प्यार की खुजली compleet

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007
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Re: प्यार की खुजली

Unread post by 007 » 09 Nov 2014 15:42

इतने मे दरवाज़े के बाहर से उनकी मा की आवाज़ आई ?नीता दरवाज़ा खोल.
रमेशजी आयें हैं. उनकी ट्रेन कॅन्सल हो गई है.? ये सुनते ही दोनो के होश
उड़ गये. जीतू ने झट से कपड़े पहन लिए और खिड़की से मा के कमरे मे कूद
गया. नीता ने अपना ब्लाउस और पेटिकोट पहना और दरवाज़ा खोला.

नीता को ऐसी सेक्सी स्तिति मे देख कर रमेश के पसीने छूट गये. उसकी पतली
कमर पे नाभि से कई इंच नीचे लटकता हुआ पेटिकोट और ब्लाउस मे से कड़क उभरे
हुए निपल देख कर रमेश सून्न हो गया. कमला भी नीता को इस हालत मे देख कर
मन ही मन मुस्कुरा उठी. वो समझ गई जीतू ने उसे पटा लिया था?.

जैसे ही कमरे के अंदर दोनो घुसे रमेश ने उसका पेटिकोट उपर किया और उसकी
चूत मे उंगली डाल दी. ?ये तो पहले से ही गीली है? कहते हुए रमेश ने उससे
बिस्तर पर लिटा दिया और उसकी चूत मे मुँह मार दिया. रमेश को क्या पता था
की चूत जीतू के लिए गीली हुई थी, नीता बोली ?आप की याद मे टपक रहा था ये
पानी?. रमेश ये सुन कर और उत्तेजित हो गया और पॅंट उतार कर सीधा उस पर
चढ़ गया. आज उससने इतनी देर तक उसे चोदा जितना पहले कभी नही. नीता भी
जीतू को याद करते हुए चुदवाती रही?.

खाना खाते समय महॉल गर्म हो गया था. रमेश कभी अपनी सेक्सी नीता को देखता
तो कभी अपनी सेक्सी सास को. कमला बस के हादसे के बाद समझ गई थी कि रमेश
उसके शरीर को चाहता है. लेकिन जमाई होने की वजह से उसस्पर कुच्छ बंदिश
हैं. पर रात भर कमला को नींद नही आई. वो आख़िर इस नतीजे पे पहुची की उसको
अपने जमाई को खुश रखना चाहिए ताकि उसकी बेटी खुश रहे.

अगले दिन नीता और जीतू को बेज़ार भेज दिया कमला ने और उन्हे कहा अपनी
चाची से भी मिल आयें. रमेश ने बोर होने का बहाना कर दिया और घर पर ही रुक
गया. कमला समझ गैट ही रमेश ने क्यों मना किया था.

?मैं कमरा ठीक कर दूं. आइए आप भी वहीं बैठिए.? कहते हुए कमला अपने कमरे
की और चल दी. रमेश कुत्ते की तरह दूम हिलाता हुआ उसके पिछे चल दिया. कमला
ने अपनी सारी का पल्लू खींच कर अपने ब्लाउस के बीच मे डाल दिया और कमर मे
बाँध लिया ताकि जमाई राजा उसके बड़े बड़े मम्मों को देख कर उत्तेजित हों
और उसकी नाभि के दर्शन कर सकें.

?आप जैसा जमाई पा कर मैं धन्य हो गई. कितने अच्छे हैं आप.? कहते हुए कमला
ने अपनी सारी कमर से निकाली और पल्लू से मुँह पोंच्छने लगी. उसके ब्लाउस
मे कसे हुए बूबे देख कर रमेश मंत्रमुग्ध हो गया.

?मैं नहा कर आती हूँ? कहते हुए कमला ने धीरे से अपनी सारी खोलनी शुरू की.
उसकी कमर का कटाव देख कर राजेश तो जैसे पागल हो गया. जब उसने सारी पूरी
उतार ली और घूम कर कपबोर्ड की तरफ गई उसके पेटिकोट मे से छलक्ति उसकी
गांद की दरार देख कर वो अपने लंड को मसल बैठा.

?आप जैसे जमाई बहुत कम नसीब वालो को मिलते हैं.? मुस्कुराते हुए कमला
बोली और अपनी निकाली हुई पॅंटी को देखने लगी. राजेश अब पागल हुआ जा रहा
था. वो उठ कर उसके पीछे चला गया ?आप जैसी सास भी तो बहुत कम लोगों को
मिलती है? कहते हुए राजेश कमला से एक फुट दूर खड़ा हो गया.

कमला चाहती तो सब आज ही कर लेती पर फिर उसने अपने आप को समझाया. लेकिन
थोड़ा तो चलता है?. सोच कर उसने अपने ब्लाउस के बटन खोलने शुरू कर दिए.
?आप बहुत अच्छे हैं, नीता आपकी हमेशा तारीफ़ करती है? कहते हुए कमला पलट
गई और धीरे से अपना ब्लाउस उतारने लगी.


उसकी ब्रा से बाहर निकलने को बेचैन उसके वक्ष देख कर राजेश का लॉडा फूल
गया. लेकिन कमला ने जिस आसानी से उसके सामने अपना ब्लाउस उतारा था राजेश
सोच मे पड़ गया ?क्या ये मेरे लिए ब्लाउस उतार रही हैं या मुझे अपने
लड़के की तरह समझते हुए कर रही हैं??.

कमला थोड़ी देर ऐसे ही खड़ी रही ताकि रमेश उसके बूबे अच्छि तरह निहार
सके. ?ज़रा ये हुक खोल दीजिए? कहते हुए कमला मूड गई. राजेश तो यही चाहता
था. वो सीधा उसकी गांद से चिपक गया और हुक खोलने लगा.

?ये क्या कर रहे हैं? कहते हुए कमला ने अपनी गांद उसके गरम सख़्त लंड से
दूर करी. ?सॉरी !? रमेश इस के अलावा कुच्छ ना कह पाया. ?कल बस मे भी
आप?..? कहते हुए कमला मुस्कुराते हुए मूड गई क्योंकि हुक खुल गया था.
?माफ़ करना कल सब अंजाने मे हो गया? रमेश डर गया था. ?कोई बात नही, मुझे
बुरा नही लगा? कहते हुए कमला ने अपने कपड़े हाथ मे लिए और बाथरूम मे चली
गई.

007
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Re: प्यार की खुजली

Unread post by 007 » 09 Nov 2014 15:43

रमेश उसकी मुलायम और मादक गांद देख कर परेशान हो गया. सोच मे पड़ गया
क्या करे?. उसने हिम्मत जुटाई और वहीं बैठा रहा. कमला नहा कर जब आई तो
सिर्फ़ पेटिकोट पहना हुआ था. उपर अपना टवल डाला हुआ था. उसके हाथ मे धोइ
हुई उसकी ब्रा और पॅंटी थी. ?आप यहीं हैं? मैं समझी आप टीवी देख रहे
होंगे? कहते हुए कमला कपड़े सुखाने के तार के पास गई. ?मैने सोच आपसे बात
कर लूँ इसलिए यहीं बैठा रहा? कहते हुए उसने धीरे से अपना लंड अड्जस्ट
किया क्योंकि कमला ने जब हाथ उपर उठाया कपड़े सुखाने के लिए तो उसका टवल
भी उपर उठ गया. टवल उपर जाते ही रमेश को उसके भारी मम्मे के साथ उसका
लंबा मोटा निपल भी देखने को मिल गया.

कमला ने जान बुझ कर हाथ ज़्यादा देर उपर रखे ताकि रमेश उसके वक्ष का
चक्षु चोदन कर सके?

आप को कल की बात का बहुत बुरा तो नही लगा ना? कहते हुए रमेश कमरे मे लगे
शीश एके पास आ कर खड़ा हो गया. ?आप तो मेरे बेटे जैसे हैं? कहते हुए कमला
ने कपबोर्ड से लाल ब्रा निकाली और बिना मुड़े पहेन ली.

जैसा की रमेश जानता था कमला शीशे के पास आ कर अपने बाल बनाने लगी. रमेश
इसी मौके की तलाश मे तो शीशे के पास आया था?.

रमेश झट उसके पिछे खड़ा हो और अपने हाथ उसकी कमर पे रख दिए, ठीक पेटिकोट
के उपर. ?आप कितनी अच्छि हैं? कहते हुए रमेश धीरे से उसके शरीर से चिपक
गया और अपनी ठुड्डी उसके कंधे पर रख दी.

?आप जैसा बेटा और जमाई हर औरत चाहती है? कहते हुए कमला ने अपना हाथ उपर
किया और उसका गाल सहला दिया.

रमेश उसके स्पर्श से और गरमा गया. ?क्या सचमुच आप मुझे अपने बेटे जैसे
प्यार करेंगी?? कहते हुए रमेश थोड़ा और उसके शरीर से चिपक गया और अपने
हाथ उसके पेट पे ले गया और उसकी नाभि के उपर रख कर बाँध लिए.

कमला के शरीर मे कंप कंपी छूट गई उसके इस अंदाज़ से. ?क्यों? आप को डाउट
है?? कहते हुए कमला ने एक हाथ उसके हाथ पे रख दिया और दूसरे हाथ से अपनी
ब्रा अड्जस्ट करने लगी. दोनो शीशे मे कमला के स्तन पर चिपकी हुई ब्रा मे
से निकलते मम्मे देख रहे थे और उत्तेजित हो रहे थे पर हिम्मत दोनो नही कर
पा रहे थे.

?डाउट की बात नही है. पर कल जो बस मे हुआ उसके बाद आप क्या सोचती हैं पता
नही.? कहते हुए रमेश ने अपना लंड उसकी दरार मे टिका दिया और एक हाथ उसके
गाल पर ले गया, जिस कारण उसकी बाँह ने उसके एक मम्मे को दबा दिया धीरे
से.

मैने कहा ना कोई बात नही. मुझे बिल्कुल बुरा नही लगा. आख़िर आप भी इंसान
हैं.? और कमला उसकी तरफ मूड गई. वो इस तरह मूडी की रमेश का लंड हमेशा
उसके शरीर को टच करता रहा और जब वो ठीक सामने आई तब उसका पेट उसके लंड के
स्पर्श मे था.


007
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Re: प्यार की खुजली

Unread post by 007 » 09 Nov 2014 15:44

प्यार की खुजली-5

?आप कितनी सीधी और सरल हैं.? कहते हुए रमेश ने अपनी दोनो बाहें उसकी पीठ
पर रख दी. उसके उत्तेजित लंड की गर्मी ने कमला को बहाल कर दिया था. लेकिन
उसने अपने आप को रोका.? चलो अब मैं खाना बना लूँ? कहते हुए उसने खुद को
छुड़ाया और ब्लाउस पहेन्ने लगी.

?आप अभी भी कितनी जवान लगती हैं? रमेश उसके मम्मे घूरते हुए बोला. ?आप
मेरी इतनी तरीफ्फ मत करो वरना नीता परेशान हो जाएगी? मुस्कुराते हुए कमला
ने अपना ब्लाउस खींचा और बटन लगाए.

?नीता को क्या प्राब्लम होगी इस से? आप तो उसकी मा हैं? कहते हुए रमेश
फिर उसकी कमर पे हाथ रख कर खड़ा हो गया. कमला खुश हो गई रमेश की उत्तेजना
देख कर. ?आप नही समझेंगे एक औरत को.? कहते हुए उसने खुद को अलग किया और
सारी पहेन्ने लगी. जब वो सारी अपने पेटिकोट मे डालती तो पेटिकोट नीचे
खिसकता और रमेश तरसता उसका जिस्म देखने को.

कमला हैरान थी कि रमेश कितनी बेशर्मी से उसके शरीर को घूर रहा था?.

?चलिए अब पिक्चर ख़तम हो गई? इठलाते हुए कमला ने उसकी तरफ देखा और किचन
मे चली गई. ?पिक्चर ख़तम हो गई?...? ये सुन कर रमेश सोच मे पड़ गया??

कमला की मुस्कुराहट से रमेश परेशान हो गया. हर थोड़ी देर मे किचन मे जाता
और किसी बहाने उसके कूल्हे का स्पर्श ले लेता. कमला भी मुस्कुरकर उसके
स्पर्श का जवाब देती. ?आप बैठो, मैं खाना लगाती हूँ? कहकर कमला ने उससे
बाहर भेजा.

जब कमला खाना परोसने आई तब रमेश के लंड के छक्के छूट गये. कमला ने अपना
पेटिकोट बहुत नीचे खींच लिया था. शायद अपनी चूत की फाँक से आधा इंच ही
उपर.
अपनी सारी उसने इस तरह अपने कंधे पर डाल दी थी की उसके दोनो मम्मे उसके
टाइट ब्लाउस मे से सॉफ दिख रहे थे.

उसके ब्लाउस और पेटिकोट के बीच से उसकी कोमल त्वचा चमक रही थी. रमेश का
लंड उबलने लगा?

?चलो पिक्चर शुरू? कहते हुए कमला उसे खाना परोसने लगी. जब वो झुकती तो
उसके लटकते हुए मम्मे देख कर रमेश पसीने पसीने हो जाता. कमला भी बार बार
अपने मम्मे देखती और फिर रमेश की तरफ. रमेश तो ये भूल ही गया था कि कमला
उससे देख रही होगी. वो तो कमला के शरीर के हर अंग को बेशर्मी से घूर रहा
था.

?साथ खाते हैं? कहकर रमेश ने उसका हाथ पकड़ लिया.?ठीक है? कहते हुए कमला
उसकी पास वाली कुर्सी पर बैठ गई. रमेश ने पहले से ही कुर्सी खींच कर अपनी
कुर्सी से सटा ली थी.

अब कमला और रमेश की जांघें चिपकी हुई थी और दोनो खाना खाने लगे. रमेश ने
अपना बाया हाथ उसकी कमर पे रख दिया. कमला मुस्कुराते हुए बोली ?नीता को
भी ऐसे ही पकड़ कर खाते हो क्या आप??. रमेश ने अपना हाथ उपर किया और उसके
बूबे पे उंगलियों से दबाव डाल दिया और बोला ?नही लेकिन आपके साथ ऐसे ही
अच्च्छा लगता है. कल की बात याद है ना??. ?बहुत शरारती हो आप. मैं तो
समझी आप सीधे हो? कहते हुए कमला ने अपने शरीर को थोड़ा अड्जस्ट किया ताकि
रमेश की उंगलियाँ उसके मम्मे को ठीक से सहला सके.

रमेश के हाथ मे जैसे ही उसका मम्मा आया उसने दबाव बढ़ा दिया ?मैं दिखता
हूँ उतना सीधा भी नही.? कहते हुए उसने एक नीवाला कमला के मुँह मे डाल
दिया.

?पागल हो !? कहते हुए कमला मुस्कुरा दी और खाना खाने लगी. रमेश उसका बूब
पकड़े रहा और ख़ाता रहा. जब खाना हो गया तो रमेश ने उसकी जाँघ पे हाथ रख
दिया. उसकी उंगलियाँ उसकी जांघों के बीच मे थी. कमला उत्तेजित हो गई.
?बच्चे आते होंगे? कह कर वो खड़ी हुई.

अब रमेश की हिम्मत बढ़ चुकी थी. उसने उसके कुल्हों पर हथेली रखी और
बोला?जब आएँगे तब आएँगे, आप तो बैठो ना.? अपनी गांद पर रमेश के हाथ का
दबाव पा कर कमला का शरीर कांप उठा.

उसने मूड कर अपने हाथों मे उसका चेहरा ले लिया और अपनी नाभि के पास खींच
कर बोली?आप हाथ धो लो फिर हम साथ पिक्चर बनाएँगे? रमेश ने अपने होंठ उसकी
नाभि से चिपका दिए पर कमला रुकी नही और किचन मे चली गई.

आओ ना मा? कहते हुए रमेश ने कमला को बुलाया. कमला आई और अपनी सारी उतारने
लगी?बड़ी गर्मी है?. रमेश का लंड टाइट हो गया उसका टाइट पेटिकोट देख कर.
पेटिकोट चूत से शायद ही कुच्छ उपर था. पूरा नंगा पेट और छ्होटे से ब्लाउस
मे से उभरे हुए उसके बूबे देख कर रमेश का मुँह खुला ही रह गया. वो उतनी
ही बेशर्मी से उसके यौवन को निहार रहा था जितनी बेशर्मी से कमला अपनी
सारी उतार कर किचन मे गई.

रमेश किचन मे उसके पिछे गया. वो सींक पे खड़ी बर्तन धो रही थी. उसकी उभरी
हुई गांद मे सिमटी हुई पॅंटी उसके पेटिकोट से छ्लक रही थी. उसका नंगी पीठ
जैसे रमेश को इन्वाइट कर रही थी.

?आप मेरे साथ पिक्चर कब बनाओगी? काम से फ़ुर्सत कहाँ है आपको?? कहते हुए
रमेश ने उसके पेट पे हाथ फेरा और उसकी गांद पे अपना लंड चिपका दिया.
?थोडा सब्र करो, सब्र का फल मीठा होता है? कहते हुए कमला थोड़ा झुकी
बर्तन धोने का बहाना करते हुए और उसके लंड पे अपनी गांद का दबाव बढ़ा
दिया.

रमेश वासना की आग मे जल रहा था. कमला की ये हरकत देख कर उसका सब्र का
बाँध टूट गया. उसका एक हाथ सीधा उसके पेटिकोट के अंदर उसकी चूत पे चला
गया और दूसरा पंजा उसके मम्मे पर. जो हाथ उसके पेटिकोट मे गया था उसकी
उंगलियों को सीधा उसकी चूत की फाँक का स्पर्श मिला और एक उंगली फाँक मे
चली गई.

?ये किधर हाथ डाल दिया? कहते हुए कमला ने उसका हाथ खींचा. रमेश डर गया और
अपना हाथ बाहर निकाल लिया. अब उसने अपना हाथ उसकी नाभि और पेटिकोट के बीच
सहलाना शुरू कर दिया. दूसरा हाथ अभी भी उसके मम्मे दबा रहा था ?उपर के
लिए तो आपको कोई ऑब्जेक्षन नही है ना? कहते हुए रमेश उसकी गर्दन पे किस
करने लगा.

रमेश के गीले होठों का स्पर्श गर्दन पर पड़ते ही कमला सिहर गई. रमेश उसके
मम्मे दबा दबा कर उसकी गर्दन चूमने लगा. कमला ने काम बंद कर दिया और सींक
पकड़ कर खड़ी हो गई. सिर्फ़ अपनी गांद पिछे करके खड़ी रही. उसने रमेश पे
सब छ्चोड़ दिया.

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