मैं तेरा आशिक़

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rajaarkey
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Re: मैं तेरा आशिक़

Unread post by rajaarkey » 21 Dec 2014 18:03

मैं तेरा आशिक़--2

गतान्क से आगे………………………..

डॉली एक दम से उठी और कॅट्वाक करते हुए चलकर टेबल पर बैठ गई और कहा ओह येआः डॉली के दो बूब्स बाहर दिख रहे थे जो कि कुछ )( में दिख रहे थे

डॉली – आपकी रोज़ी रोटी आज छिन चुकी है मेरे खिलाफ ग़लत लव्ज़ यूज़ करने वाला अभी कोई पैदा नही हुआ और तुम दोनो बर्खास्त किए जाते हो यू बोथ फाइयर्ड

समीर तो जैसे चिला पड़ा – मॅम व्हाट यू’आर टॉकिंग मॅम ऐसा मत करिए मॅम मेरे बीवी बच्चे है अगर मैं ये जॉब नही कर सका तो अपनी फॅमिली को कैसे चला पाउन्गा

डॉली – ओह शट अप आइ डॉन’ट केअर हां जब मेरे हिप्स और पुसी के बारे में तुम बात कर रहे थे तब तो बड़ा मज़ा आ रहा था रोज़ी रोटी कम और बिस्तर के बारें में ज़्यादा बाते हो रही थी इज़्न’ट इट

दीपक – मॅम ये सब ग़लत है हमने ऐसा कुछ नही कहा प्लीज़ बिलीव अस

डॉली – ये टेप्स तो झूठ नही बोलेगी जब आप लोग ललिता के कॅबिन में थे मैने रेकॉर्डिंग्स से आपकी सारी बाते सुन ली और अब आइ हॅव डिसाइडेड कि आप को जॉब से बर्खास्त किया जाता है

दीपक तो जैसे मन ही मन डॉली को गाली दे रहा था

डॉली ने उसपर नज़र गढ़ाते हुए कहा सुधीर जी

सुधीर झटके में रूम में आए और कहा यस मॅम

डॉली – इनके रेजिग्नेशन अप्लिकेशन बनाइए दे बोथ आर फाइयर्ड

सुधीर के सर पर शिकायत की लहर दौड़ गयी और कहा क्यू क्यू मॅम

डॉली – मुझे किसी को एक्सप्लेन देने की ज़रूरत नही जितना कहा है उतना कीजिए अनलेस मेरे गार्ड्स इन्हे धक्के मारके यहाँ से निकालेंगे आंड देन कहीं तो क्या किसी ऑफीस में काम करने के लायक नही रहेंगे

सुधीर ने झट से सर हिलाया और कहा ओके ओके मेडम

ए तुम दोनो निकलो

समीर और दीपक काफ़ी रिक्वेस्ट करने लगे अपनी बातों के लिए माँफी माँगी पर शायद डॉली के चेहरे पर ब्राउन चश्मे ने दया करने की वो भावना उसकी आँखो से मिटा ली थी

सब लोग हैरत से दोनो को देख रहे थे उनको ऑफीस से बेज़्ज़त होते देख सब की हँसी छूट गयी और कॅबिन में डॉली की एक कातिल मुस्कुराहट

26थ डिसेंबर 2011

ऑफीस – शर्मा इंडस्ट्रीस

रात के सवा दस बज चुके थे और यहाँ डॉली ऑफीस में बैठी काम कर रही थी इतने में सुधीर रूम में एंटर हुआ और पूछा अरे मॅम आप गयी नही

डॉली ने पीछे पलट कर कहा – हां वो मैं बस जा ही रही थी ये हमारी लास्ट सिगमेंट है

सुधीर – आपने तो इस इंडस्ट्री को उचाईयो में पहुचा दिया है अब आपको इतनी मेहनत की क्या ज़रूरत

डॉली – वो कहावत तो सुनी ही होगी अगर इमारत की एक इंट हटा दी जाए तो वो इमारत को कमजोर होने में समय नही लगता और ऐसे में वो इमारत कभी भी गिर सकती है एनीवेज आप ऑफीस से चले जाइए न्यू यियर्ज़ के लिए तो ऑफीस 5 डेज़ के लिए बंद रहेगा

सुधीर – आप चाहे तो मैं रुक सकता हू

डॉली – कोई ज़रूरत नही आइ रियली अप्रीशियेट इट आप जा सकते है

सुधीर – ओके


rajaarkey
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Re: मैं तेरा आशिक़

Unread post by rajaarkey » 21 Dec 2014 18:04

सुधीर पीछे मुड़कर अपने हाथ से मौका गवाने से निराश था और वहाँ से चला गया मौका था तो इस मछली को पकड़ना पर शायद डॉली उन जैसो में से नही थी

डॉली ने झट से काम निपटाया और ऑफीस से निकलने लगी तभी डॉली का सेल बजा जिस पर मा का कॉल था

डॉली डॉक्युमेंट्स में इतनी बिज़ी थी कि उसकी मोम को मेसेज छोड़ना पड़ा

डॉली बेटी मैं तेरी मा बोल रही हू तू कब आएगी घर बोल नये साल में भी इतना काम तू काफ़ी मेहनती है ये मैं जानती हू पर इतनी लापरवाह ओह गॉड

डॉली ने मुस्कुराते हुए झट से एक बटन ऑन किया और कहा मा मैं यहीं हू फोन नही उठा सकी डॉक्युमेंट सेंड कर रही थी अच्छा बताइए क्या हुआ मैं बस 2 मिनिट में निकल रही हू अच्छा माँ

मा ने कहा ठीक है सीधे घर आना बेटा वैसे भी रात को सुनसान बहुत हो जाता है

डॉली – मा डरो नही मैं आ जाउन्गि

डॉली सीधे उठी और अपने स्कर्ट को पीछे से खिचा और एक ओवरकोट पहेन लिया शायद ठंड ज़्यादा थी कोट पहनने के बाद डॉली ऑफीस को बंद कर निकलने लगी उसके हील्स की आवाज़े खाली पड़े ऑफीस हॉल में गूँज़ रही थी वो झट से लिफ्ट में गयी और सीधे ग्राउंड फ्लोर का बटन दबाया

डॉली ग्राउंड फ्लोर पर थी तभी वॉचमेन से कहा अच्छा अब मैं जा रही हू ऑफीस की ज़िम्मेदारी तुम्हारी ऑलराइट

वॉचमेन – जी मेडम

वॉचमेन की भी आँखें एक टक डॉली पर थी और उसने भी धीरे से कहा काश आप और मैं इन 5 दिनो में यहीं फँस जाए हाए मेरी तो लॉटरी लग जाएगी

डॉली ने पीछे पलट कर कहा कुछ कहा तुमने

वॉचमेन – नही नही नही कुछ भी कुकछ भी तो नही हाहहाहा आप काफ़ी खूबसूरत हैं मेम

डॉली – थॅंक यू पर वॉचमेन की ही हैसियत में रहो ज़्यादा बाहर आओगे तो नौकरी से निकाल दिए जाओगे अंडरस्टॅंड गॉट इट

वॉचमन तो बस हाई राम बोलकर रह गया डॉली बाहर आई रात घनी थी कुछ देर पहले बरसात हुई थी रोड पूरा लाइट की रोशनी से उजाला भरा था हर तरफ येल्लो लाइट्स

डॉली तेज़ कदमो से कार की तरफ जा रही थी जो कि एक पोस्ट बॉक्स के बगल में खड़ी थी ब्लॅक मर्सिडीस जो काफ़ी चमक रही थी जिस पर बारिश की थोड़ी बूंदे पड़ी हुई थी डॉली ने कार की तरफ आकर चाबी से एक बटन दबाया कार अनलॉक हो गयी डॉली ने कार का गेट खोला और अंदर घुस गयी उस वक़्त डॉली ने ब्लॅक ओवरकोट पहना था जिसके अंदर सफेद शर्ट्स के दो बटन अब बंद थे शायद ज़्यादा ठंड से डॉली ने बंद करना ही लाज़मी समझा

डॉली ने कार स्टार्ट की पर कार स्टार्ट होने का नाम ही नही ले रही थीं बार बार डॉली कार को चालू करने की कोशिश करती पर कार झोह्ह जोह्हूऊओ जैसी आवाज़ निकाल रही थी

डॉली ने गुस्से में स्टियरिंग पर दोनो हाथ मारे और कहा इसे भी अभी ही स्टार्ट नही होना था बस्टर्ड

डॉली कार से बाहर निकली और कार के एंजिन डोर को खोला उस में धुआ था शायद कार में कचरा होने से कार फॅस गयी थी

डॉली ने कहा डॅम इट कार को एक लात मारी डॉली के चेहरे पर गुस्से से दोनो गाल पिंक हो गये जो उसे और भी खूबसूरत और सेक्सी बना रहे थे डॉली ने फोन मिलाया और कहा हेलो हां हां देखो मेरी कार खराब हो गयी है मैं सेक्टर 24 में मेरी इंडस्ट्री है और मेरे पास इस वक़्त और कोई साधन नही है क्या मुझे टॅक्सी मिल सकती है

क्या ? ऐसा कैसे हो सकता है

सॉरी मॅम टेक्सी की हड़ताल कुछ दिनो तक चलेगी और मॅम आइ आम सॉरी जहाँ भी आप है शायद आपको लिफ्ट ले लेनी चाहिए और मेबी वोई कहीं स्टे कर लेना चाहिए आज हिंसा का विरोध भी चल रहा है आपका सड़क पर रहना भी ख़तरे से खाली नही

डॉली का तो दिमाग़ चकरा गया और कह बैठी ओह योउ मदरफकार गो टू हेल

डॉली ने झट से फोन काटा

डॉली अपने हाथो पर सर रखके रोने पर हो गयी

डॉली आज काफ़ी परेशान थी मा को दिया वादा भी पूरा ना हो सका


rajaarkey
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Re: मैं तेरा आशिक़

Unread post by rajaarkey » 21 Dec 2014 18:04

तभी वो शक्स अपनी कार से उतरा और तेज़ कदमो से डॉली की ओर जाने लगा डॉली अब भी बेख़बर परेशानी में खोई बैठी थी उस शक्स ने अपना हाथ तेज़ी से सीधे डॉली के शोल्डर पर नर्मी से रखा

डॉली एक दम से हड़बड़ाई और पीछे मूड के चिल्ला पड़ी आआआआआअहह

डॉली के शरीर पर वो हाथ पहुचते ही डॉली की चीख निकल गयी अभी वो पीछे मूडी थी कि सामने उसे वो शक्स अपने सामने दिखा जिसे देख वो कुछ देर पहले चिल्ला पड़ी थी

उस शक्स की तेज़ नज़रो ने उसे देखा और डॉली की चीखें बंद हो कर उसे देख कर ऐसा ही लग रहा था कि वो अब ज़्यादा परेशान नही थी

डॉली के चेहरे से सिर्फ़ इतना निकला – यू उ …. टोटली स्केर्ड मी

शॅक्स ने कहा – मे आइ हेल्प यू मॅम ? आप इतनी रात गये सुनसान सड़क पर कार के साथ क्या कर रही है

शॅक्स एक पोलीस वाला था जिसने खाकी कलर की वर्दी पहनी हुई थी और उसकी शर्ट के नेम प्लेट पर उसका नाम साफ़ वाइट अक्षरो में लिखा था

उसका नाम राज था और एक इनस्पेक्टर था

राज देखने में काफ़ी मस्त हॅंडसम था उसकी आँखो में काजल लगा हुआ था और चेहरा थोड़ा सा ब्राउन था लेकिन उसे देखके कोई कह नही सकता कि वो सांवला है राज ने कहा अगर आप चाहे तो मैं आपको घर तक छोड़ सकता हू

डॉली ने मुस्कुरा कर कहा नही रहने दीजिए मैं कुछ इंतज़ाम कर लूँगी

राज – नही नही मॅम मेरे होते हुए आप अकेली क्या कर लेंगी चलिए मैं छोड़ दूँगा

डॉली ने थोड़ा सोचने के बाद ना नुकुर करने के बाद – हां कह डाला क्यूंकी उसके पास सच मे कोई रास्ता नही दिख रहा था और वैसे भी एक पोलीस वाले से क्या डर ?

राज ने कातिल मुस्कुराहट से डॉली के होंठो को देखा जो बात करते हुए अपनी जीब से होंठ को चाट लेती थी बिल्कुल फिल्म अभिनेत्री पूजा भट्ट की तरह

डॉली ने ये बात नोटीस की ऑर थोड़ी शरम से उसकी नीली आँखें नीचे होगयि और फिर उसने एक बार राज की आँखो में झाँका जहाँ राज ने भी अपनी आँखें नीचे झुका ली थी और मासूम सा एक चेहरा बनाकर उसे अपने साथ चलने को कहा

डॉली – वेट पहले मैं ज़रा वॉचमन से कह दू कि वो कार की देख भाल करता रहे वरना यू नो

राज – या आइ कॅन अंडरस्टॅंड जाइए कह दीजिए

डॉली ऑफीस में गयी और कुछ मिनट में वापिस निकल आई

राज ने हसके कहा हो गया

डॉली ने प्यार से अपना सिर्फ़ सर हाँ हिलाया

राज और डॉली दोनो साथ साथ चलने लगे जहाँ डॉली अपनी वाच से टाइम देख रही थी वहाँ राज अपने भारी हाथो को जेब में डाले मानो कुछ सोच रहा था

राज डॉली पोलीस कार में बैठे थे राज कार को तेज़ी से चला रहा था बारिश की हल्की बूंदे दोबारा पड़ने लगी

राज ने कार स्वीपर को ऑन किया जिससे आगे हेडलाइट्स की चमक से रास्ते सॉफ नज़र आने लगे

डॉली तो बस चुप बैठी थी

राज ने कहा म्यूज़िक लगा दू

डॉली तो जैसे शर्मा सी रही थी एक पोलीस वाला इतना फ्रॅंक्ली वाउ आइ मीन कि सिर्फ़ उसने सुना था कि पोलीस वाला आल्कोहॉलिक शराबी और मारने पीटने वाले होते है जो क्रिमिनल को पकड़ने में पूरी रात लगा देते है पर ये शक्स ये तो एकदम हटकर था

राज बार गाने के मज़े से अपना सिर उपर नीचे करता

डॉली ने बात छेड़ी – वैसे आपको देख कर नही लगता कि आप ने कभी किसी क्रिमिनल को पकड़ा होगा

राज ने हसके डॉली की तरफ देखा और कहा सच में आपको ऐसा लगता है ऐसे ही मैं थोड़ी ना यूपी दिल्ली से प्रमोट हुआ हूँ वो क्या है ना क्रिमिनल के सामने मैं एक इनस्पेक्टर हू पर पब्लिक के लिए एक प्रोटेक्टर और आप जैसो के लिए एक आम इंसान

डॉली ने तिरछी नज़रो से राज को देखा

राज ने कहा क्या हुआ आप अभी भी मेरे साथ अनकंफर्टबल फील कर रही है

डॉली ने कहा नही बिल्कुल नही

राज – अरे बोल दीजिए भी मैं बुरा नही मानता कहते है जिस इंसान को बचपन से ठोकर लगी हो उसे अगर कोई कुल्हाड़ी भी मार दे तो भी उसे दर्द का पता ना चले

क्रमशः…………………………….


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