गन्ने की मिठास compleet

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rajaarkey
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Re: गन्ने की मिठास

Unread post by rajaarkey » 14 Oct 2014 16:16

गन्ने की मिठास--21

गतान्क से आगे......................

रुक्मणी रमिया की मोटी-मोटी जाँघो और चूत पर अच्छे से साबुन लगा कर उसे नहला रही थी और चंदा रमिया के मोटे-मोटे दूध को अपने नाज़ुक हाथो से सहला रही थी, रमिया वही बैठी हुई मेरी ओर देख रही थी और मैं अपनी धोती मे खड़े लंड को सहला रहा था,

तभी सामने से रामू आ जाता है और वह आँगन की ओर देखने लगता है और मुस्कुराता हुआ मेरे करीब आकर कहता है बाबू जी आपको तो मज़ा आ जाएगा रमिया के दूध खूब कसे हुए है और उसकी चूत जब आप चतोगे तो आपको मस्त कर देगी खूब अपनी जंघे फैला-फैला कर चुदवाती है वह,

राज- रामू अब तुम जाकर चंदा को पूरी नंगी करके रुक्मणी के साथ उसे भी खूब रगड़-रगड़ कर नहला दो और रमिया को मेरे पास भेज दो

रामू जल्दी से आँगन मे गया और उसने रुक्मणी से कहा अब चंदा को भी नंगी करके नहलाना है और साथ मे तुम भी पूरी नंगी हो जाओ और रमिया तू जा बाबा जी तुझे बुला रहे है और जो पुच्छे उन्हे सब सही -सही बताना और जैसा कहे वैसा करना नही तो बहुत समस्या आ जाएगी समझी

रमिया- आप चिंता ना करो भैया मैं समझ गई और फिर रमिया मेरी ओर नंगी ही चल कर आने लगी मैने पहली बार इतने करीब से किसी लोंड़िया को पूरी नंगी देखा था मेरा लंड बुरी तरह फंफना रहा था, रमिया जैसे ही मेरे पास आकर खड़ी हुई, मैने उससे कहा बेटी जाकर कटोरी मे तेल लेकर आओ और फिर रमिया तेल लाने के लिए जैसे ही पलटी उसकी गुदाज मोटी गंद देख कर मुझे मज़ा आ गया बहुत ही गोरी और उठी हुई गंद थी उसकी,

उधर रामू ने रुक्मणी की साडी उतार दी और फिर ब्लौज और पेटिकोट भी उतार दिया और रुक्मणी पूरी नंगी हो गई, रुक्मणी ने चंदा को भी पूरा नंगा कर दिया, चंदा थोड़ी रमिया से छ्होटी थी लेकिन उसके मोटे-मोटे दूध रमिया के बराबर ही नज़र आ रहे थे और उसकी गंद भी रमिया की गंद के बराबर नज़र आ रही थी लगता था जैसे हरिया ने खूब अपनी बेटी के बोबे मसले होंगे और खूब उसकी गुदाज गंद को दबोचा होगा तभी तो दोनो लोंदियों के बदन की चर्बी अब बढ़ती हुई नज़र आ रही थी,

उधर रुक्मणी जब नंगी हुई तो मुझे फिर से मेरी मम्मी रति की याद आ गई रुक्मणी की गंद का फैलाव देख कर मैं कल्पना करने लगा कि मेरी मम्मी रति की गंद तो रुक्मणी की गंद से भी ज़्यादा चौड़ी नज़र आती है जब मम्मी नंगी होती होगी तो उसकी भारी गंद कितनी खूबसूरत लगती होगी, जहाँ मैने अपनी मम्मी के नंगे बदन के बारे मे सोचा मेरा लंड झटके देने लगा, रुक्मणी का गुदाज उभरा हुआ पेट और गहरी नाभि मुझे बार-बार मम्मी की याद दिला रही थी,

और मैं मन ही मन मे सोच रहा था कि कैसे भी करके मम्मी और संगीता को पूरी नंगी ज़रूर देखूँगा,

तभी रमिया मेरे पास तेल की कटोरी ले कर आ गई और मैने उससे कहा अब तुम मेरी तरफ पीठ करके बैठ जाओ और मैं तुम्हे तेल से पवित्र करता हू और फिर क्या था

रमिया मेरे सामने पीठ करके बैठ गई और मैने कटोरी से तेल लेकर जब अपना हाथ आगे ले जाकर रमिया के मोटे-मोटे दूध को अपने हाथो मे भर कर दबोचा तो मेरी हालत खराब हो गई उसके दूध खूब कठोर थे और मैं सोचने लगा जब रमिया के दूध जो कपड़े के उपर से छ्होटे दिखते है इतने गुदाज और कठोर है तो मेरी बहन संगीता के मोटे-मोटे बोबे तो उसके कपड़े के उपर से भी कितने मोटे-मोटे नज़र आते है जब संगीता के मोटे-मोटे दूध मैं अपने हाथो मे भर कर मसलूंगा तब कितना मज़ा आएगा,

उधर रामू बड़े प्यार से एक हाथ से चंदा के बोबे पर साबुन लगा रहा था और दूसरे हाथ से रुक्मणी की मोटी गंद के नीचे हाथ लेजाकार उसकी गंद और चूत मे साबुन लगा रहा था और खूब मसल रहा था, दोनो रंडिया भी मस्ती मे नज़र आ रही थी और रुक्मणी भी चंदा के एक बोबे को मसल कर दबा रही थी और चंदा अपनी मा की चूत मे साबुन लगा रही थी तीनो एक दूसरे के सामने मूतने वाले अंदाज मे नंगे बैठे थे रामू का लोडा ही बस धोती मे क़ैद था ,

कुछ देर बाद जब रामू उन दोनो रंडियो को नहला चुका तब उसने वही से मेरी ओर देखा तब मैने उसे तेल की कटोरी ले जाने को कहा और रामू से कह दिया कि तुम वही सामने दोनो के बदन पर खूब अच्छे से तेल लगाओ लेकिन ध्यान रहे शरीर का कोई भी हिस्सा बचना नही चाहिए,

रामू ने दोनो के पिछे जाकर पहले उनकी पीठ पर तेल डाल कर मसलना शुरू कर दिया और मैं सामने का मस्त नज़ारा देखता हुआ रमिया के मोटे-मोटे बोबे खूब कस-कस कर मसल रहा था,

रमिया- आह सी सी

राज- क्या हुआ बेटी क्या दर्द हो रहा है

रमिया- आह नही बाबा जी बहुत अच्छा लग रहा है,

राज- तुम्हारा भाई रामू इन्हे दिन भर खेतो मे खूब दबाता है ना

रमिया- हाँ बाबा जी भैया मुझे खेतो मे पूरी नंगी करके ही रखते है और दिन भर मुझे चोद्ते है,

rajaarkey
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Re: गन्ने की मिठास

Unread post by rajaarkey » 14 Oct 2014 16:17

राज- तुम्हारा भाई रात को तुम्हारी मम्मी को भी चोद्ता है ना

मेरी बात सुन कर रमिया ने मेरा हाथ पकड़ कर अपनी चिकनी चूत पर रख दिया और मैने उसकी मस्त भोसड़ी को अपने हाथो मे भर कर दबोच लिया,

रमिया- हाँ बाबा जी भैया सोचते है मैं सो जाती हू और मा भी मुझे एक दो बार हिला कर देख लेती है लेकिन जब मैं नही उठती हू तब भैया उठ कर मम्मी का घाघरा और चोली उतार कर उन्हे पूरी नंगी कर देते है,

राज- फिर क्या करता है तुम्हारा भाई तुम्हारी मम्मी के साथ,

रमिया- बाबा जी रामू भैया फिर मम्मी को नंगी करके उन्हे झुका देते है और उनकी गंद के पीछे जाकर अपनी जीभ निकाल कर मम्मी की गंद और चूत के छेद को कम से कम आधे घंटे तक चूस्ते और चाटते है

राज- तुमने देखी है अपनी मम्मी की चूत और गंद, कैसी लगती है सुधिया की चूत और गंद

रमिया- अरे बाबा जी आप तो मेरी मा का नाम भी जानते हो, बाबा जी मेरी मा की चूत मेरी चूत से बहुत बड़ी है और उसकी चूत का छेद भी बहुत बड़ा है और गंद तो बहुत ही मोटी है रुक्मणी चाची से डबल है मेरी मा की गंद,

सामने रामू बड़े ही जोश मे दोनो मा बेटियो के पूरे बदन मे तेल लगा चुका था और दोनो रंडियो का बदन पूरी तरह तेल मे चमकाने लगा था आज तो मेरा दिन बहुत अच्छा था तीन-तीन रंडिया एक साथ नंगी देखने को मिल रही थी, मैं बिल्कुल जल्दी नही करना चाहता था और रुक्मणी को तो मैं अपने प्लॅनिंग के हिसाब से आज पूरी रात नंगी करके चोदना चाहता था,

मैने रमिया की चूत मे एक उंगली पूरी डाल कर उसके तेल मे भीगे मोटे अमरूदो को कस कर दबाते हुए कहा बेटी तुम दिखने मे तो बहुत शांत लगती हो लेकिन तुमसे बात करने पर लग रहा है जैसे तुम बहुत चंचल और नटखट हो, क्या तुमने रामू के अलावा भी किसी से अपनी चूत मरवाई है.

रमिया- नही बाबा जी हमे तो रामू भैया से चुदना ही अच्छा लगता है पर जब रामू भैया अपने मोटे लंड से मा के चूतादो को खूब नंगी करके थोन्क्ते है तब मुझे उनकी ठुकाई की ठप-ठप की आवाज़ से बहुत मज़ा आता है ऐसा लगता है कि रामू भैया मम्मी की मोटी गंद मे खूब ज़ोर-ज़ोर से अपने लंड को मारे,

आप नही जानते बाबा जी कभी-कभी तो मा नंगी खड़ी होकर रामू भैया के मूह मे मूतने लगती है और रामू भैया मा की पूरी चूत को अपने मूह मे भर कर उनका मूत चाटने लगते है तब मा खड़ी-खड़ी ऐसे अपनी चूत रामू भैया के मूह पर मारती है कि उसकी गंद को मटकती देख कर मेरा भी पानी निकल आता है,

रमिया की बात सुन कर मेरा लोडा एक दम से मेरी धोती से बाहर झाँकने लगता है और मैं अपने लंड के टोपे को सहलाते हुए रमिया को उठा कर अपनी ओर घुमा लेता हू और उसके नंगे बदन को खूब कस कर अपने सीने से दबा लेता हू, रमिया अपनी जंघे चौड़ी करके किसी बंदरिया की तरह मेरी छाती से चिपक जाती है,

जब रामू ने मेरी ओर देखा तो मैने उसे इशारे से दोनो को आराम से कमरे मे लाकर चोदने को कहा तब रामू ने दोनो रंडियो को कमरे मे चलने को कहा दोनो मा बेटी पूरी नंगी जब मेरे सामने से गुज़री तो उनका तेल से लथपथ बदन देख कर मेरा पानी छूटते-छूटते रह गया,

रामू और रुक्मणी ने चंदा को लेटा दिया और रामू ने अपना लंड निकाल कर चंदा के मूह मे दे दिया और चंदा उसे बड़े प्यार से चाटने लगी इधर रुक्मणी ने चंदा की जाँघो को खूब फैला दिया और उसकी चूत को चूसने लगी, अंदर का दरवाजा खुला था जहाँ से सीधे रमिया और मुझे अंदर का सारा नज़ारा दिखाई दे रहा था, मैने धीरे से रमिया से कहा बेटी तुम भी लंड चूसना चाहती हो ना


rajaarkey
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Re: गन्ने की मिठास

Unread post by rajaarkey » 14 Oct 2014 16:18

रमिया- हाँ बाबा जी

राज- ठीक है तो आज हम तुम्हे अपना लंड चूसाएगे बोलो चुसोगी

मेरा इतना कहना था कि रमिया ने मेरा लंड पकड़ कर बाहर निकाल लिया और जैसे ही मेरे खड़े मोटे लंड को देखा तो उसकी आँखे खुली की खुली रह गई,

राज- क्या देख रही हो बेटी

रमिया- बाबा जी आपका लंड तो बहुत बड़ा और मोटा है आपका लंड तो भैया से भी दोगुना नज़र आ रहा है

राज- बेटी तुम्हारे जैसी जवान लोंदियो को ऐसे ही मोटे लंड से ज़्यादा मज़ा आता है, क्या तुम नही चाहती कि तुम्हारी गंद और चूत का छेद तुम्हारी मा सुधिया जैसा हो जाए,

मेरा इतना कहना था कि रमिया ने मेरे लंड के टोपे को अपनी जीभ निकाल कर चाटना शुरू कर दिया और मैं झुक कर उसके मोटे-मोटे बोबे को खूब कस कस कर मसल्ने लगा,

रमिया को अपना लंड चूसा-चूसा कर रामू ने एक दम उसे एक्सपर्ट बना दिया था और वह बड़े ही मस्त तरीके से मेरा लंड चूस रही थी, उधर रामू एक हाथ से चंदा के बोबे मसल रहा था और दूसरे हाथ से रुक्मणी चाची की मस्त चिकनी चूत को बड़े प्यार से सहला रहा था, रुक्मणी भी पूरी मस्ती मे चंदा की रसीली चूत चाट रही थी, चंदा रामू के लंड को अपने हाथो मे भर-भर कर दबोच रही थी,

रुक्मणी- रामू चंदा की चूत का छेद कितना बड़ा लग रहा है जैसे यह रोज चुदवाती हो

रामू- अरे नही चाची आज कल की लोंदियो की चूत का गुलाबी छेद जल्दी ही उनकी उमर के साथ बढ़ने लगता है रमिया की चूत का छेद तो चंदा की चूत से भी बड़ा नज़र आता है लगभग तुम्हारी चूत के जैसा दिखने लगा है,

रुक्मणी- मुस्कुराते हुए और अपनी मा सुधिया के भोस्डे के बारे मे क्या ख्याल है तेरा,

रामू- चाची की चूत मे उंगली पेल कर उसे चूमता हुआ हे चाची क्यो मा की मस्तानी छूट की याद दिलाती हो चलो मेरा मोटा लंड एक बार तुम चूस कर अपनी बेटी की गुलाबी चूत मे लगाओ और तुम चंदा के मूह के पास आकर बैठ जाओ और अपनी जंघे फैला लो ताकि मैं तुम्हारी बेटी को चोद्ते हुए उसकी मा की रसीली फूली हुई बुर को चूस सकु और फिर रामू ने अपने लंड को रुक्मणी के मूह मे दे दिया और रुक्मणी ने उसे अच्छे से चूसना शुरू कर दिया

रमिया लगातार मेरे लंड को खूब दबोचे जा रही थी और मैने अपने दोनो हाथो से उसके मोटे-मोटे दूध दबा-दबा कर लाल कर दिए थे उसका गुलाबी निप्पल बहुत कड़ा हो गया था और उसे मैं अपने होंठो से खूब दबा-दबा कर चूस रहा था, फिर मैने रमिया की दोनो जाँघो को खूब फैला दिया और सच आज पहली बार किसी जवान लोंड़िया की चिकनी चूत देख रहा था मैने उसकी चूत की फांको को फैला कर उसके गुलाबी रस से भीगे छेद को चाटने लगा और रमिया ओह बाबा जी सी आह बहुत अच्छा लग रहा है और चतो आह आह करने लगी,

उधर रुक्मणी ने रामू के लंड को पूरा गीला कर दिया और फिर उसे अपनी बेटी चंदा की मस्तानी चूत से लगा कर रामू की ओर इशारा किया और रामू ने सटाक से एक करारा धक्का चंदा की चूत मे मार दिया और चंदा आसानी से रामू के लंड को पूरा अंदर उतार गई और रामू उसकी चूत मे चढ़-चढ़ कर उसे चोदने लगा चंदा सिसकिया लेती हुई अपनी मा के बोबे से खेलने लगी और रामू चंदा के उपर लेट गया और अपने मूह को रुक्मणी चाची की चूत से सटा कर उसकी बुर चाटते हुए चंदा को खूब कस कस कर ठोकने लगा,

मुझे रमिया की चूत का रस पागल किए जा रहा था मैं जितनी बार रमिया की चूत का रस चूस्ता उसकी चूत और भी रस छ्चोड़ने लगती, रमिया मेरे सर को अपनी चूत मे दबाती हुई कह रही थी, ओह बाबा जी आप तो रामू भैया से भी अच्छा चूस्ते हो, ओह बाबा जी खा जाओ मेरी चूत को फाड़ दो बाबा जी आह आह सी ओह मा मर गई

क्रमशः........


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