मजबूरी--हालत की मारी औरत की कहानीcompleet

Discover endless Hindi sex story and novels. Browse hindi sex stories, adult stories ,erotic stories. Visit theadultstories.com
raj..
Platinum Member
Posts: 3402
Joined: 10 Oct 2014 07:07

Re: मजबूरी--हालत की मारी औरत की कहानी

Unread post by raj.. » 12 Dec 2014 20:31

22

गतान्क से आगे.....................

मामी के बाल बिखर चुके थे…और मे मामी की चुचि को लगतार किसी बच्चे की तरहा चूसे जा रहा था…मेने करीब 5 मिनट तक मामी की एक चुचि को चूस-2 कर लाल कर दिया था…मेने मामी की चुचि को मुँह से निकाल कर, मामी की दूसरी चुचि को मुँह मे लेकर चूसना शुरू कर दिया…

और पहले वाली चुचि को अपने हाथ मे लेकर मसलने लगा…मामी के आँखें अभी भी बंद थी…वो शायद अपनी आँखें खोल कर मेरा सामना नही करना चाहती थी.. मे भी मामी को बिना कुछ बोले, मामी की चुचि को चूस रहा था…करीब 15 तक मामी के दोनो चुचियो को चूसने और मसलने के बाद मे धीरे-2 अपने होंटो को मामी के बदन पर रगड़ता हुआ, नीचे आने लगा….

मे मामी की चुचियो को अपने मुँह से निकाल कर, मामी के बदन को चूमता हुआ, नीचे की ओर आने लगा…मेरे होन्ट मामी के बदन के हर इंच को रगड़ रहे थे, और मे मामी के बदन पर अपनी जीभ फेर कर चाट रहा था…

मे अपनी आँखों को ऊपेर करके, मामी के फेस को देख रहा था…उनके फेस पर पसीना आ चुका था…होन्ट थरथरा रहे थी….और बालों की लते माथे और फेस पर बिखरी हुई थी… और वो तेज़ी से साँस ले रही थी…

मे मामी के बदन को अपने होंटो और जीभ से चूमता हुआ, मामी की नाभि पर आ गया…और अपनी जीभ निकाल कर मामी की नाभि के चारों तरफ गोल-2 घुमा कर चाटने लगा.मामी बुरी तराहा कसमसा गयी…और अपने हाथों को एक झटके मे ऊपेर करके तकिये को दोनो साइड से अपने हाथों मे कस कर पकड़ लिया….

मामी के पेट मे कंपन के कारण हल्की -2 लहरे उठ रही थी…मामी का पेट की हल्की चर्बी कंपन के कारण थरथरा रही थी….और वो अपने होंटो को दाँतों मे दबाए हल्की आवाज़ मे उंह उंघ कर रही थी….

मे अपनी जीभ निकाल कर मामी की नाभि मे डाल कर चाटने लगा…मामी एक दम से मस्त हो गयी…उनकी कमर झटके खाने लगी….उनका पेटिकॉट सरक कर उनकी कमर पर आ चुका था…और वशेप पॅंटी चूत के छेद की जगह से एक दम गीली हो चुकी थी…

मे मामी की नाभि को 5 मिनट तक चाटता रहा…और फिर नाभि को छोड़ कर नीचे की तरफ आने लगा…जैसे-2 मे नीचे की ओर आ रहा था…मामी के साँस लेने की आवाज़ और तेज होती जा रही थी…

मे मामी के बदन के हर एक इंच को चूमता हुआ, मामी की पॅंटी के ऊपेर आ गया…और मामी की पॅंटी के ऊपेर अपने होंटो को रगड़ने लगा…मामी मेरी इस हरकत से और कसमसाने लगी….

मे मामी की चूत को मामी की पॅंटी के ऊपेर से चाटने लगा…मामी की जांघे मेरे सर पर कसने लगी…जब मुझे थोड़ी दिक्कत होने लगी…मेने मामी की जाँघो को दोनो हाथों से पकड़ कर फैला दिया….और घुटनो से मोड़ कर ऊपेर उठ दिया… और मामी की चूत के छेद के ठीक ऊपेर पॅंटी के ऊपेर से चाटने लगा….

मामी की जाँघो को ऊपेर करने के बाद, मेने अपने हाथों को मामी की टाँगों से हटा दिया…और मामी की पॅंटी के ऊपेर लाकर, मामी की पॅंटी को चाटते हुए, उनकी चूत को धीरे-2 मसलने लगा….मामी के पैर फिर से धीरे-2 नीचे की ओर आने लगे…

मे समझ गया था, कि मामी से बर्दास्त करना मुस्किल हो रहा है…मे सीधा होकर उनकी जाँघो के बीच घुटनो के बल बैठ गया….और उनकी पॅंटी को दोनो हाथों से पकड़ कर नीचे सरकाने लगा….

इस बार मामी ने बिना कोई देर किए….अपने चुतड़ों को थोड़ा सा ऊपेर उठा दिया…मेरे होंटो पर मुस्कान फेल गयी…आज मुझे हसीन चूत जो मिलने वाली थी…मेने पॅंटी को धीरे-2 नीचे सरकाना चालू कर दिया…जैसे-2 मामी की चूत मेरी आँखों के सामने आ रही थी…वैसे-2 मेरा लंड हवा मे झटके खा रहा था…

मेने पॅंटी को मामी की टाँगों से निकाल कर बेड के एक साइड मे रख दिया…और मामी की जाँघो को पूरी तरहा फैला कर ऊपेर कर दिया…जैसे ही मामी की घुटनो से मूडी हुई टाँगें ऊपेर हुई…मामी के फूली हुई चूत, जो मामी की चूत के गाढ़े पानी से लबालब थी… मेरी आँखों के सामने थी…

मामी की चूत की फाँकें आपस मे सटी हुई थी…और वासना के कारण थोड़ी खुल और बंद हो रही थी…मेने मामी घुटनो से पकड़ कर मामी की टाँगों को और ऊपेर करके फैला दिया…जिससे मामी की चूत की फाँकें थोड़ा सा फेल गयी…और उनकी चूत का गुलाबी छेद जो उनके काम रस से भीगा हुआ था, मुझे थोड़ा-2 दिखाई देने लगा….

मे नीचे झुक गया…और उनकी चूत की फांकों को दोनो हाथों की उंगलयों से फैला दिया…मामी की चूत का गुलाबी छेद उनके काम रस से भीगा हुआ था…और उसमे उतेजना के मारे संकुचन हो रहा था…

मेने बिना टाइम वेस्ट किए, मामी की चूत के पानी से लबलबा रहे छेद पर, अपने मुँह को रख दिया…और अपनी जीभ निकाल कर मामी की चूत के छेद को चाटने लगा… मामी बुरी तरहा छटपटाने लगी…मामी की कमर नीचे से झटके खाने लगी…और उन्होने तकिये को कस कर दोनो हाथों से पकड़ लिया….

मे अपनी आँखों को ऊपेर करके मामी को देखने लगा…मामी अपने होंटो को दाँतों मे दबाए हुए…अपने सर को इधर से उधर पटक रही थी…और मामी के मुँह से सीईइ अहह सीयी अहह के धीमी-2 आवाज़ आ रही थी…

मे मामी की चूत की फांकों को फैला कर उनकी चूत के गुलाबी छेद को जीभ से अंदर तक चाट रहा था….बीच-2 मे में मामी की चूत की फांकों को अपने होंटो मे भींच कर खींच देता…मामी और कसमसाने लग जाती….करीब 5 मिनट चूत को चाटने के बाद…मेने मामी के क्लिट जो उतेजना के मारे काफ़ी फूल चुका था…उसे मुँह मे ले लिया…

जैसे ही मेने मामी के क्लिट को मुँह मे लिया…मामी की कमर झटके खाने लगी… और वो और ज़ोर से अपने सर को इधर से उधर पटकने लगी…पर अभी तक उनके मुँह से सिसकारियो के एलवा एक शब्द नही निकला था….

मे मामी की चूत के क्लिट को पागलों के तरहा चूस रहा था…मे मामी के क्लिट को मुँह मे भर कर अपनी जीभ से कुरेदने लग जाता…मामी पूरी तराहा गरम हो कर सीयी अह्ह्ह्ह अह्ह्ह्ह करते हुए, अपनी गांद को हिला रही थी…मामी की चूत उनके काम रस से भीग चुकी थी….

मेने मामी की चूत पर से अपना मुँह हटा लिया…और सीधा होकर घुटनो के बल बैठ कर उनकी टाँगों को घुटनो से मोड़ कर उनकी जाँघो को फैला दिया…. और अपने लंड के सुपाडे को मामी की चूत पर लगा दिया….

जैसे ही मेरे लंड का सुपाड़ा उनकी दहकती चूत के छेद पर लगा…मामी के बदन ने एक झटका खाया…और उनके होंटो पर एक हल्की से मुस्कान फेल गयी…जिससे सॉफ पता चल रहा था, कि वो चुदाई के इस खेल का पूरा मज्जा ले रही हैं….

मामी की चूत उनके कामरस से एक दम भीगी हुई थी…इसलिए जैसे ही मेने हल्का सा झटका दिया…मेरे लंड का सुपाड़ा सरकता हुआ,उनकी चूत के छेद मे समा गया…मामी ने दो बच्चो को जनम दिया हुआ था…इसलिए उनकी चूत बहुत ज़्यादा टाइट नही थी…पर लग रहा था, कि वो काफ़ी दिनो से चुदी नही है….

दो बच्चो को जनम देने के बावजूद भी उनकी चूत की दीवारें मुझे अपने लंड पर कसी हुई महसूस हो रही थी….और उनकी चूत की दीवारें मेरे लंड के सुपाडे को कस और छोड़ रही थी….मे अपने लंड के सुपाडे पर मामी के चूत के दीवारों के संकुचन को सॉफ-2 महसूस कर पा रहा था…

मामी की चूत एक दम गरम और गीली हो चुकी थी…मे बिना कोई देर किए, एक और झटका मारा…मेरा आधा लंड मामी की चूत मे समा गया…और मामी के मुँह से एक और दबी हुई आहह निकल गयी…

जैसे ही मेरा आधा लंड मामी की चूत मे घुस्सा…मे मामी के ऊपेर झुक गया…मामी के तने हुए एक निपल को मुँह मे लेकर चूसने लगा…और दूसरा हाथ नीचे लेजा कर मामी के क्लिट को अपने हाथ के उंगुठे से मसलने लगा. जैसे-2 मे मामी की चूत के क्लिट को अपने उंगुठे से रगड़ रहा था…वैसे-2 मामी अपनी कमर को नीचे से हिला रही थी…

मामी की चुचियो को मे पागलों की तरहा चूस रहा था…फिर थोड़ी देर बाद मेने नीचे से हाथ हटा लिया…और अपने दोनो हाथों से मामी के चुचियो को चूस्ते हुए मसलने लगा…

अब मामी बहुत गरम हो चुकी थी…उसकी साँसे बहुत तेज़ी से चल रही थी…मामी ने नीचे अपनी चूत को धीरे-2 ऊपेर मेरे लंड पर दाबना चालू कर दिया…मामी की गीली चूत मे मेरा लंड उनकी चूत के दीवारों को फेलता हुआ अंदर घुसने लगा…और कुछ ही पलों मे मेरा पूरा का पूरा लंड मामी की चूत मे समा गया…और उनकी बच्चेदानी से जाकर सॅट गया….

मेने मामी के फेस की तरफ देखा…मामी की आँखें अभी भी बंद थी…साँसें तेज़ी से चल रही थी…और वो अपने होंटो को दाँतों मे दबाए हुए थी…

मे: मामी आप की चूत बहुत गरम और टाइट है…देखों ना मेरा लंड कैसे आपके काम रस से भीगा हुआ है…

पर ये बात सुनते ही, मामी ने अपने होंटो को दाँतों से निकाल लिया….और मेरी बात को सुनते ही उनके होंटो पर एक कातिल से मुस्कान आ गयी…पर ना तो उन्होने अपनी आँखों को खोला और ना ही वो कुछ बोली….शायद वो बोलना ही नही चाहती थी….

मे अपने लंड को धीरे-2 अंदर बाहर करने लगा…लंड मामी की चूत से बह रहे काम रस से चिकना हो कर धीरे-2 अंदर बाहर हो रहा था…मामी ने एक बार फिर से अपने होंटो को दाँतों से काटना शुरू कर दिया था….

मे मामी की चुचियो को चूस्ते हुए अपने लंड को बाहर निकाल कर अंदर पेल रहा था… लंड फतच-2 की आवाज़ से अंदर बाहर हो रहा था…मामी ने अपने टाँगों को घुटनो से मोड़ कर मेरी कमर के ऊपेर रख लिया था… ताकि वो मेरे लंड को अपनी चूत की गहराईयो मे महसूस कर सकें….

मे: अहह मामी आपकी चूत सच मे बहुत टाइट हैई….मेरे लंड को अपने अंदर लेकर मसल रही हैं….

मे मामी के फेस की तरफ देखते हुए…अपने लंड को उनकी चूत के अंदर बाहर कर रहा था…पर मामी बिना कुछ बोले अपनी आँखों को बंद किए लेटी रही…मे मामी को बुलवाना चाहता था….चाहे एक वर्ड ही सही….

मे सीधा हो कर घुटनो के बल बैठ गया….और मामी की टाँगों को घुटनो से पकड़ कर धीरे-2 अपने लंड को उनकी चूत से बाहर निकालने लगा…मेरे लंड का सुपाड़ा मामी की गीली और गरम चूत के दीवारों से रगड़ ख़ाता हुआ बाहर आने लगा….

जैसे ही मेरा लंड सुपाडे तक मामी की चूत से बाहर निकाला…मेने एक गहरी साँस ली... और अपनी पूरी ताक़त लगाकर एक जोरदार धक्का मारा…लंड का सुपाड़ा पूरी तेज़ी से मामी की चूत की दीवारों को फैलाता हुआ. अंदर घुस्स गया…धक्का इतना ज़बरदस्त था, कि मामी के मुँह से अहह की हल्की से चीख निकल गयी…

अब मेने ये मान लिया था…कि मे चाहे जितनी भी कॉसिश करूँ…मामी नही बोले गी.. मे वापिस मामी के ऊपेर झुक गया, और मामी की चुचियो को चूस्ते हुए अपने लंड को तेज़ी से अंदर बाहर करने लगा…

लंड फतच-2 की आवाज़ से अंदर बाहर होने लगा…मेरे हर धक्के के साथ मामी के मुँह से हल्की से उंघ के आवाज़ निकल जाती…और कभी आह सीईइ के आवाज़ सुन जाती…. लंड अब आसानी से मामी की चूत के अंदर बाहर हो रहा था…


raj..
Platinum Member
Posts: 3402
Joined: 10 Oct 2014 07:07

Re: मजबूरी--हालत की मारी औरत की कहानी

Unread post by raj.. » 12 Dec 2014 20:32

मेने मामी की चुचियो को छोड़ कर अपने होंटो को मामी के रसीले होंटो के तरफ बढ़ा दिया…और मामी ने जैसे ही मेरे होंटो को अपने होंटो पर महसूस किया…मामी ने अपने होंटो को खोल लिया…मे मामी के गुलाबी रस से भरे होंटो को चूसने लगा… मामी भी मेरा पूरा साथ दे रही थी….मेने धीरे-2 अपने धक्को की रफ़्तार को और बढ़ा दिया…

मामी का बदन अकड़ने लगा…और वो तेज़ी से ह अहह सीईईईईई उंह करने लगी… मामी झड़ने के करीब थी…मे और जोश मे आकर अपने लंड को और तेज़ी से अंदर बाहर करने लगा…आख़िर कार मामी का बदन एन्थ गया…और उन्होने अपने होंटो को मेरे होंटो से अलग करके तेज़ी से हाँफने लगी….

मामी झाड़ चुकी थी…सन्तुस्ति से भरी मुस्कान उनके होंटो पर फेल चुकी थी…मे भी तेज़ी से अपने लंड को उनकी चूत मे पेलते हुए…अपने लंड के वीर्ये से उनकी चूत के दीवारों को भिगोने लगा…और झाड़ कर उनके ऊपेर गिर पड़ा…

मामी अभी भी अपने हाथों से तकिये को थामें हुए थी…मे मामी के ऊपेर से हट कर उनकी बगल मे लेट गया…और अपनी साँसों को दुरस्त करने लगा…

थोड़ी देर बाद मेने देखा…मामी उठ कर अपने पैरो को लटका कर बेड के किनारे बैठ गयी…उन्होने ने अपनी पॅंटी को उठाया…और झुक कर पहनने लगी…जैसे ही उन्होने अपने पॅंटी पहनी…और वो उसके बाद अपने हाथों को पीछे लेजा कर अपनी ब्रा के हुक्स को बंद करने की कोसिस करने लगी…

मे उनके पीछे लेटा हुआ सब देख रहा था…मे मामी को बुलाना नही चाहता था…पर उनसे उनकी ब्रा के हुक्स बंद नही हो रहे थे..क्यों कि ऊपेर उन्होने ने ब्लाउस पहन रख था….मे उठ कर मामी के पीछे बैठ गया…और अपने हाथों को उनके ब्रा के स्ट्रॅप्स पर रख दिया…

जैसे ही मेरे हाथ उनके हाथों से टकराए…मामी ने अपने हाथों को झट से आगे कर लिया…मेने मामी की ब्रा के हुक्स को बंद कर दिया…फिर मामी पीछे देखे बिना ही अपने ब्लाउस के बटन्स को बंद करने लगी…ब्लाउस के बटन्स को बंद करके…वो खड़ी हो गयी…और नीचे जाने लगी….

मेने आगे बढ़ कर उनका हाथ पकड़ लिया….मामी वहीं रुक गयी…मे बेड से खड़ा हुआ…उनके पीछे से उनके पास जाकर सॅट गया…मेने मामी को अपनी तरफ घुमा लिया.. इस बार मेने पहली बार मामी के आँखों को खुला देखा…जो वासना से सन्तुस्ति को बयान कर रही थी…उनके होंटो पर हल्की से कातिल मुस्कान थी…

मेने अपने होंटो को मामी के होंटो के तरफ बढ़ाना चालू कर दिया…मामी ने अपने आँखों बंद कर लिया…और मे मामी के होंटो को अपने होंटो मे लेकर किस करने लगा. हम दोनो 5 मिनट तक एक दूसरे को किस करते रहे…

जब मामी ने अपने होंटो को मेरे होंटो से हटाया…तो उनकी आँखें शरम के मारे झुकी हुई थी…

मे: मामी आज तो मे आप को पा कर बहुत खुस हूँ…आप को कैसा लगा…किया मे आप को सन्तुस्त कर पाया…

मामी ने हां मे सर हिला दिया….और नीचे जाने लगी…पर मेने मामी का हाथ पकड़ा हुआ था…

मामी: (कांपती हुई आवाज़ मे) बच्चे उठने वाले हैं….

मे और कुछ नही बोला, और मामी का हाथ छोड़ दिया…मामी नीचे चली गयी…और मे बाथरूम मे घुस्स कर फ्रेश होने लगा….जब मे फ्रेश हो कर नीचे आया

तब बच्चे तैयार हो चुके थे…मे उनके लेकर बाहर मे रोड तक आ गया…और थोड़ी देर इंतजार करने के बाद उनकी बस आ गयी…बच्चो को बस मे बैठा कर मे घर वापिस आ गया….मामी ने नहा कर अपनी सारी चेंज कर ली थी…

मे सीधा किचन मे चला गया…और मामी को पीछे से बाहों मे भर लिया.. मामी एक दम से घबरा गयी….और मेरी तरफ घूम कर बोली……..

मामी: ये क्या कर रहे हो…बच्चो को छोड़ आए….

मे: जी छोड़ आया….

और मे मामी की कमर मे अपने बाहों को कस कर उनसे चिपक गया….और उनके होंटो को किस करने लगा…

मामी: (अपने होंटो को मेरे होंटो से अलग करते हुए) नही अभी नही…पहले मुझे नाश्ता बनाने दो….आज तुम्हारा एग्ज़ॅम है ना….

मे: (मामी से अलग होते हुए) जी पर मे आप से कुछ पूछ सकता हूँ…

मामी: (नाश्ते को प्लेट मे डालते हुए) जी पूछिए…

मे: मामी जब आप भी यहीं चाहती थी..तो आप ने पूरा टाइम मेरे से कोई बात क्यों नही की…

मामी: वो मे बस मुझे कुछ समझ मे नही आ रहा था..और मेरे बोलने की हिम्मत नही हो रही थी…

मे मामी के पीछे-2 डिन्निंग टेबल पर आ गया…और नाश्ता करने लगा…

मामी: अभी तुम्हारा एग्ज़ॅम कब तक ख़तम हो गा….

मे: जी 12 बजे…..

मामी: तो तुम आज मामा का स्कूटर ले जाओ…..

मे: नही मामी मे चला जाउन्गा….

मामी: (शर्मा कर मुस्कराते हुए) वो तुम जल्दी घर वापिस आ जाओ गे…बच्चे स्कूल से 3 बजे वापिस आते हैं….

मे: और मामा लुधियाना से कब वापिस आने वाले हैं….

मामी: रात तक आ जाएँगे….

मे: ठीक है जैसे आप कहों….वैसे कुछ स्पेशल प्लान क्या है….

मामी शर्मा कर मुस्कुराने लगी…मे नाश्ता करके घर से मामा के स्कूटर पर निकल पढ़ा…जैसे ही मेरा एग्ज़ॅम ख़तम हुआ….मे जल्दी से मामा का स्कूटर उठा कर वापिस घर के तरफ चल पड़ा….

क्रमशः.................


raj..
Platinum Member
Posts: 3402
Joined: 10 Oct 2014 07:07

Re: मजबूरी--हालत की मारी औरत की कहानी

Unread post by raj.. » 12 Dec 2014 20:32

22

gataank se aage.....................

Mami ke baal bikhar chuke thee…aur me mami ke chuchi ke lagtar kisi bache ke tarhan chuse ja raha tha…me kareeb 5 min tak mami ke ek chuchi ko chus-2 kar lal kar diya tha…mee mami ke chuchi ko munh se nikal kar, mami ke doosri chuchi ko munh me lekar chusna shuru kar diya…

Aur pehale wali chuchi ko apne hath me lekar maslane laga…mami ke ankhen abhee bhee band thee…wo shayad apni ankhen khol kar mera samna nahi karna chathi thee.. mene bhee mami ko bina kuch bole, mami ke chuchi ko chus raha tha…kareeb 15 tak mami ke dono chuchiyo ko chusne aur maslen ke baad me dheere-2 apne honto ko mami ke badan par ragrta hua, neeche aane laga….

Me mami ke chuchiyo ko apne munh se nikal kar, mami ke badan ko choomta hua, neeche ke aur aane laga…mere hont mami ke badan ke har inch ko ragar rahe thee, aur me mami ke badan par apne jeebh pher kar chaat raha tha…

Me apne ankhon ko ooper karke, mami ke face ko dekh raha tha…unka face par paseena aa chuka tha…hont tharthra rahe thee….aur balon ke late mathe aur face par bikhari hui thee… aur wo teji se saans le rahi thee…

Me mami ke badan ko apne honton aur jeebhe se chumata hua, mami ke nabhi par aa gaya…aur apni jeebh nikal kar mami ke nabhi ke charon taraf gol-2 ghuma kar chaten laga.mami buri tarahan kasmas gaye…aur apne hathon ko ek jhatke me ooper karke takye ko dono side se apne hathon me kas kar pakad liya….

Mami ke pet me kanapan ke karan halki -2 lehare uth rahi thee…mami ka pet ke halki charbi kanapan ke karan tharthra rahi thee….aur wo apne honto ko danton me dabaaye halki awaz me umhhhhh ungh kar rahi thee….

Mene apni jeebh nikal kar mami ke nabhi me daal kar chataen laga…mami ek dum se mast ho gaye…unki kamar jhatke khane lagee….unka peticote sarak kar unki kamar par aa chuka tha…aur vshape panty choot ke ched ke jagha se ek dum geeli ho chuki thee…

Me mami ke nabhi ko 5 me tak chatata raha…aur phir nabhi ko chod kar neeche ke taraf aane laga…jaise-2 me neeche ke aur aa raha tha…mami ke saans lene ke awaz aur tej hoti ja rahi thee…

Me mami ke badan ke har ek inch ko choomata hua, mami ke panty ke ooper aa gaya…aur mami ke panty ke ooper apne honto ko ragaren laga…mami mere iss harkat se aur kasmasen lagee….

Me mami ke choot ko mami ke panty ke ooper se chaten laga…mami ke jhangen mere sar par kasen lagee…jab mujhe thodi dikkat hone lagee…mene mami ke jaangho ko dono hathon se pakad kar faila diya….aur ghutno se mod kar ooper uth diya… aur mami ke choot ke ched ke theek ooper panty ke ooper se chaten laga….

Mami ke jaangho ko ooper karne ke baad, mene apne hathon ko mami ke tangon se hata diya…aur mami ke panty ke ooper lakar, mami ke panty ko chatate hue, unki choot ked here-2 maslane laga….mami ke pair phir se dheere-2 neeche ke aur aane lagee…

Me samaj gaya tha, ki mami se bardast karna muskil ho raha hai…me seedha hokar unke jaangho ke beech ghutno ke bal baith gaya….aur unki panty ko dono hathon se pakad kar neeche sarkaen laga….

Iss baar mami ne bina koi der kye….apne chutdon ko thoda sa ooper utha diya…mere honto par muskan phel gaye…aaj mujhe hassen chut jo milane wali thee…mene panty ko dheere-2 neeche sarkan chalu kar diya…jaise-2 mami ke choot mere ankhon ke samne aa rahi thee…wasie-2 mera lund hawa me jhatke kha raha tha…

Mene panty ko mami ke tangon se nikal kar bed ke ek side me rakh diya…aur mami ke jaangho ko poori tarhan faila kar ooper kar diya…jaise hee mami ke ghutno se mudi hui tangen ooper hui…mami ke phulii hui choot, jo mami ke choot ke gadhe pani se labalab thee… mere ankhon ke samne thee…

Mami ke choot ke phanken apps me sati hui thee…aur wasna ke karan thodi khul aur band ho rahi thee…mene mami ghutno se pakad kar mami ke tangon ko aur ooper karek pehla diya…jisse mami ke choot ke phanken thoda sa phel gaye…aur unke choot ka gulabi ched jo unke kaam ras se bheega hua tha, mujhe thoda-2 dikhai dene laga….

Me neeche jhuk gaya…aur unki choot ke phankon ko dono hathon ke unglyon se faila diya…mami ke choot ka gulabi ched unke kaam ras se bheega hua tha…aur usme utejana ke mare sankuhcan ho raha tha…

Mene bina time waste kye, mami ke choot ke pani se lablaba rahe ched par, apna munh ko rakh diya…aur apni jeebh nikal kar mami ke choot ke ched ko chaten laga… mami buri tarhan chatpatane lagee…mami ke kamar neeche sejhatke khane lagee…aur unhone takye ko kas kar dono hathon se pakad liya….

Me apni ankhon ko ooper karke mami ko dekhane laga…mami apne honto ko danton me dabaaye hue…apne sar ko idhar se udhare patak rahi thee…aur mami ke munh se siiii ahhhhh siii ahhhhhh ke dheemi-2 awaz aa rahi thee…

Me mami ke choot ke phankon ko faila kar unke choot ke gulbai ched ko jeebh se andar tak chaat raha tha….beech-2 me mein mami ke choot ke phankon ko apne honto me bheench kar kheench deta…mami aur kasmasen lag jati….kareeb 5 min choot ko chaten ke baad…mene mami ke clit jo utejana ke maare kafi phul chuka tha…use munh me le liya…

Jaise hee mene mami ke clit ko munh me leya…mami ke kamar jhatke khane lagee… aur wo aur jor se apne sar ko idhar se udhar patken lagee…par abhee tak unke munh se siskaryon ke elava ek shabad nahi nikla tha….

Me mami ke choot ke clit ko paglon ke tarhan chus raha tha…me mami ke clit ko munh me bhar kar apni jeebhe se kurden lag jata…mami poori tarahan garam ho kar siii ahhhh ahhhh karte hue, apni gaand ko hila rahi thee…mami ke choot unke kaam ras se bheeg chuki thee….

Mene mami ke choot par se apna munh hata liya…aur seedha hokar ghutno ke bal baith kar unki tangon ko ghutno se mod kar unki jaangho ko faila diya…. Aur apne lund ke supaaDe ko mami ke choot par laga diya….

Jaise hee mere lund ka supaaDe unki dehkati choot ke ched par laga…mami ke badan ne ek jhatka khaya…aur unke honto par ek halki se muskan phel gaye…jisse saaf pata chal raha tha, ki wo chudi ke iss khel ka poora majja le rahi hain….

Mami ke choot unke kaamras se ek dum bheegi hui thee…issliye jaise hee mene halka sa jhatka diya…mere lund ka supaaDe sarkata hua,unki choot ke ched me sama gaya…mami ne do bachon ko janam diya hua tha…isliye unki choot bahut jyaada tight nahi thee…par lag raha tha, ki wo kafi dino se chudi nahi hai….

Do bachon ko janam den eke bavjood bhee unki choot ke diwaren mujhe apen lund par kasi hui mahsoos ho rahi thee….aur unki choot ke diwaren mere lund ke supaaDe ko kas aur chod rahi thee….me apne lund ke supaaDe par mami ke choot ke diwaron ke sankuchan ko saaf-2 mahsoos kar paa raha thaa…

Mami ke choot ek dum garam aur geeli ho chuki thee…me bina koi der kye, ek aur jhatka mara…mera adha lund mami ke choot me sama gaya…aur mami ke munh se ek aur dabi hui aahh nikal gayee…

Jaise hee mera adha lund mami ke choot me ghussa…me mami ke ooper jhuk gaya…mami ke tane hue ek nipple ko munh me lekar chusne laga…aur doosra hath neeche lejakar mami ke clit ko apne hath ke ungthe se maslen laga. Jaise-2 me mami ke choot ke clit ko apne ungthe se ragar raha tha…wasie-2 mami apni kamar ko neeche se hila rahi thee…

Mami ke chuchiyo ko me paglon ke tarhan chus raha tha…phir thodi der baan mene neeche se hath hata liya…aur apne dono hathon se mami ke chuchiyo ko chuste hue maslane laga…

Ab mami bahut garam ho chuki thee…uski sanse bahut teji se chal rahi thee…mami ne neeche apni choot ko dheere-2 ooper mere lund par dabna chalu kar diya…mami ke geeli choot me mera lund unki choot ke diwaron ko phelta hua andar ghussen laga…aur kuch hee palon me mera poora ka poora lund mami ke choot me sama gaya…aur unke bachedani se jakar sat gaya….

Mene mami ke face ke taraf dekha…mami ke ankhen abhee bhee band thee…sansen teji se chal rahi thee…aur wo apne honto ko danton me dabaaye hue thee…

Me: mami aap ke choot bahut garam aur tight hai…dekhon na mera lund kaise appke kaam ras se bheega hua hai…

Par ye baat sunten hee, mami ne apne honto ke danton se nikal liya….aur mere baat ko sunte hee unke honto par ek katil se muskan aa gaye…par na to unhone apni ankhon ko khola aur na hee wo kuch boli….shayad wo bolna hee nahi chathi thee….

Post Reply