कपड़े उतारे और फोल्ड करके कपबोर्ड में रख दिए. जैसे-जैसे उनके जिस्म उजागर होते गये मेरा लंड अकड़ता गया और उनके पूरी तरह नंगे होने तक मेरा लंड भी पूरी तरह खड़ा हो गया. निशा बड़े गौर से यह सारी प्रक्रिया देख रही थी और उसने उत्सुकता से पूछा के अभी तो यह ढीला था और अब एक दम से तन गया है, ऐसा क्यों? प्रिया ने हंसते हुए कहा के पगली यह ऐसे ही तो तेरी चूत फाड़ेगा, ढीला-ढाला तो उसमे घुसेगा ही नही.

मेरी उत्तेजना का कोई ठिकाना नही था, दो लड़कियाँ पूरी तरह से नंगी होकर मेरी आँखों के सामने थीं और उनकी सुंदरता और उनका अंग-प्रत्यंग मेरी उत्तेजना को बढ़ा रहा था. दोनो ने जैसे ही अपने ग्लास खाली किए मैने भी अपना ड्रिंक ख़तम किया और तीनों ग्लास और ट्रे एक तरफ रख दी. फिर मैं आगे बढ़ा और दोनो को अपनी एक-एक बाँह में लपेट कर अपने साथ भींच लिया और उनको कहा के मैं बहुत भाग्यशाली हूँ के 2-2 अनुपम सुंदरियाँ मेरी आगोश में हैं और मैं उनको भोगने और चोदने जा रहा हूँ. दोस्तो कहानी अभी बाकी है

क्रमशः..........


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