मजबूरी--हालत की मारी औरत की कहानीcompleet

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raj..
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Re: मजबूरी--हालत की मारी औरत की कहानी

Unread post by raj.. » 15 Dec 2014 09:03

28

गतान्क से आगे.....................

अभी ने नेहा के हाथों को छोड़ दिया. और नेहा की टीशर्ट को ऊपेर करने लगा. नेहा ने तेज़ी से साँसे लेते हुए. अपनी आँखों को बंद कर लिया. अभी ने नेहा की टीशर्ट को ऊपेर करके उसके बदन से निकाल दिया. नेहा अपनी आँखों को बंद किए. तेज़ी से साँसे ली रही थी.

अभी ने नेहा की कमर को दोनो हाथों से पकड़ कर घुमा दिया. अब नेहा की पीठ अभी की तरफ थी. और अभी ने नेहा के ब्रा के हुक्स को बिना देर किए खोल दिया. जैसे ही नेहा के ब्रा के हुक्स खुले. नेहा ने अपनी ब्रा को अपने हाथों से थाम लिया.

अभी नेहा की ब्रा के स्ट्रॅप्स को कंधों से सरका कर नीचे करने लगा. और नेहा के हाथों को ब्रा से हटा कर ब्रा को निकाल कर फेंक दिया. और अपने हाथों को आगे लेजा कर नेहा की चुचियो को अपने हाथों मे पकड़ लिया.

जैसे ही नेहा ने अपने नंगी चुचियो पर अभी के हाथों को महसूस किया. नेहा एक दम से कसमसाने लगी. और उसके मुँह से अह्ह्ह्ह ओह्ह्ह्ह्ह बाबू जीईई निकलने लगा.

नेहा: अहह बाबू जीईई क्या कार रहीईई हैं अप्प्प्प ओह्ह्ह मुझे कुछ हू रहा हाईईईईईईई अहह अहह बाबू जीईए दर्द्द्द हूऊ रहाआ हाईईइ धीरी करूऊओ आह उईमाआअ सीईईईई

अभी ने नेहा की चुचियो को मसलते हुए अपने होंटो को नेहा की नंगी पीठ पर रख कर रगड़ना चालू कर दिया. नेहा एक दम से तिल मिला उठी. और दीवार पर अपने हाथों के नाख़ून से कुरदेन लगी. वो लगातार सिसकारिया भर रही थी. अभी ने अपना एक हाथ नेहा की चुचि से हटा कर उसके स्कर्ट को ऊपेर कर दिया. मोटे नरम चुतड़ों पर रख कर धीरे -2 सहलाने लगा.

नेहा: अहह बाबू जीईई उंह बुसस्स्सस्स करूऊ नाआअ उफफफफफ्फ़ उिंाआअ बुसस्स्स ह बुसस्स्स कारूव उंह

अभी नेहा की बातों पर ध्यान दिए बिना नेहा की पीठ को चूम रहा था. अभी ने नेहा की चुचि से दूसरा हाथ भी हटा लिया. और अब दोनो हाथों से नेहा के चुतड़ों को दोबच कर धीरे-2 मसलने लगा. नेहा ह उईईइमाआ अहह बाबू जीईई करते हुए कसमसा रही थी.

अब आगे की कहानी नेहा की ज़ुबानी… शुरू करती हूँ.

बाबू जी मेरी पीठ को चूमते हुए नीचे मेरे चुतड़ों की तरफ बढ़ रहे थे. मेरी साँसें तेज़ी से चल रही थी. अपने कुंवारे बदन पर पहली बार मर्दाना होंटो का सपर्श पा कर. मेरा बुरा हाल हो चुका था. मेरी साँसे उखड़ रही थी. और हाथ पैर मस्ती और रोमांच के मारे कांप रहे थे. चूत से पानी निकल कर फांकों तक पहुच गया था.

मे अपनी आवाज़ को दबाने की पूरी कॉसिश कर रही थी. पर मेरे मुँह सेसिसकारियाँ बदस्तूर निकल रही थी. अभी मेरे चुतड़ों को दोनो हाथों से मसलते हुए. नीचे की ओर झुका जा रहा था. कुछ ही पलों मे अभी मेरे पीछे घुटनो के बल बैठा था. मेने पीछे फेस करके अपनी वासना से भरी आँखों से देखा.

अभी की आँखों मे अजीब सी चमक थी. अभी ने मेरी पॅंटी को जो कि जाँघो मे अटकी हुई थी. को पकड़ कर नीचे करना चालू कर दिया. जैसे ही मेरी पॅंटी मेरे पैरों मे आई. अभी ने मेरे दोनो पैरो को बारी-2 उठा कर पॅंटी को निकाल कर एक तरफ फेंक दिया. और फिर मेरी स्कर्ट के हुक्स को खोलने लगा. मेरा दिल अब जोरों से धड़क रहा था.

अभी ने मेरी स्कर्ट के हुक्स खोल दिए. जिससे स्कर्ट मेरी कमर पर ढीली हो गयी. और कमर से सरक कर मेरे पैरो मे आ गिरी. मेरा पूरा बदन कांप रहा था. अभी ने घुटनो के बल बैठे-2 अपने अंडरवेर को निकाल दिया. मेरी आँखें अभी के मोटे लंड पर गढ़ गयी. दिल ने धड़कना बंद कर दिया. आज पहली बार मेने अभी के लंड को इतने करीब और गोर से देखा था. अभी के मोटे लंड को देख मेरी चूत मे सरसारहात होने लगी. अंडर वेर निकाल कर अभी ने अपने दोनो हाथों से मेरे चुतड़ों को पकड़ कर फैला दिया. मे शरम के मारे मरी जा रही थी.

मेरी गांद का छेद बाबूजी की आँखों के सामने था. जिसे देख कर उनकी आँखों की चमक बढ़ गयी. फिर बाबू जी ने अपना एक हाथ हटा लिया. और अपने लंड को तेज़ी से हिलाते हुए खड़े हो गये. और एक हाथ से मेरे दोनो चुतड़ों को फैला कर अपने लंड के मोटे सुपाडे को मेरी गांद के छेद पर टिका दिया.

मोटे लंड के गरम सुपाडे को अपनी गांद के छेद पर महसूस करके मेरे बदन मे करेंट दौड़ गया. मेरी आँखें बंद हो गयी. और मेरा पूरा बदन झटके खाने लगा. लंड के सुपाडे ने गांद के छेद मे अजीब सी सिहरन पैदा कर दी थी.

बाबू जी ने अपने लंड के सुपाडे को मेरी गांद के छेद पर टिका कर अपने दोनो हाथों को हटा लिया. और मुझे अपनी बाहों मे भर लिया. और मेरे फेस को पीछे मोड़ कर मेरे गालो को चूमने लगी. बाबू जी के होंटो को अपने गालो मे महसूस करते ही. मेरे बदन मे अजीब सी सिहरन और मस्ती दौड़ गयी. बाबू जी के लंड का सुपाड़ा मेरी गांद के छेद पर लगा हुआ था. जो मुझे बहुत ही मज़ा दे रहा था.

मे: अह्ह्ह्ह बाबू जीए क्या कार्ररर रह हूऊओ. अहह

अभी: क्यों क्या हुआ अच्छा नही लग रहा.

मे: अहह अच्छा लग रहा है. बहुत अच्छा….

बाबूजी ने अचानक पीछे होकर मुझे अपनी ओर घुमा लिया. और मेरे गोरे बदन को देखने लगे. उनकी नज़र मेरे तेज़ी से साँस लेने के कारण ऊपेर नीचे हो रही चुचियो से लेकर मेरी जाँघो के बीच मे कसी हुई चूत तक का मुआयना कर रही थी.

बाबू जी जिस तरह मुझे देख रहे थे. मे उनसे नज़रें नही मिला पा रही थी. मे शरम के मारे उनके सामने सर झुका कर खड़ी थी.अभी ने मेरा हाथ पकड़ कर अपनी तरफ खींचा. पर मे शरम के कारण उनकी तरफ नही बढ़ी. उन्होने ने फिर से मुझे ज़ोर लगा कर अपनी तरफ खींचा. और इस बार मेरा नंगा बदन अभी के बदन से चिपक गया.

मेरी तनी हुई ठोस चुचिया बाबू जी की चौड़ी छाती मे धँस गयी. बाबू जी के बदन का स्परश मुझे अंदर तक हिला रहा था. मे अपने हाथों को बाबू जी केकंधों पर रख कर उनसे थोड़ा सा फासला बनाने की कॉसिश कर रही थी.

अभी: (मेरी आँखों मे देखते हुए) अब तो अपनी बाहों का हार मेरे गले मे डाल दो रानी क्यों शरमा रही हो. आ मेरी छाती से लग जा.

मेने शरमाते हुए ना मे सर हिला दिया.

अभी: क्या हुआ अब भी शरमा रही है. क्यों तडपा रही है मुझे. एक बार मेरे बदन से चिपक जा. फिर देखना मे तुझे जन्नत की सैर कराता हूँ.

मे अभी भी शर्मा रही थी. आख़िर ये सब मेरे लिए बिल्कुल नया था. आज तक मा ने भी मुझे बड़ा होने के बाद नंगा नही देखा था. और आज मे किसी अंजान लड़के के सामने बिना कपड़ो के खड़ी थी. और वो मुझे अपनी बाहों मे आने के लिए कह रहा था. बाबू जी ने मेरे चुतड़ों को कस के पकड़ लिया. मेने फिर से शर्मा कर ना मे सर हिला दिया.

अभी: नही ?

मे फिर से शरमाते ना मे सर हिलाने लगी बाबू जी फिर से बोले देख लो मेने बड़ी-2 औरतों को अपने वश मे किया है. खुद लगो गी या मे लगाऊ. मे वैसे ही ना मे सर हिलाती रही. बाबू जी ने मेरे चुतड़ों को पकड़ कर दोनो तरफ फैला दिया. मे एक दम से कसमसा उठी. बाबू जी फिर से पूछने लगे…

मे: ह बाबू जीए नही…..

अभी: (मेरे चुतड़ों को फैला कर मसलते हुए) नही देख ले…

मे: अह्ह्ह्ह बाबू जीईए छोडर्र्र्र डूऊ नाअ.

अभी: तूँ ऐसे नही मानेगी.

और बाबू जी ने मेरे चुतड़ों को फेला कर अपनी एक उंगली को मेरी गांद के छेद पर लगा दिया. मे एक दम से मचल उठी. मेरे हाथ पैर काँपने लगे. बाबू जी धीरे -2 अपनी एक उंगली को मेरी गांद के छेद मे घुसाने लगे. मुझ पर वासना का भूत सवार हो चुका था. मे बाबू जी से एक दम चिपक गयी. और अपनी बाहों मे बाबू जी के सर को कस्के लप्पेट लिया. बाबू जी मुझे अपने से चिपकाए हुए. मेरी गांद के छेद को उंगली से कुरेद रहे थे.

मेरे पूरे बदन मे मस्ती की लहर दौड़ रही थी. मेरा पूरा बदन मस्ती और सर्दी दोनो के मारे काँप रहा था. बाबू जी के आगोश मे आकर मुझे बहुत सकुन और सुख की अनुभूती हो रही थी. मेरा दिल जोरों से धड़क रहा था. और मेरी चुचियाँ बाबू जी की छाती मे धँसी हुई थी.

बाबू जी: अभी भी नही.

मे: अहह सीईईईईईईई बाबू जीईई उंह मा ओह उफफफफफफ्फ़ बाबू जीईई नही

मेरे मुँह से अभी भी ना ही निकल रहा था. पर मे बाबू जी से एक दम नंगी होकर चिपकी हुई थी. और मेरे हाथ बाबू जी की पीठ पर कसे हुए थे. बाबू जी मेरे कानो और गालो को अपने मुँह मे लेकर चूस रहे थे. और बाबू जी का मोटा लंड मेरी नाभि के नीचे रगड़ खा रहा था.

फिर बाबू जी ने मेरे चुतड़ों से अपने हाथों को हटा कर मेरी जाँघो को पकड़ लिया. और मुझे खड़े-2 ऊपेर उठा लिया. जैसे ही बाबू जी ने मुझे ऊपेर उठाया. मेरे पैर बाबू जी की कमर मे लिपट गये. और मे किसी छोटे बच्चे के तरहा बाबू जी की गोद मे उनकी छाती से चिपकी हुई थी. बाबू जी का लंड खिसक कर मेरे चुतड़ों की दर्रार मे से होता हुआ. लंड का सुपाड़ा मेरी गांद के छेद पर सॅट गया था. और सुपाडे से नीचे का हिस्सा पर मेरी चूत की फांकों को फैला कर मेरी चूत के छेद पर लगा हुआ था.

और जैसे ही मेरी चूत और गांद के छेद दोनो पर मेने बाबू जी के लंड को महसूस किया. मेरे बदन मस्ती मे अकड़ने लगा. और कमर अपने आप ही झटके खाने लगी. जिससे मेरी चूत बाबू जी के मोटे लंड पर रगड़ खाने लगी. मे मस्ती मे इस कदर चूर हो चुकी थी. मुझे किसी बात का ध्यान नही रहा. और मे मस्ती मे आकर धीरे-2 अपनी कमर को हिला कर लंड और गांद दोनो को बाबू जी के लंड पर रगड़ने लगी.

अभी: बोल मेरे रानी कैसा लग रहा है.

मे: अहह ओह बाबू जीए बहुत्त्त्त मज्जा एयेए रहा हाीइ नीचे बहुट्त गुदगुदी हो रही हाईईईई अहह ऑश ओह उईमाआअ उंह सीईईईईई बाबू जीईई ह

अभी: नीचे कहाँ.

मे: अहह बाबू जीई नीचे मेरी मुनिया पर्र अहह

अभी: और क्या कहते हैं. उसे मुझे ठीक से नाम लेकर बताओ.

मे: बाबू जीए मुझे शरम आआ रही हाईईइ.

अभी: अब मुझसे क्या शरमाना मेरी जान.

और अभी मेरे चुतड़ों को दोनो हाथों मे थामें अपनी कमर हिला कर अपने लंड को मेरी चूत और गांद की दर्रार मे रगड़ने लगा. मेरे पूरे बदन मे सरसारहात होने लगी. और मे बाबू जी और कस के चिपक गये.

अभी: बोल ना साली क्यों शरमा रही है.

मे: अजहह आह आह बाबू जीए धीरीई चूत्त्त्त पर्रर और्र्ररर

अभी: और कहाँ पर

मे: हन्न्न्न्न्न अहह और गाआअंड्ड़ पर्र ओह्ह्ह्ह बाबू जीईई.

मे अब ज़ोर-2 से सिसकारिया भर रही थी. बाबू जी ने अपनी कमर को हिलाना बंद कर दिया. और मुझे वैसे उठाए-2 ही बेड पर बैठ गये. और मेरे होंटो को अपने होंटो मे लेकर चूसने लगे. सुबह बाबू जी ने जैसे बताया था. मेने अपने होंटो को वैसे ही खोल दिया. और बाबू जी मेरे होंटो को चूसने लगी. उनके हाथ लगातार मेरे चुतड़ों को मसल रहे थी. और उन्होने ने मेरे चुतड़ों को मसल-2 कर लाल कर दिया था.

बाबूजी ने मेरे मुँह मे अपनी जीभ घुसा दी. और मे बाबू जी की जीभ को चूसने लगी. मुझे अब इस सब मे बहुत मज़ा आ रहा था. तभी अचानक बाबू जी ने मेरे मुँह मे अपना थूक उगल दिया. जैसे ही मेरे मुँह मे बाबू जी का थूक आया. मुझ पर वासना का नशा सा छा गया. और मे बाबू जी के होंटो को पागलों के तरहा चूसने लगी. और बाबू जी मेरे चुतड़ों को थामे मज़े ले रहे थे.

बाबू जी और मे करीब 10 मिनट तक ऐसे बैठे-2 एक दूसरे के होंटो को चूस्ते रहे. जब मे एक दम थक गयी. तो मेने अपने होंटो को हटा लिया. और तेज़ी से साँस लेने लगी. मेरे साँस उखड़ चुकी थी.इस पहले के मे अपनी साँसों को संभाल पाती. बाबू ने ने झुक कर मेरी एक चुचि को मुँह मे ले लिया.

जैसे ही बाबू जी ने मेरी चुचि को मुँह मे ले लिया. मेरी साँसें वहीं अटक गयी. बदन मे मस्ती की लहर दौड़ गयी. और पूरा का पूरा बदन जबरदस्त झटका खा गया. और अभी मेरी चुचि को मुँह मे लेकर मेरे निपल को चूसने लगा.

मे; आह बाबू जीईए ओह बहुट्त्त गुदगुदी हो रही हाई अहह बाबू जीईए और चूसो. ह ओह बाबू जीए जैसीई माआ की चुस्तीए हूऊ वैसी हीई अहह ओह्ह्ह्ह ओह्ह्ह उंह

मे इतनी मस्त हो चुकी थी. के मे अपनी आवाज़ को दबाने के लिए बाबू जी के कंधों पर अपने होंटो को रगड़ने लगी. मेरे होंटो की रगड़ को अपने बदन पर महसूस करके बाबू जी मेरी चुचि को और ज़ोर- 2 चूसने लगे. और मेरे चुतड़ों को ज़ोर-2 से मसलने लगे. मे बाबू जी की बाहों मे मस्ती मे आकर छटपटाने लगी. अब मुझेसे बर्दास्त करना मुस्किल हो रहा था. नीचे बाबू जी का लंड मेरी चूत के छेद पर रगड़ खा रहा था. मे तेज़ी से अपनी कमर हिलाने लगी. बाबू जी का लोहे जैसा सख़्त लंड मेरी चूत पर रगड़ खाने लगा. और मेरी चूत मे कुलबुलाहट होने लगी.

मे बाबू जी के बालों को अपनी उंगलियो से सहलाने लगी. अब मेरी चूत से पानी निकल कर बाबू जी के लंड पर गिरने लगा था. लंड की रगड़ चूत के छेद पर बहुत ज़्यादा बढ़ चुकी थी.

बाबू जी ने मेरी चुचि को मुँह से निकाल कर दूसरी चुचि को मुँह मे ले लिया. मेरे मुँह से फिर से ह ओहजहह बाबू जीए अहह बहुतत्तत्त मज्जा आआआअ रहा हाईईइ अहह और ज़ोर से चुसूओ ह ऐसे बेशर्मी से भरी हुई आवाज़े निकलने लगी. और मेरा बदन एंथने लगा. पूरा बदन अकड़ गया. जैसे मुझे कुछ हो रहा हो. मुझे समझ मे नही आ रहा था.

मुझे ऐसे लग रहा था. जैसे मेरा पेशाब निकलने वाला है.

मे: आह बाबू जीई छोड़ डूऊ अहह छोडर्र दूओ नाअ मेरीए पेशाब निकलेने वाला है,,

अभी मेरे बात को ध्यान दिए बिना और ज़ोर-2 से मेरे निपल को चूसने लगा. अभी ने मुझे मेरे चुतड़ों से पकड़ कर मेरी गांद को थोडा सा ऊपेर उठा दिया. और अपने लंड को अड्जस्ट करके लंड के सुपाडे को मेरी चूत के छेद पर लगा दिया. जैसे ही लंड का गरम सुपाड़ा मेरी चूत के छेद पर लगा. मेरे बदन मे और मस्ती छाने लगी. और मे अभी के लंड के सुपाडे को और तेज़ी से अपनी चूत को रगड़ने लगी.

मे: अह्ह्ह्ह बाबू जीईए अहह मेरा मूत निकलने वाला है.

अभी: (चुचि को मुँह से निकलते हुए) तो कर ले ना. मूत नही निकले गा. तू कर ले.

और मे और तेज़ी से अपनी कमर को हिला कर अभी के लंड के सुपाडे पर अपनी चूत को रगड़ने लगी. मेरा बदन एक दम से अकड़ गया. और मेरी चूत से पानी निकलने लगा.

मस्ती के कारण मेरी आँखें बंद हो गयी, मे पहली बार झाड़ रही थी. मे अपने दाँतों से अपने होंटो को काटने लगी. और चूत पानी छोड़ते हुए कमर झटके खाने लगी.

मे: ह बबुए जीईए मेरीए मूत्ततत निकल गय्ाआअ ह बाबू जीई ओह्ह्ह्ह ओह उंह सीईईईईई बाबू जीए

मेरी चूत ने पानी छोड़ दिया था. मे झाड़ कर शांत पड़ चुकी थी. और मुझे चरम सुख की अनुभूती हो चुकी थी. मे अपनी आँखों को बंद किए हुए अपने झड़ने का मज़ा ले रही थी.मेरे होंटो पर सन्तुस्ति से भरी मुस्कान आ गयी. अभी मुझे वैसे ही अपनी गोद मे लिए हुए घूम गया. और अब अभी मेरे ऊपेर आ गया. अभी मेरे ऊपेर से उठ कर बगल मे लेट गया.

अभी: (अपने लंड को सहलाते हुए) ये देख क्या कर दिया तूने.

मे अभी की बात सुन कर एक दम से घबरा गयी. जैसे ही मे उठ कर बैठी तो मेरी नज़र अभी के तने हुए लंड पर पड़ी. वो मेरी चूत के रस से एक दम भीगा हुआ था. मुझे समझ आ चुका था. कि ये मेरी चूत का रस है.

क्रमशः.................


raj..
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Re: मजबूरी--हालत की मारी औरत की कहानी

Unread post by raj.. » 15 Dec 2014 09:04

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gataank se aage.....................

Abhi ne neha ke hathon ko chod diya. Aur neha ke tshirt ko ooper karne laga. Neha ne teji se sanse lete hue. Apni ankhon ko band kar liya. Abhi ne neha ke tshirt ko ooper karke uske badan se nikal diya. Neha apne ankhon ko band kye. Teji se sanse lee rahi thee.

Abhi ne neha ke kamar ko dono hathon se pakad kar ghuma diya. Ab neha ke peeth abhi ke taraf thee. Aur abhi ne neha ke bra ke hooks ko bina der kye khol diya. Jaise jee neha ke bra ke hooks khule. Neha ne apni bra ko apne hathon se thaam liya.

Abhi neha ke bra ke straps ko kandhon se sarka kar neeche karne laga. Aur neha ke hathon ko bra se hata kar bra ko nikal kar phenk diya. Aur apne hathon ko agge lejakar neha ke chuchiyo ko apne hathon me pakad liya.

Jaise hee neha ne apne nangi chuchiyo par abhi ke hathon ko mahsoos kiya. Neha ek dum se kasmasen lagee. Aur uske munh se ahhhh ohhhhh babu jeeeeee nikalne laga.

Neha: ahhhhhhh babu jeeeeee kiya karr raheeeeee hain apppp ohhh mujhe kuch hoo raha haiiiiiiii ahhhhhh ahhhhhhhh babu jeeeee darddd hoooo rahaaa haiiii dheeree karooooo ahhh uimaaaaa siiiiii

Abhi ne neha ke chuchiyo ko maslete hue apne honto ko neha ke nangi peeth par rakh kar ragrana chalu kar diya. Neha ek dum se til mila uthi. Aur diwar par apne hathon ke nakhun se kurden lagee. Wo lagatar siskarya bhar rahi thee. Abhi ne apna ek hath neha ke chuchi se hata kar uske skirt ko ooper kar diya. Mote naram chutdon par rakh kar dheere -2 sahlane laga.

Neha: ahhhhhh babu jeeeeee umhhhhhh bussssss karoooo naaaaa uffffff uiimaaaaa bussss ahhhh bussss karooo umhhhhhhh

Abhi neha ke baton par dhyaan dye bina neha ke peth ko choom raha tha. abhi ne neha ke chuchi se doosra hath bhee hata liya. Aur ab dono hathon se neha ke chutdon ko dobach kar dheere-2 maslane laga. Neha ahhhh uiiiimaaaa ahhhhhhh babu jeeeeee karte hue kasmasa rahi thee.

Ab agge ke kahani neha ke jubani… shuru ho karti hun.

Ab agge ke kahani neha ke jubani… shuru ho karti hun.

Babu jee mere peeth ko chomate hue neeche mere chutdon ke taraf badh rahe thee. Mere sansen teji se chal rahi thee. Apen kunware badan par pehali baad mardana honto ka saparsh paa kar. Mere bura haal ho chuka tha. mere sanse ukdh rahi thee. Aur hath pair masti aur romanch ke maare kanap rahe thee. Choot se pani nikal kar phankon tak phunch gaya tha.

Me apni awaz ko dabane ka pori kosish kar rahi thee. Par mere munh siskaryan badstoor nikal rahi thee. Abhi mere chutdon ko dono hathon se maslte hue. Neeche ke aur jhuka ja raha tha. kuch hee palon me abhi mere peeche ghutno ke bal baitha tha. mene peeche face karke apni wasna se bhari ankhon se dekha.

Abhi ke ankhon me ajeeb se chamak thee. Abhi ne mere panty ko jo ki jaangho me atki hui thee. Ko pakad kar neeche karna chalu kar diya. Jaise hee mere panty mere pairon me aye. Abhi ne mere dono pairo ko bari-2 uth kar panty ko nikal kar ek taraf phenk diya. Aur phir mere skirt ke hooks ko kholane laga. Mera dil ab joron se dhadak raha tha.

Abhi ne mere skirt ke hooks khol daye. Jisse skirt mere kamar par dheele ho gaye. Aur kamar se sarak kar mere pairo me aa giri. Mere poora badan kanap raha tha. abhi ne ghutno ke bal baithe-2 apne underwear ko nikal diya. Mere ankhen abhi ke mote lund par gadh gaye. Dil ne dhadkana band kar diya. Ajj pehali baar mene abhi ke lund ko itne kareeb aur gor se dekha tha. abhi ke mote lund ko dekh mere choot me sarsarhat hone lagee. Under wear nikal kar abhi ne apne dono hathon se mere chutdon ko pakad kar faila diya. Me sharam ke mare mari ja rahi thee.

Mere gaand ka ched babujee ke ankhon ke samne tha. jise dekh kar unki ankhon ke chamak badh gaye. Phir babu jee ne apna ek hath hata liya. Aur apen lund ko teji se hilate hue khade ho gaye. Aur ek hath se mere dono chutdon ko faila kar apne lund ke mote supaaDe ko mere gaand ke ched par tika diya.

Mote lund ke garam supaaDe ko apne gaand ke ched par mahsoos karke mere badan me current doud gaya. Mere ankhen band ho gaye. Aur mera poora badan jhatke khane laga. Lund ka supaaDe ne gaand ke ched me ajeeb se siharan paida kar dee thee.

Babu jee apne lund ke supaaDe ko mere gaand ke ched par tika kar apne dono hathon ko hata liya. Aur mujhe apni bahon me bhar liya. Aur mere face ko peeche mod kar mere gallon ko chame lagee. Babu jee ke honto ko apne gallon me mahsoos karte hee. Mere badan me ajeeb se siharan aur masti doud gaye. Babu jee ke lund ka supaaDe mere gaand ke ched par laga hua tha. jo mujhe bahut hee majja de raha tha.

me: ahhhh babu jeee kiya karrrr rah hooooo. Ahhhhhhhh

abhi: kyon kiya hua achcha nahi lag raha.

Me: ahhhhh achha lag raha haii. Bahut achcha….

Babujee ne achank peeche hokar mujhe apne aur ghuma liya. Aur mere gore badan ko dekhane laga. Uski nazar mere teji se saans lene ke karan ooper neeche ho rahi chuchiyo se lekar mere jaangho ke beech me kasi hui choot tak ka muayana kar rahi the.

Babu jee jise mujhe dekh rahe the. Me unse nazren nahi mila paa rahi thee. Me sharam ke maare unke samne sar jhuka kar khadi thee.abhi ne mera hath pakad kar apni taraf kheencha. Par me sharam ke karan unki taraf nahi badhi. Unhone ne phir se mujhe jor laga kar apni taraf kheencha. Aur is baar mera nanga badan abhi ke badan se chipak gaya.

Mere tani hui thos chuchiya babu jee ke chodi chatti me dhans gaye. Babu jee ke badan ka sparash mujhe andar tak hila raha tha. me apne hathon ko babu jee kandhon par rakh kar unse thoda sa fansla baanen ke kosish kar rahi thee.

Abhi: (mere ankhon me dekhate hue) ab to apni bahon ka haar mere galle me daal do rani kyon sharama rahi ho. Aa mere chatti se lag ja.

Mene sharmate hue naa me sar hila diya.

Abhi: kiya hua ab bhee sharama rahi hai. kyon tadhopa rahi hai mujhe. Ek baar mere badan se chipak jaa. Phir dekhana me tujhe jannat ke sair karta hun.

Me abhee bhee sharma rahi thee. Akhir ye sab mere liye bikul naya tha. aaj tak maa ne bhee mujhe bada hone ke baad nanga nahi dekha tha. aur aaj me kisi anjaan ladke ke samne bina kapdho ke khadi thee. Aur wo mujhe apne bahon me aane ke liye keh raha tha. babu jee ne mere chutdon ko kas ke pakad liya. Mee phir se sharma kar naa me sar hila diya.

Abhi: nahi ?

Mee phir se sharmate naa me sar hilane lagee babu jee phir se bole dekh lo mere badi-2 aurton ko apne vash me kiya hai. khud lago gee yaan me lagaun. Me waise hee naa me sar hilati rahi. Babu jee mere chutdon ko pakad kar dono taraf faila diya. Me ek dum se kasmasa uthi. Babu jee phir se poochane lagee…

Me: ahhhh babu jeee nahi…..

Abhi: (mere chutdon ko faila kar maslte hue) nahi dekh le…

Me: ahhhh babu jeeeee chodrrrr doooo naaa.

Abhi: tun aise nahi mangee.

Aur babu jee ne mere chutdon ko pheka kar apni ek ungli ko mere gaand ke ched par laga diya. Me ek dum se machal uthi. Mere hath pair kanpane lagee. Babu jee dheere -2 apni ek ungli ko mere gaand ke ched me ghusane lagee. Mujhe par wasna ka bhoot sawar ho chuka tha. me babu jee se ek dum chipak gaye. Aur apni bahon me babu jee ke sar ko kaske lappet liya. Babu jee mujhe apne se chipake hue. Mere gaand ke ched ko ungli se kured rahe thee.

Mere poore badan me masti ke lehar doud rahi thee. Mera poora badan masti aur sardi dono ke maare kaanap raha tha. babu jee ke aogsh me aakar mujhe bahut sakun aur sukh ke Rachnabahuti ho rahi thee. Mere dil joron se dhadak raha tha. aur mere chuchayan babu jee ke chatti me dhansi hui thee.

Babu jee: abhee bhee nahi.

Me: ahhhhhhh siiiiiiiii babu jeeeeee umhhhh maa ohhhhhhh ufffffff babu jeeeeeee nahi

Mere munh se abhee bhee naa hee nikal raha tha. par me babu jee se ek dum nangi hokar chipaki hui thee. Aur mere hath babu jee ke peeth par kase hue thee. Babu jee mere kano aur gallon ko apne munh me lekar chus rahe thee. Aur babu jee ka mota lund mere nabhi ke neeche ragar kha raha tha.

Phir babu jee ne mere chutdon se apne hathon ko hata kar mere jaangho ko pakad liya. Aur mujhe khade-2 ooper utha liya. Jaise hee babu jee ne mujhe ooper uthaya. Mere pair babu jee kamar me lipat gaye. Aur me kisi chote bache ke tarhan babu jee ke godh me unsi chaat se chipki hui thee. Babu jee ka lund khisk kar mere chutdon ke darrar me se hota hua. Lund ka supaaDe mere gaand ke ched par sat gaya tha. aur supaaDe se neeche ka hissa par mere choot ke phankon ko faila kar mere choot ke ched par laga hua tha.

Aur jaise hee mere choot aur gaand ke ched dono par mene babu jee ke lund ko mahsoos kiya. Mere badan masti me akden laga. Aur kamar apne aap hee jhatke khane lagee. Jisse mere choot babu jee ke mote lund par ragar kahane lagee. Me masti me is kadar chur ho chuki thee. Mujhe kisi baat ka dhyaan nahi raha. Aur me masti me aakar dheere-2 apne kamr ko hila kar lund aur gaand dono ko babu jee ke lund par ragadne lagee.

Abhi: bol mere rani kaisa lag raha hai.

Me: ahhhhh ohhhhhhh babu jeee bahutttt majja aaa raha haiii neeche bahutt gudgudi ho rahi haiiiii ahhhhhhh ohhhh ohhhhh uimaaaaa umhhhh siiiiiii babu jeeeeee ahhhh

Abhi: neeche kahan.

Me: ahhhhhh babu jeeee neechee meree munaya parr ahhhhhh

Abhi: aur kiya kehate hain. Usse mujhe theek se naam lekar baton.

Me: babu jeee mujhe sharam aaaa rahi haiiii.

Abhi: ab mujhese kiya sharmana mere jaanaa.

Aur abhi mere chutdon ko dono hathon me thamen apni kamar hila kar apne lund ko mere choot aur gaand ke darrar me ragadne laga. Mera poora badan me sarsarhat hone lagee. Aur me babu jee aur kas ke chipak gaye.

Abhi: bol na saali kyon sharama rahi hai.

Me: ajhhh ahhh ahhh babu jeee dheereeee chootttt parrr aurrrrr

Abhi: aur kahan par

Me: hannnnnn ahhhhh aur gaaaaandd parr ohhhh babu jeeeeeee.

Me ab jor-2 se siskaryan bhar rahi thee. Babu jee ne apni kamar ko hilana band kar diya. Aur mujhe waise uthaye-2 hee bed par baith gaye. Aur mere honto ko apne honto me lekar chusne lagee. Subah babu jee ne jaise batya tha. mene apne honto ko waise hee khol diya. Aur babu jee mere honto ko chusne lagee. Unke hath lagatar mere chutdon ko masal rahe thee. Aur unhone ne mere chutdon ko masal-2 kar lal kar diya tha.

Babujee ne mere munh me apni jeebh ghusaa dee. Aur me babu jee ke jeebh ko chusne lagee. Mujhe ab is sab me bahut majja aa raha tha. tabhi achank babu jee ne mere munh me apna thook ugal diya. Jaise hee mere munh me babu jee ka thook aya. Muj par wasna ka nasha sa cha gaya. Aur me babu jee ke honto ko paglon ke tarhan chusne lagee. Aur babu jee mere chutdon ko thame majje le rahe thee.

Babu jee aur me kareeb 10 min tak aise baithe-2 ek doosre ke honto ko chuste rahe. Jab me ek dum thak gaye. To mere apne honto ko hata lya. Aur teji se saans lene lagee. Mere saans ukhad chuki thee.iss pehale ke me apni sanson ko sambhal pati. Babu je ne jhuk kar mere ek chuchi ko munh me le liya.

Jaise hee babu jee ne mere chuchi ko munh me le liya. Mere saansen wahin atak gaye. Badan me masti ke lehar doud gaye. Aur poora ka poora badan jabardast jhatka kha gaya. Aur abhi ne mere chuchi ko munh me lekar mere nipple ko chusne laga.

Me; ahhh babu jeeeee ohhhhh bahuttt gudgudi ho rahi haii ahhhhhh babu jeeeee aur chuso. Ahhhh ohhhhhhh babu jeee jaiseeee maaa kee chusteee hoooo waisee heeee ahhhhh ohhhh ohhh umhhhhhh

Me itni mast ho chuki thee. Ke me apni awaz ko dabane ke liye babu jee ke kandhon par apne honto ko ragadne lagee. Mere honto ko ragar ko apne badan par mahsoos karke babu jee mere chuchi ko aur jor- 2 chusne lage. Aur mere chutdon ko jor-2 se maslane lagee. Me babu jee ke bahon me masti me aakar chatpaten lagee. Ab mujhese bardast karna muskil ho raha tha. neeche babu jee ka lund mere choot ke ched par ragar kha raha tha. me teji se apni kamar hilane lagee. Babu jee lohe jaise sakht lund mere choot par ragar khane laga. Aur mere choot me kulbulahat hone lagee.

Me babu jee ke balon ko apni unglyhon se sahlane lagee. Ab mere choot se pani nikal kar babu jee ke lund par giren laga tha. lund ke ragr choot ke ched par bahut jyaada badh chuki thee.

Babu jee ne mere chuchi ko munh se nikal kar doosri chuchi ko munh me le liya. Mere munh se phir se ahhhh ohjhhh babu jeee ahhhhhh bahuttttt majja aaaaaaa raha haiiii ahhhhh aur jor se chusooo ahhhh aise besharmi se bhari hui awzen nikalne lagee. Aur mera badan enthane laga. Poora badan akad gaya. Jaise mujhe kuch ho raha ho. Mujhe samj me nahi aa raha tha.

Mujhe aise lag raha tha. jaise mera peshab nikalane wala hai.

Me: ahhh babu jeeee chod doooo ahhhhh chodrr dooo naaa mereee pehsab nikaleen wala hai,,

Abhi mere baat ko dhyaan dye bina aur jor-2 se mere nipple ko chusne laga. Abhi ne mujhe mere chutdon se pakad kar mere gaand ko thoda sa ooper utha diya. Aur apne lund ko adjust karke lund ke supaaDe ko mere choot ke ched par laga diya. Jaise hee lund ka gram supaaDe mere choot ke ched par laga. Mera badan me aur masti chane lagee. Aur me abhi ke lund ke supaaDe aur teji se apni choot ko ragadne lagee.

Me: ahhhh babu jeeeee ahhhhhhh mera moot nikalne wala hai.

Abhi: (chuchi ko munh se nikalte hue) to kar lee na. moot nahi nikle ga. Tun kar lee.

Aur me aur teji se apni kamar ko hila kar abhi ke lund ke supaaDe par apni choot ko ragadne lagee. Mere badan ek dum se akad gaya. Aur mere choot se pani nikalen laga.

Masti ke karan mere ankhen band ho gaye, me pehali baar jhad rahi thee. Me apne danton se apne honto ko katen lagee. Aur choot pani chodte hue kamar jhatke khane lage.

Me: ahhhh babue jeeeee mereee mootttt nikal gayaaaaa ahhhh babu jeeee ohhhh ohhhhh umhhhh siiiiiii babu jeee

Mere choot ne pani chod diya tha. me jhad kar shant padh chuki thee. Aur mujhe charam sukh ke Rachnabahuti ho chuki thee. Me apni ankhon ko band kye hue apne jhden ka majja le rahi thee.mere honto par santusti se bhari muskan aa gaye. Abhi mujhe waise hee apni godh me laye hue ghoom gaya. Aur ab abhi mere ooper aa gaya. Abhi mere ooper se uth kar bagal me let gaya.

Abhi: (apen lund ko sahlate hue) ye dekh kiya kar diya tune.

Me abhi ke baat sun kar ek dum se ghabra gaye. Jaise hee me uth baithi to mere nazar abhi ke tane hue lund par padi. Wo mere choot ke ras se ek dum bheega hua tha. mujhe samaj aa chuka tha. ke ye mere choot ka ras hai.

kramashah.................


raj..
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Re: मजबूरी--हालत की मारी औरत की कहानी

Unread post by raj.. » 15 Dec 2014 09:05

29

गतान्क से आगे.....................

अभी: अब देख क्या रही है. चल इसे जल्दी से सॉफ कर.

मे बेड से उतर कर अपनी टीशर्ट उठाने लगी.

अभी: ये क्या कर रही है.

मे: शरमाते हुए) बाबू जी पहनने जा रही थी.

अभी: क्यों इसे रहने दो. और जाकर बाथरूम से कोई कपड़ा गीला करके ले आओ.

मे अभी से नज़रें नही मिला पा रही थी. मे वैसे ही सर झुकाए हुए बाथरूम की तरफ जाने लगी. अभी पीछे से मेरे मतकते हुए चुतड़ों को देख रहा था. मे बाथरूम मे घुस्स गयी. और एक कपड़े को गीला करके बाहर ले आई. और बेड के पास आकर खड़ी हो गयी.

अभी: अब वहाँ क्यों रुक गयी. जल्दी कर

मे बेड पर चढ़ गयी. और अभी की जाँघो के पास बैठ कर अभी के लंड को कपड़े से सॉफ करने लगी.

अभी: दूसरे हाथ से पकड़ कर सॉफ कर ना.

मेने अपने काँपते हुए हाथ से अभी के लंड को पकड़ लिया. मेरे हाथ मे अभी का लंड एक दम तना हुआ था. उसकी नसों का तनाव मुझे सॉफ महसूस हो रहा था. जैसे ही मेने बाबू जी के लंड को हाथ मे लिया. मेरा दिल धक से रह गया.

और मे धीरे-2 अभी के लंड को सॉफ करने लगी. जैसे ही मे अभी के लंड को सॉफ करने लगी. अभी के लंड का गुलाबी सुपाड़ा चॅम्डी पीछे खिसकने से बाहर आ गया. मेरी नज़र अभी के लंड के सुपाडे पर गढ़ गयी. मे चाह कर भी अपनी नज़रें अभी के छोटे सेब जैसे गुलाबी मोटे सुपाडे से हटा नही पा रही थी.

मेने किसी तरहा बाबू जी के लंड को सॉफ किया. और बाबू जी ने मेरे हाथ से कपड़ा ले लिया. और उठ कर बैठ गये.

बाबू जी: चल अब लेट जा.

मे बेड पर पीठ के बल लेट गयी. बाबू जी मेरी टाँगों को फैला कर बीच मे बैठ गये. और मेरे टाँगों को घुटनो से मोड़ कर ऊपेर कर दिया. फिर बाबू जी ने मेरी टाँगों को ऊपेर उठाते हुए. दोनो तरफ फैला दिया. मेरी चूत की फाँकें जो आपस मे सटी हुई थी. जाँघो के फैलने के कारण खुल गयी. और मेरी चूत का छेद बाबू जी की आँखों के सामने आ गया.

बाबू जी ने मेरे हाथों को पकड़ कर मेरी चूत की फांकों पर रखते हुए कहा.

बाबू जी: चल अब इसे हाथों से खोल. मे भी तो देखू तेरी चूत ने कितना लावा उगला है.

मे बाबू जी की बात सुन कर एक दम से शर्मा गयी. और अपनी आँखों को बंद कर लिया. और धीरे-2 अपने हाथों की उंगलियो से अपनी चूत की फांको को खोल दिया. अब मेरी कुँवारी चूत का गुलाबी रस से भरा छेद बाबू जी की आँखों के सामने था. मेने अपनी आँखों को थोड़ा सा खोल कर देखा. बाबू जी मेरी चूत के छेद को अपनी वासना से भरी नज़रों से देख रहे थे. उनके होंटो पर मुस्कान बिखर आई थी.

बाबूजी ने पहले उस गीले कपड़े से मेरी चूत और जाँघो पर लगे मेरे काम रस को अच्छे से सॉफ किया. और सॉफ करने के बाद कपड़े को बेड से नीचे फेंक दिया. फिर बाबू जी ने एक तकिये को उठा कर मेरे चुतड़ों के नीचे सेट कर दिया. जिससे मेरी चूत और ऊपेर की ओर हो गयी.

बाबूजी मेरी जाँघो को अच्छे से फैला कर मेरी चूत के ऊपेर झुकने लगी. मे दो बार मा को चुदते हुए देख चुकी थी. और मा को बाबू जी का लंड चूस्ते हुए भी. पर मुझे समझ मे नही आता था. कि आख़िर इतना गंदा काम करने से क्या होता है.

बाबू जी ने झुक कर मेरी चूत पर अपना मुँह रख दिया. और अपनी जीभ निकाल कर मेरी चूत के छेद पर रगड़ने लगे. जैसे ही बाबू जी के होन्ट और जीभ मेरी चूत पर मुझे महसूस हुए. मे एक दम से मचल उठी. और मेरे मुँह अहह ओह्ह्ह्ह जैसी सिसकारियाँ निकलने लगी. मे बाबू जी के सर को पीछे धकेलने लगी.

मे: अहह बाबू जीईई ईईए कियाअ कर राहीई हाईईईईईईईिन अहह अहह माआआ उईमाआअ माराआआअ नहियीई बाबू जीई नहियिइ मुझे कुछ हूऊओ रहा हाईईईई अहह उंह सीयी बाबू जीईए मे पागल हूऊ जौंगी. नहियीईई बाबू जीईए. ओह माआअ बस बबुऊउ जीए बुसस्स्स्स

जब बाबू जी ने मेरे ज़ोर लगाने पर भी अपने मुँह को मेरी चूत से नही हटाया. तो मेने अपने हाथों से बेड शीट को कस के पकड़ लिया. मेरा पूरा बदन कांप रहा था. मेरी कमर खुद बा खुद झटके खाने लगी. जैसे मे ही अपनी चूत को बाबू जी के होंटो पर रगड़ रही हूँ..

मुझे यूँ गरम होता देख बाबू जी और ज़ोर-2 से मेरी चूत के छेद को जीभ से चाटने लगे. मे मस्ती मे अहह ओह कर रही थी. मेरा मस्ती मे बुरा हाल हो चुका था.. मे पागलों की तरहा बिना किसी डर के चीख -2 के सिसकारियाँ भर रही थी.

चूत मे आग इस कदर बढ़ गयी थी. कि पूरी तरहा गरम हो चुकी थी. और बेड शीट को छोड़ कर मस्ती मे अपने ही बालों को नोचने लगी. मेने अपने होंटो को अपने दाँतों से ज़ोर-2 से काटना चालू कर दिया. और अपने सर को इधर उधर पटकते हुए बाबू जी से रुकने के लिए कह रही थी. पर बाबू जी पर मेरी किसी बात का असर नही हो रहा था.

ये तो बस शुरुआत भर थी. बाबू जी मेरी चूत और फांकों को जीभ से चाट रहे थे. फिर बाबू जी ने मेरी चूत की छोटी -2 फांकों को अपने होंटो मे कस कर खींचना चालू कर दिया. बाबू जी की ये हरकत मुझे और गरम कर रही थी.

फिर थोड़ी देर बाद बाबू जी ने अपना मुँह हटा लिया. और मेरी चूत की फांकों को अपने हाथों से पूरी तरहा खोल कर फैला दिया. और अपनी चमचमाती आँखों से देखने लगे. मे बाबू जी के सामने अपने जाँघो को फैलाए अपनी चूत उन्हे दिखा रही थी.

मे: बुसस्स्स बाबूजीए आब्ब्ब और्र्रर नही.

बाबू जी ने एक बार मेरी तरफ देखा. और फिर मुस्कराते हुए मेरी चूत को देखने लगे. और एक दम से झुक कर मेरी चूत के (क्लिट) उभरे आए दाने को मुँह मे भर लिया. मेरा बदन एक दम से अकड़ गया. दिल की धड़कन बंद हो गयी. जैसे अभी मेरी जान मेरी चूत से निकल जाएगी.

मेने अपनी आँखों को बंद करके अपनी साँसों को रोक लिया. मेरा पूरा बदन कांप रहा था. पर मे ज़्यादा देर अपने आप को रोके ना रख सकी. जैसे ही मेने साँस ली. मेरे मुँह से चीख निकल गयी. और पूरे कमरे मे गूँज गयी.

मे: (चिल्लाते हुए) अहह बाबू जीईई मे पागल हो जौंगीए अहह छोड़ डूऊऊ बुसस्स कारूव अहह ओह सीईईईई बाबू जीईई बुसस्स बुसस्स कारूव बुसस्स्स्स

बाबू जी मेरी बातों को अनसुना करते हुए मेरी चूत के क्लिट को मुँह मे भर कर चूस्ते रहे. मे एक दम पागल हो चुकी थी. और मेरी गांद बेड से 2-3 इंच ऊपेर की तरफ उछलने लगी. मेने अपने बालों को ज़ोर-2 से नोचना चालू कर दिया. मेरा बदन एंथने लगा. मे एक बार फिर से झड़ने के करीब थी.

मे अपनी गांद को उछालते हुए झड़ने लगी. बाबू जी ने अपना मुँह मेरी चूत से नही हटाया. मेरी चूत से पानी की नदी निकलने लगी. और मे पस्त होकर बेड पर लेट गयी. बाबू जी ने अपना मुँह मेरी चूत से हटा लिया. और घुटनो के बल बैठ गये.

मेने अपनी आँखों को बड़ी मुस्किल से खोल कर बाबू जी की तरफ देखा. उनके होंटो पर मेरी चूत का काम रस लगा हुआ था. बाबू जी मेरे ऊपेर झुक गये. और मेरे होंटो को अपने होंटो मे ले लिया. मेरे मुँह मे मेरी ही चूत के रस का स्वाद घुल गया. पहले थोड़ा सा अजीब लगा. पर फिर धीरे-2 मुझे मज़ा आने लगा. अभी मेरी चुचियो के निपल्स को मसल रहा था. और मे बाबू जी से अपने होंटो को चुस्वा कर मज़ा ले रही थी. मे दो बार झाड़ चुकी थी. पर फिर भी जवानी के कारण फिर से गरम होने लगी. बाबू जी का लंड मेरी चूत की फांकों पर रगड़ खा रहा था.

अभी ने अपने लंड को हाथ से पकड़ कर लंड के सुपाडे को मेरी चूत के छेद पर टिका दिया. जैसे ही अभी के लंड का सुपाड़ा मेरी चूत के छेद पर लगा. मेरे बदन मे करेंट दौड़ गया. मेने अपनी बाहों को अभी की पीठ पर कस लिया.

मे: अहह बाबू जीई बहुत्त्त्त्त्त्त्त्त्त्त्त्त्त मज्जा आ रहा है. ओह बाबू जीईए (अपने होटो को बाबू जीके होंटो से हटाते हुए)

बाबू ने झुक कर मेरी एक निपल को मुँह मे लिया. और चूसना चालू कर दिया. मेरा दिल जोरों से धड़क रहा था. बाबू जी के लंड का गरम सुपाड़ा मेरी चूत के छेद पर लगा हुआ था. मेरी चूत बाबूजी के लंड को महसूस करके सिकुड और फेल रही थी.

बाबू जी मेरी चुचियो को कस कस के चूस रहे थे. मेरी चुचियो के निपल्स कड़े होकर कर तन चुके थे. मे मस्ती मे अहह ओह कर रही थी. और बाबू जी की पीठ पर अपने हाथों से सहला रही थी. और अपनी चूत को ऊपेर की तरफ बाबू जी के लंड पर दबाने लगी.

मे: अहह बाबू जीईए करो नाआ .

बाबू जी: क्या करूँ मेरे रानी.

मे: आह वही जो अप्प्प माआ के सथ्ह्ह्ह करते हैंन्न्न्

बाबूजी: तो ठीक से बोल ना…

मे: आहह बाबू जीए मेरी ले लो.

बाबू जी: क्या ले लूँ तुम्हारी.

मे: अहह बाबू जीए चूत अहह जल्दीीई सीईए चोदो नाअ.

मेरी ऐसी रंडी जैसी बातों को सुन कर बाबू जी के होंटो पर मुस्कान आ गयी. और मेरी चूत पर अपने लंड को पकड़ कर लंड का सुपाड़ा रगड़ते हुए बोले.

बाबूजी: चोदु तुम्हें

मे: हाँ बाबू जीए..

बाबूजी: देख ले पहली बार थोड़ा दर्द होता है.

मे: अहह कोई बात नही बाबू जी.

बाबूजी: तो चीखना मत

मे: आह ठीक है बाबू जी.

अभी ने मेरी बगलों से अपनी बाहों को निकाल कर मेरे कंधों को कस के पकड़ लिया. और एक ज़बरदस्ता धक्का मारा.. बाबू जी का लंड मेरी चूत के टाइट छेद को फैलता हुआ सुपाडे तक अंदर घुस्स गया. मे दर्द से चिल्ला उठी. और छूटने के लिए छटपटाने लगी.

पर बाबू जी ने मुझे कस के पकड़ रखा था. मे ज़रा भी नही हिल पे. और बाबू जी के नीचे लेटी हुई कसमसाती रही. दर्द के मारे मेरी जान निकली जा रही थी.

मेरी आँखों के सामने एक पल के लिए अंधेरा सा छा गया. और आँखों मे आँसू आ गये. मे बाबू जी के नीचे से निकलने के छटपटा रही थी. उनसे उनका लंड निकालने के लिए कह रही थी.

मे: हाए अममाआ माराआआ डआलाआअ. ओह्ह्ह्ह ओह बाबू जीए इसे निकाल लो आह मरी रीए अहूओ माआ बहुत दर्द हूऊओ रहा है.

मुझे यूँ अपने नीचे चटपटाते हुए नीचे निकलने के कॉसिश करता देख. बाबू जी ने मुझे और ज़ोर से अपनी बाहों मे कस लिया. और एक के बाद एक 3 और जबरदस्त धक्के मारे. बाबू जी का मोटा लंड मेरी कुँवारी चूत की सील को तोड़ता हुआ. मेरी चूत को फाड़ कर पूरा अंदर घुस्स चुका था. और सीधा मेरी बच्चे दानी से जा टकराया.

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