प्यार की खुजली compleet

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007
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Re: प्यार की खुजली

Unread post by 007 » 09 Nov 2014 15:39



बहुत देर अंदर थी तू?. ?नही पापा, थोड़ी देर सिर्फ़? कहते हुए उसने अपनी
टाँग फैला दी ताकि ससुर उसकी फूली हुई चूत को ठीक से दबा सके. ससुर उसकी
चूत को अपने पंजों मे पकड़ कर मसल्ने लगे.

?कितने तरीके से उसने तुझे ठोका?? कहते हुए ससुर ने उसकी चूत को मसलना जारी रखा.
?आप को तो सब पता है.? नीता ने बिना हीले कहा. ससुर ने अब अपना डाइरेक्षन
बदला और दूसरे हाथ के पंजों मे उसकी चूत ले ली. दूसरे हाथ उसके शरीर के
नीचे डालते हुए उसका एक मम्मा पकड़ लिया.

?सिर्फ़ यहीं पे डाला या इधर भी?? कहते हुए ससुर ने उसकी गांद के छेद मे
उंगली डाल दी. ?अनन्न.. नही इधर नही? कहते हुए उसने अपनी गांद हिलाई.

?थोड़ा उपर हो, नाडा खोलने दे? कहते हुए ससुर ने हाथ उसके पेट के नीचे
रखा. ?एलास्टिक है? कहते हुए नीता थोड़ी उपर उठी और ससुर ने उसकी पनटी
समेत उसकी सलवार घुटनों तक उतार दी.

बोल ना कैसे पेला तुझको?? ये कहते हुए ससुर ने उसकी चूत पकड़ ली और उसे
थोड़ा उपर उठाया. नीता ने अपने घुटनों को थोडा मोड़ा और उपर उठ गयी. ससुर
उसके पीछे आ गये और उसकी गांद को चूमने लगे.

?बहुत अच्छी तरह से चोद्ते हैं नितिन्जि? कहते हुए नीता ने अपनी गांद
थोड़ी और उठाई ताकि उसके ससुर उसकी चूत की खुश्बू ले सकें. ससुर भी समझ
गये और उसकी चूत को चूसने और चाटने लगे.

?उसने तुझे घोड़ी बना कर चोदा था?? ससुर ने पुछा. ?हर तरह से चोदा था, जो
आप और लता करते हैं.? कहते हुए नीता ने अपनी गांद उनके मुँह पे दबाई.

?सच बता उसका लंड चूसने मे ज़्यादा मज़ा आया या चूत चुसवाने मे? ससुर ने
एक उंगली करीब एक इंच उसकी गांद मे धीरे धीरे डाल दी. ?दोनो मे मज़ा आता
है. चुसवाने मे ज़्यादा? नीता बोली.

नीता अब तक अपना चेहरा अपने हाथों मे च्छुपाए हुए थी. ससुर की गीली जीभ
चूत पर लगते ही उसकी गर्मी बढ़ गयी. ?यहाँ भी चॅटो ना..? कहते हुए उसका
एक हाथ अपनी गांद पर चला गया. ससुर तो सब कुच्छ करने को तय्यार थे अपनी
बहू की चूत मे अपना लॉडा पेलने के लिए. वो मज़े ले लेकर उसकी चूत और गांद
के छेद को गीला करने लगे. नीता भी अपनी गांद आगे पीछे करने लगी उनकी जीभ
पाने के लिए.

अब ससुर ने अपना एक हाथ उसके बूबे पर दे दिया और मसल्ने लगे. फिर जब उनकी
बर्दाश्त से बाहर हो गया तो उन्होने अपना पाजामा उतारा और उसकी चूत पे
अपना लंड टीका दिया. धीरे धीरे उसकी चूत मे अपना लंड पेलने लगे.

नीता भी
उस लंड का आनंद लेने लगी जिस का इंतजार कई दिनो से उसको था.

पापा ! ज़ोर से करो ना !? नीता चुलबुलाई?.

ससुर ने उसकी कमर कस के पकड़ ली ओर अपनी रफ़्तार बढ़ाई. काफ़ी देर मज़े
लेने के बाद और दो बार पानी निकालने के बाद नीता तक गई. ससुर तो अभी भी
ज़ोर मे थे. नीता नीचे हो गई और उनका लंड बाहर आ गया. ससुर से रहा नही
गया. उन्होने उसको टेढ़ा किया और उसकी एक टाँग अपने कंधे पे रख दी और
अपना लंड अंदर पेल दिया. नीता उनकी काम क्रिया से खुशी से फूल गई. वो
अपनी थकान भूल कर मज़े लेकर धक्के का जवाब देने लेगी.

ससुर ने एक उंगली उसकी गांद के छेद मे डाल दी और लंड के बहाव के साथ
उंगली अंदर बाहर करने लगे.?पापा ! उंगली पूरी अंदर डालो? कहते हुए नीता
ने ससुर को उकसाया. ससुर अब उंगली से उसकी गांद सेक रहे थे और लंड से
उसकी चूत.....नीता अपने माममे सहलाते हुए उनके हर धक्के का जवाब देती गई.

तभी कोई आवाज़ आई. ससुर ओर नीता कुछ सेकेंड के लिए रुक गये. पर जब कोई और
आवाज़ ना आई तो ससुर और नीता ने अपनी काम क्रिया चालू रखी. जैसे ही ससुर
झाड़ गये और नीता पर लुढ़क गये नीता बिस्तर से उतर गई. अपने कपड़े पहेन
कर उसने ससुर के लंड को प्यार से पाजामे मे डाला और नटखट मुस्कान देती
हुई बोली ?आपका ये सबसे प्यारा है.?. ससुर अपने लंड की तारीफ सुन कर खुशी
से फूल गया ?ये? मतलब?? उन्होने जान बूझ कर पुछा. नीता तो बेशर्मी की सब
हद पार कर चुकी थी, बोली ?आपका लॉडा अपने बेटों के लंड पे काफ़ी भारी
है.? ये सुन कर ससुर खुश हो गये और अपने कमरे मे जा कर फिर एक बार मूठ
मारी.

जब आवाज़ आई थी तब नितिन घर मे आया था. किसिको बाहर ना देख कर वो अपने
कमरे मे चला गया था. नीता जब बाहर आई और नितिन का कमरा खुला देखा तो झट
अंदर चली गई. नितिन को देखते ही उसका हाथ अपनी जांघों पर चला गया और
चेहरे पर नटखट मुस्कान आ गई.

007
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Re: प्यार की खुजली

Unread post by 007 » 09 Nov 2014 15:40

?आओ भाभी !? कहते हुए नितिन ने उसे बिस्तर पर लिटा दिया. वो दो दिनो मे
समझ गया था नीता को क्या चाहिए था. बिना कोई और बात किए उसने नीता की
सलवार खींच ली और उसकी चिकनी गुलाबी चूत मे मुँह डाल दिया.

नीता तब तक मज़े लेती रही जब तक उसे याद नही आया कि रमेश के आने का वक़्त
हो गया है. वो उठ कर खड़ी हो गयी और नितिन से लिपट गई. ?तुम जैसा किसिका
नही? कहते हुए उसने नितिन का लंड अपने पंजों मे दबोचा और चली गई. नितिन
खुशी से झूम उठा. लेकिन उसे आज ही वापस जाना था. अगली बार के सपने देखते
हुए वो लौट गया.

रात को गरम हुई पड़ी नीता ने रमेश के लंड को पकड़ लिया और तब तक उस लंड
से खेलती रही जब तक रमेश ने उसकी चूत पूरी गीली नही कर दी. आज उसने
हिम्मत कर के रमेश के लंड को मुँह मे डाल ही दिया जब वो चुदाई करके निढाल
बिस्तर पर लेटा था. रमेश को यह कुच्छ अजीब लगा पर मज़ा आया इसलिए चुप
रहा. ?आपका ये कितना प्यारा है जानू !? कहते हुए नीता ने उसके टटटे
सहलाए.

रमेश ये सुन कर जोश मे आ गया और फिर नीता को चूमने लगा. नीता धीरे से
बोली ?क्या आप को मेरी ये अच्छि नही लगती?? और उसने अपना हाथ अपनी छूट पे
रख दिया. ?तुम्हारी तो बहुत प्यारी है.? कहते हुए रमेश ने पाने पंजों मे
उसकी चूत दबोच ली. ?तो आप इसको चुम्मि क्यों नही देते?? नीता शरमाने की
आक्टिंग करते हुए बोली और उसका लंड कस के पकड़ लिया. लंड पे दबाव और नीता
कि सेक्सी बात सुन कर रमेश उल्टा हो गया और उसकी चूत मे मुँह डाल दिया.
नीता निब ही उसके लंड को मुँह मे डाल कर ऐसा दबाया कि रमेश अगले आधे घंटे
तक उत्तेजित हो कर उसकी चूत चाटने मे मस्त रहा. तब तक नीता ने उसके लंड
को चूस चूस कर निढाल कर दिया?..

रात भर नीता सोई नही. आज उसने अपने ससुर से चुदवाया, फिर नितिन से
चुस्वाया, और आख़िर रमेश को चूसा. उसका मान खुशी से बाग बाग हो रहा था और
उसकी चूत पानी पानी?

अब तो उसकी हिम्मत जैसे खुल गई थी.उसके सब्र का बाँध अब टूट गया था. उसके
सामने अब एक अनंत समुंदर था काम वासना का.

सुबह उठ कर रमेश का लंड चूस्ति और जब वो तय्यार हो जाता तब उस पर सवारी
करती. जब तृप्त हो जाती रमेश से चुस्वाती और तभी उसको अपने हिसाब से
चोदने देती.

नाश्ता देने के बहाने ससुर के कमरे मे जाती और उनसे अपने शारीर का भोग
लगवाती.

वो चोद तो नही पाते थे पर उसके शरीर के हर अंग को दबाते और चूमते
ज़रूर थे. दोपहर मे जब सास नही होती तब नीता को अपनी जांघों पर बिठा कर
उसकी चूत की आग ठंडी करते. लता को काम से अब हटा दिया गया था ताकि नीता
और ससुर मज़े कर सके.

कुच्छ महीनों बाद नीता को मायके जाने की इच्च्छा हुई. रमेश उसे छ्चोड़ने
गया.ट्रेन मे पता नही कितने लोगों ने नीता के कूल्हे पे हाथ फेरा और
कितनों ने उसकी गांद पे अपना लंड सेका. नीता की नाभि से नीचे गिरती सारी
और उसका उभरा वक्ष देख कर हर मर्द तन जाता था.

स्टेशन पर जब वो उतरे तो जीतू अपनी बहेन तो देख कार दंग रह गया. उसके
छ्होटे छ्होटे वक्ष अब पूरी तरह उभर गये थे. सारी से बाहर झाकती उसकी
नाभि ने जीतू को हिला दिया.

घर पहुँच कर इधर उधर की बातें हुई और रात को दोनो नीता के कमरे मे सोने
चले गये. जीतू से रहा नही गया. वो कीहोल से उनकी काम क्रिया देखने लगा.
जिस तरह नीता ने रमेश को अपना पेटिकोट उठा कर ललचाया और जिस तरह रमेश ने
उसकी फुददी मे मुँह घुसाया जीतू फिर हिल गया. वो अपना लंड पकड़ कर दबाने
लगा. तभी कमला ने उसे देख लिया और उसके कान पकड़ कर अपने कमरे मे ले गई
?शरम नही आती, अपनी बहेन को देखता है?. ?क्या करूँ मा ! दीदी आज इतनी गरम
दिख रही थी कि सहेन नही हुआ.? जीतू बोला और अपनी मा से चिपेट गया.


?खबरदार जो कभी उसकी तरफ ग़लत नज़रों से देखा? कहते हुए कमला ने ब्लाउस
खोल कर अपना एक निपल उसके मुँह मे दे दिया?..

अगले दिन रमेश सुबह चला गया. नीता नहा कर जब बाहर आई तब उसने सिर्फ़
पेटिकोट और ब्रा पहना. उपर टवल लप्पेट कर वो बाहर आ गई. उसके टवल और
पेटिकोट मे से झाँकती उसकी नाभि को देख कर जीतू का लंड डोलने लगा. नीता
ने नोटीस किया उसे और धीमी मुस्कुराहट देती हुई अपने कमरे मे चली गई.

जीतू चुपके से अपनी बहेन के कमरे की तरफ गया. देखा दरवाज़ा खुला था. अंदर
देखा तो उसका दिल धक धक करने लगा. नीता ब्लाउस और पेटिकोट पहने काँच के
सामने खड़ी थी. काँच मे उसे देखते ही बोली ?जीतू ज़रा ये हुक्स खोल दे
ना, दूसरा ब्लाउस पहेनना है.?

जीतू को और क्या चाहिए था. वो उसके पिछे जा कर खड़ा हो गया और उसके हुक्स
खोलने लगा. ?दीदी आप तो अब बहुत सेक्सी दिखने लगी हो.जीजाजी बहुत खुश हैं
लगता है? जीतू बोला. नीता बोली ?मा जैसी खूबसूरत कहाँ हूँ मैं. वैसे तेरे
जीजाजी मुझे आछे लगते हैं? कहते हुए वो कुसकुराइ.

जीतू ने ब्लाउस के साथ साथ उसकी ब्रा के हुक्स भी खोल दिए और धीरे से हाथ
आगे डाल कर उसके बूबे पकड़ लिए ?आपके पहले कितने छ्होटे थे, अब तो आपके
भी बहुत बड़े हो गये हैं.?. उसके हाथ मे अपने बूबे देख कर नीता का शरीर
कांप उठा, उसने उन्हे अलग करने की कोई कोशिश नही की, ?शरम नही आती अपनी
बहेन के दबाता है.? और बड़ी आसानी से अपना ब्लाउज उतार दिया.

?क्या करूँ आप तो जानती हो सब कुच्छ, आदत हो गई है? ये कहते हुए उसने
अपना कड़क होता हुआ लंड नीता की गांद से चिपका दिया. ?ये क्या कर रहा है?
कहते हुए नीता ने अपना एक हाथ पिछे डाल कर उसके लंड को दबाया.

?दीदी रोको मत, प्लीज़ !? कहते हुए उसने ब्रा को उपर धकेल दिया और उसके
नंगे बूबे पकड़ लिए. एक हाथ से ब्रा को अलग करते हुए नीता बोली ? नही
जीतू, तू मुझसे दूर ही रह?.


007
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Re: प्यार की खुजली

Unread post by 007 » 09 Nov 2014 15:41

प्यार की खुजली-4

जीतू ने उसके निपल्स अपनी उंगलियों मे पकड़ लिए और बोला ?दीदी देखो ना
कितने कड़क हैं.? नीता के शरीर मे हवस की ल़हेर दौड़ गई लेकिन उसे पता
नही क्यूँ किसी चीज़ ने रोक दिया. उसने उसका हाथ अलग किया और ?तू जा?


कहते हुए वो अपना काम करने लगी. जीतू बेमन से चला गया.

वहाँ जब बस मे रमेश और कमला गये तो भीड़ के कारण दोनो के शरीर चिपक गये.
रमेश को पता ही नही चला कब उसका लंड कमला की गांद से चिपक गया. उससे
कुच्छ समझ आता तब तक तो उसका लंड कड़क हो चुक्का था. कमला उसके लंड को
महसूस कर रही थी अपनी गांद पर और मन ही मन मुस्कुराते हुए एंजाय कर रही
थी. रमेश भी कुच्छ देर बाद एंजाय करने लगा अपनी सास की गांद का कोमल
स्पर्श. जब जब बस हिलती वो लंड उसकी गांद की दरार मे दबा देता. कमला की
तरफ से भी कोई ऑब्जेक्षन या मूव्मेंट ना देख कर रमेश ने धीरे से अपना हाथ
उसकी कमर पे रख दिया और धीरे धीरे उपर ले गया. अपनी उंगलियों से उसके
मम्मो पर दबाव डाल कर एंजाय करते हुए उसने अपना लंड बुरी तरह कमला की
गांद पे टेक दिया और अपना पानी निकाल दिया. कमला ने भी पूरा साथ दिया और
पिछे गांद दबा कर उसके लंड को पूरा मज़ा दिया. तभी स्टॉप आ गया और दोनो
उतर गये.

स्टेशन पर दोनो थोड़ी देर बेंच पर एक दूसरे के करीब बैठ गये. लेकिन ट्रेन
जब लेट आने की अनाउन्स्मेंट हुई तो कमला आ गई. दोनो मन ही मन कुच्छ चाहते
थे पर कह ना पाए....

जब उनकी मा वापस आई और नीता के कमरे मे गई तो देखा नीता सिर्फ़ पेटिकोट
पहेन कर सो रही थी. उसके उभारों को देख कर कमला हैरान रह गई. कुच्छ ही
महीनों मे उसकी बेटी लड़की से औरत बन गयी थी. उसके उपर नीचे होते हुए
वक्ष और खड़े हुए निपल्स देख कर उसे हैरानी भी हुई और खुशी भी. वो समझती
थी कि ऐसी भरी हुई औरत ही अपने पति को खुश रख सकती है.उससे क्या पता था
कि उसकी लड़की पूरी फॅमिली को खुश कर रही थी?.

शाम को नीता सिर्फ़ ब्लाउस पहेन कर बाहर आ गई. उसके पतले ब्लाउस मे से
उसके निपल्स झाँक रहे थे. उसका पेटिकोट नाभि से एक इंच नीचे था. उसका पेट
सपाट और चिकना चमक रहा था. उसकी मा उसे देख कर खुश हो गई. ?आप इतनी गर्मी
मे ये सारी क्यूँ पेहेन्ति हो.? नीता ने पुछा. ?आदत हो गयी है, तू कहती
है तो उतार देती हूँ? ये कह कर कमला ने अपनी सारी उतार दी. नीता ने अपनी
मा के वक्ष और नाभि को गौर से देखा. उसकी मा के अंदर का सेक्स छलक रहा था
उसके छ्होटे ब्लाउस मे से.

तभी जीतू आ गया. उन दोनो को इस अवस्था मे देख कर उसका लंड खलबली करने
लगा. जब वो खाना खाने बैठा तो नीता के लटकते हुए आम देखने के लिए बार बार
कुच्छ माँग लेता. नीता समझ रही थी और जानबूझ कर उसके सामने झुकती. उससे
जीतू को तड़पाने मे मज़ा आ रहा था.

रात को जब जीतू मा को चोद रहा था उसके मुँह से आख़िर निकल पड़ा ?मा दीदी
अब कितनी सेक्स से भरी हुई लगती है ना??. कमला बोली ?तुझे मना किया है ना
नीता के बारे मे ग़लत सोचने से, खबरदार!? और तब तक जीतू का वीर्य उसकी
चूत मे आ गया. वो कमला की बगल मे सो गया और उसके निपल से खेलते हुए बोला
?मा, दीदी को हमारे बारे मे सब पता है. शादी से पहले से ही. आज मैने उसके
मम्मे भी दबाए.लेकिन फिर उससने मुझे कुच्छ करने नही दिया. मा मुझे दीदी
के साथ करने दे ना? एक बार सिर्फ़?तू उससे मना ले प्लीज़??.

कमला परेशान हो गई ये सुन कर. फिर उससने सोचा कि अगर नीता को ये सब पता
है तो उसे भी जीतू से चुदवाने दे ताकि वो किसिके सामने मुँह ना
खोले.?लेकिन तू वही करना जो मैं कहूँगी, एक कदम भी नही, समझा??. ?बिल्कुल
समझा? कहते हुए खुशी से जीतू ने मा की पप्पी ले ली.

अगले दिन कमला नीता के कमरे मे गई और उसके साथ बात करने लगी. प्लान के
मुताबिक जीतू भी आ गया और मा की गोद मे सर रख कर लेट गया. उसने अपने पैर
नीता की जांघों पर रख दिए. कुच्छ देर बाद वो उल्टा हो गया और अपना सर
नीता की गोद मे रख दिया. नीता सोच मे पड़ गई क्या करे. चुपचाप बैठी रही.
जीतू धीरे से उसकी जांघों के बीच मे आ गया. अब धीरे से उसने करवट बदली और
नीता की चूत पे होंठ रख दिए. नीता की हालत खराब हो रही थी. एक तरफ वो
सेक्स के लिए गरम हो रही थी दूसरी तरफ मा के सामने कुच्छ कर भी नही पा
रही थी.

अचानक कमला उठ कर अपने कमरे मे चली गई. उसके जाते ही जीतू ने नीता का एक
आम पकड़ लिया. नीता ने उसका हाथ पकड़ लिया और धीरे से बोली ?मा देख लेती
तो??. जीतू समझ गया मामला गरम है. ?मा के सामने थोड़े ही पकड़ा था? ये
कहते हुए जीतू ने उसका ब्लाउस खोल दिया और उसकी एक निपल अपने होठों के
बीच डाल दी. नीता सिर्फ़ देखती ही रह गई. इतनी हिम्मत तो नितिन या उसके
ससुर ने भी नही की थी. ? रुक ज़रा? कहते हुए नीता गई और डोर बंद कर के
वापिस आई .

ले चूस? कहते हुए नीता ने अपना ब्लाउस उतार फेंका और निपल उसके सामने रख
दिया. जीतू ने उससे अपने उपर खींच लिया और उसका निपल चूसने लगा. नीता उस
पर लेटी हुई अपनी चूत को उसके पेट की गर्मी देती रही. जीतू उसकी गांद
दबाने और सहलाने लगा. ?दीदी आपकी गांद कितनी कड़क है? कहते हुए अपनी एक
उंगली से उसकी दरार मे घिसने लगा.नालयक कहीं का? कहते हुए नीता ने उसे चूम लिया. ?दीदी आप सिर्फ़ एक आदमी
से कैसे खुश रह सकती हो? आपका मन नही करता दूसरों से चुदवाने का?? जीतू
ने ये कहते हुए उसका नाडा खोल दिया और पेटिकोट नीचे खिसका दिया. ?तू भी
तो सिर्फ़ मा से खुश है?? नीता ने उल्टा सवाल किया. ?दीदी मा को पता नही
लेकिन मैं अपनी पड़ोसन रानी को भी चोद चुका हूँ. और आप??. नीता मुस्कुरा
उठी उसकी बात सुन कर. ?मैं तो अपने पति के साथ ही खुश हूँ? कहते हुए
उससने दूसरा निपल उसके होठों मे डाल दिया. जीतू को क्या पता था उसकी दीदी
ने अपने ससुर को भी नही छ्चोड़ा था.........जीतू उसके निपल को चूस्ते हुए उसकी गांद मे उंगली डालने लगा. नीता ने
धीरे से अपना पेटिकोट उतार दिया ओर अपनी टाँग फैला दी ताकि जीतू उसके छेद
को पूरा एंजाय कर सके.

जब जीतू का लंड नीता के लिए बेकरार हो गया तो उसने नीता को धीरे से हटाया
ओर बिस्तर से नीचे उतार कर नंगा हो गया. नीता उसके सामने टाँग चौड़ी कर
के अपनी चूत खोल कर बोली ?आज सिर्फ़ देख ले. इसका भोग कल लगाने को
मिलेगा?. जीतू सीधा उसकी टाँगों के बीच गिर गया और उसके होंठ चूसने लगा.
उसका लंड नीता की चूत से जैसे चिपक गया था.

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