अजब प्रेम की गजब कहानी compleet

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rajaarkey
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Re: अजब प्रेम की गजब कहानी

Unread post by rajaarkey » 15 Oct 2014 13:09

स्वीटी- जानेमन बाइ-बाइ

स्वीटी अपनी स्कूटी स्टार्ट करके चल देती है और रास्ते भर अवी के बारे मे सोचती रहती है, अवी के मन मे कुछ तो उल्टा

सीधा चल रहा है, उससे मुझे पता तो करना होगा लेकिन कैसे, पर यह तो पक्का है वह नॉर्मल नही लग रहा था और

उसके चेंज होने मे कुछ तो बात है इस तरह अचानक इंसान के इतना चेंज होने के पीछे तो सिर्फ़ एक ही रीज़न होता है

और वह है लव, पर किससे, कही अवी अपनी दीदी, अरे नही-नही ऐसा कैसे हो सकता है, पर कुछ तो है खेर देखा जाएगा,

और फिर स्वीटी अपने घर पहुच जाती है और इधर डिंपल अवी के पास जाकर

डिंपल-क्या बात है अवी और पढ़ाई, देख कर यकीन नही होता

अवी- मुस्कुराता हुआ किताब बंद करके, क्या दीदी तुम भी उस पकाऊ स्वीटी को लेकर आ गई दो घंटे से बोर कर दिया उसने

डिंपल- मुस्कुरा कर क्यो वह तुझे अच्छी नही लगती क्या, पर मेरी तो सबसे खास सहेली है तुझे पता है मुझ पर जान

देती है, मुझसे बहुत प्यार करती है

अवी- डिंपल की आँखो मे देख कर, मुझसे भी ज़्यादा

डिंपल- अपनी नज़रे इधर उधर करती हुई, अब मुझे क्या पता तू अपनी दीदी से कितना प्यार करता है

अवी- तो फिर तुम्हे यह कैसे पता कि स्वीटी तुमसे बहुत प्यार करती है

डिंपल- इसलिए कि वह मेरी हर बात मनती है और मेरे लिए कुछ भी करने को तैयार रहती है

अवी- पर दीदी तुमने अपने भाई को अभी तक आजमाया ही कहाँ है

डिंपल- अच्छा, तो तू क्या कर सकता है मेरे लिए

अवी- एक बार कह कर तो देखो अपनी जान भी दे सकता हू

डिंपल- उसको देखती हुई, बहुत बड़ी-बड़ी बाते करने लगा है, चल किताब खोल कर पढ़ाई कर

अवी- अच्छा दीदी तुम मुझसे कितना प्यार करती हो

डिंपल- कुछ सोच कर अपनी नज़रे इधर उधर मतकाती हुई, पता नही, शायद बहुत

अवी- मुस्कुराते हुए अपने मन मे पर दीदी शायद तुम नही जानती कि मैं तुम्हे कितना चाहने लगा हू, तुम मुझे

बहुत-बहुत अच्छी लगती हो दिल करता है तुम्हे अपनी बाँहो मे भर कर इतना चुमू, इतना चुमू कि तुम मेरे प्यार मे

पागल हो जाओ, फिर अपने मन मे गुस्सा करते हुए, पर पता नही तुम कुछ समझती क्यो नही

डिंपल- अब क्या सोच रहा है अवी चल किताब खोल कर पढ़ाई कर और डिंपल वही बेड पर लेट जाती है और अवी उसको उपर से

नीचे तक देखता है और उसे स्वीटी की बात याद आ जाती है

अवी- दीदी तुम ये रोज-रोज सलवार कमीज़ क्यो पहन लेती हो

डिंपल- उसको देखते हुए, तो और क्या पहनु

अवी- कुछ डिफ़्फरेंट ड्रेस पहना करो ना

डिंपल- जैसे

अवी- अब मैं क्या बटाऊ और इधर उधर देखने लगता है

डिंपल- मुस्कुराते हुए, क्यो मैं तुझे सलवार कमीज़ मे अच्छी नही लगती क्या

अवी- मुस्कुरकर नही दीदी तुम तो हर ड्रेस मे अच्छी लगती हो पर

डिंपल- पर क्या, क्या तू मुझे किसी और ड्रेस मे देखना चाहता है

अवी- दीदी अगर तुम स्कर्ट और टीशर्त या फिर जीन्स और टीशर्त भी पहनॉगी तब भी बहुत अच्छी लगोगी

डिंपल- मुस्कुराते हुए, क्या बात है आज कल तू मुझ पर बहुत ध्यान देने लगा है, और मैने सुना है तूने मेरे लिए

किसी लड़के को मारा था

अवी- तुमसे किसने कहा

डिंपल- किसी ने भी कहा हो पर मारा था ना

अवी- हाँ मारा था

डिंपल- क्यो मारा था,

अवी- वो-वो तुम्हारे बारे मे ग़लत बात कर रहा था

डिंपल- क्या ग़लत बात कर रहा था

अवी- अब जाने भी दो ना दीदी उस बात को बीते काफ़ी समय हो गया है

डिंपल- उसने मेरे बारे मे सिर्फ़ कुछ बात कह दी तो तूने उसे चैन से मारा, कल को कोई मेरा हाथ पकड़ लेगा तो तू तो ना

जाने क्या करेगा

अवी- अपने चेहरे पर गुस्सा लाते हुए मैं उसे जान से मार दूँगा

डिंपल- पर क्यो

अवी- बस ऐसे ही मुझसे बर्दास्त नही होता की कोई तुम्हे हाथ भी लगाए

डिंपल- मुस्कुराते हुए, इतना ख्याल है अपनी दीदी का

अवी- इससे भी ज़्यादा

डिंपल- और अगर कोई लड़का तुझसे यह कहे कि वह मुझसे शादी करना चाहता है तो

अवी- तब भी मैं उसे जान से मार दूँगा

डिंपल- आश्चर्या से क्यो क्या तू नही चाहता कि तेरी दीदी की शादी हो

अवी- नही

डिंपल- चौक्ते हुए, पर क्यो

अवी- मैं नही जानता, और आगे से मुझसे ऐसी फालतू बात करने की ज़रूरत नही है और अवी उठ कर बाहर आ जाता है और

डिंपल उसे आश्चर्या से देखने लगती है

rajaarkey
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Re: अजब प्रेम की गजब कहानी

Unread post by rajaarkey » 15 Oct 2014 13:09

थोड़ी देर बाद डिंपल बाहर आकर अवी के पास बैठते हुए,

डिंपल- इस तरह नाराज़ होकर क्यो आ गया ऐसा क्या कह दिया मैने

अवी- मैं नही चाहता कि तुम मुझे छ्चोड़ कर जाओ

डिंपल- मुस्कुराते हुए उसका गाल खींच कर अरे बुद्धू मैं कहाँ तुझे छ्चोड़ कर जा रही हू

अवी- उसको घूर कर देखता हुआ, एक बात याद रखना दीदी अगर तुम मुझे छ्चोड़ कर भी जाना चाहोगी तो मैं जाने नही

दूँगा

डिंपल- मुस्कुराते हुए अच्छा बाबा मत जाने देना, अब तो खुश, चल अब मुस्कुरा दे

अवी- डिंपल की बात सुन कर मुस्कुरा देता है और डिंपल टीवी ऑन करके सोफे से टिक कर उसके पास बैठ जाती है, अवी उठ कर

डिंपल के ठीक सामने वाले सोफे पर बैठ जाता है और डिंपल को देखने लगता है

डिंपल टीवी देखती हुई बीच-बीच मे अवी की ओर देखती है और जब वह अवी को देखती है तो अवी उसकी ओर से नज़रे हटा लेता

है

डिंपल- वहाँ जा कर क्यो बैठ गया

अवी- मुझे टीवी नही देखना है

डिंपल- टीवी देखने लगती है और अवी डिंपल को उपर से नीचे तक देखता है और उसकी नज़रे डिंपल के मोटे-मोटे उठे हुए

दूध पर जाकर ठहर जाती है और वह उसके मोटे-मोटे दूध को देखता हुआ सोचने लगता है काश दीदी मुझे अपने सीने

से चिपका ले तो मैं दीदी को बहुत प्यार करूँगा वाकई स्वीटी सच कह रही थी मैने अभी तक दीदी को गौर से देखा ही

नही था, अगर दीदी टीशर्त और जीन्स या स्कर्ट पहनेगी तो कितनी खूबसूरत और सेक्सी लगेगी, रवि जब उसके मोटे-मोटे दूध

को खा जाने वाली नज़रो से देख रहा था तब डिंपल उसे अपने दूध देखते हुए देख लेती है और अचानक अवी उसकी

आँखो मे देखता है, और ना जाने क्यो उसको इस बार डिंपल से डर नही लगता है और वह डिंपल की आँखो मे बेखौफ़

देखता जाता है और मजबूरन डिंपल झेंप कर अपनी नज़रे फिर से टीवी की ओर लगा देती है, उसकी इस प्रतिक्रिया से अवी का उत्साह

कुछ बढ़ जाता है और वह फिर से अपनी दीदी के मस्त उठे हुए कठोर दूध को देखने लगता है और डिंपल अपनी तिर्छि

नज़रे जब अवी की ओर डालती है तो उसे बड़ा आश्चर्या होता है अवी उसके मोटे-मोटे दूध को घूर कर देख रहा था और

डिंपल को यह एहसास हो जाता है कि अवी उसे दूसरी नज़रो से देखने लगा है और वह थोड़ा गुस्सा करती हुई टीवी बंद कर देती

है और उठ कर अवी को घूर कर देखती हुई रूम की ओर जाने लगती है,

अवी का जो डर अपनी दीदी के लिए था वह ना जाने कहा गायब हो जाता है और वह अपनी दीदी को अपने मस्ताने चूतादो को मटका कर जाते हुए देखने लग जाता है, अचानक डिंपल अवी को पलट कर देखती है और उसकी नज़रे अपने मोटे-मोटे

चूतादो पर देख कर डिंपल उसे घूर कर खा जाने वाली नज़रो से देखती है और अवी धीरे से उसे देख कर मुस्कुरा देता

है, डिंपल सीधे अपने बेडरूम मे जाकर बेड पर लेट जाती है और अवी की हरकत को सोच कर मन ही मन खूब गुस्सा होने

लगती है, और अपने मन मे शैतान कही का ना जाने कहा से ऐसे गुण सीख कर आया है अपनी बहन को कोई ऐसी नज़रो से

देखता है,

rajaarkey
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Re: अजब प्रेम की गजब कहानी

Unread post by rajaarkey » 15 Oct 2014 13:10

गुस्सा तो ऐसा आ रहा है की जाकर एक थप्पड़ कस कर गाल पर जमा दू, बेशरम कही का,

अवी- बैठा-बैठा सोचता है, लगता है दीदी मुझ से नाराज़ हो गई है पर मैं भी क्या करू कहा तक मैं छुपाऊ की मैं उसे

कितना चाहता हू वह तो ऐसे समझने को तैयार ही नही है, अब कुछ भी हो जाए मैं दीदी को अपनी बाँहो मे लेकर रहूँगा

मैं उसके बिना नही रह सकता, वह चाहे बुरा माने या अच्छा मैं उससे अपने प्यार का एहसास करा कर रहूँगा, मैं उससे

अभी जाकर साफ कह देता हू कि मैं उससे बहुत प्यार करता हू और मैं उसे अपनी बाँहो मे भर कर बहुत-बहुत प्यार करना

चाहता हू, उसने मुझे पागल कर दिया है, वह दिन रात मेरे दिल को तड़पाती रहती है, उसे क्या पता कि मैं उसको अपनी बाँहो

मे भर कर उसे उपर से नीचे तक चूमने के लिए कितना तड़प रहा हू, फिर वह अपने मन मे सोचता है, नही-नही

मुझे इतनी जल्दिबाजी नही करना चाहिए कही वह मुझसे ज़्यादा नाराज़ हो गई तो मैं उसके बिना कैसे रह पाउन्गा, मैं उसे

नाराज़ नही करना चाहता,

कुछ देर तक अवी वही बैठा रहता है जब उससे नही रहा जाता तो वह उठ कर डिंपल के पास रूम मे आ जाता है और

डिंपल छत की ओर आँखे खोले देखती रहती है और अवी को देख कर अपने मूह को दूसरी ओर घुमा कर करवट ले लेती है

अवी- तोड़ा घबराते हुए, दीदी क्या हुआ तुम ऐसे अचानक क्यो चली आई

डिंपल- उसकी बातो का कोई जवाब नही देती है

अवी- दीदी कुछ बोलती क्यो नही

डिंपल- पलट कर उसकी आँखो मे देख कर क्या है, क्या काम है तुझे मुझसे

अवी- काम तो कुछ भी नही है, पर क्या मैं भी तुम्हारे पास लेट जाउ

डिंपल- उसकी बात सुन कर दूसरी ओर सरक जाती है और अवी मुस्कुराता हुआ उसके पास लेट जाता है और अपना मूह डिंपल की ओर

करके करवट ले लेता है, डिंपल फॅन की ओर देखती हुई सीधी लेटी रहती है

अवी- दीदी इतनी चुप-चुप क्यो हो

डिंपल- उपर देखते हुए, ऐसे ही

अवी- डिंपल का हाथ पकड़ कर इधर देख कर बात करो ना

डिंपल- अपना हाथ छुड़ाते हुए उसकी और गुस्से से देखती हुई बिना छुए बात नही कर सकता क्या

अवी- बिल्कुल मासूम बन कर मैने तो आज पहली बार तुम्हे छुआ है

डिंपल- उसको देख कर थोड़ा मुस्कुराते हुए अवी तू बहुत शैतान हो गया है

अवी- अपनी दीदी को मुस्कुराते देख कर फिर से आत्मविश्वास से भर जाता है और, दीदी एक बात कहु तुम जब मुस्कुराती हो तो

बहुत खूबसूरत लगती हो

डिंपल- मुस्कुरकर उसे देखती हुई, अच्छा

अवी- दीदी एक और बात कहु,

डिंपल- क्या

अवी-दीदी जब तुम गुस्से मे होती हो तो मुझे सबसे ज़्यादा खूबसूरत लगने लग जाती हो, तुम जब गुस्से से देखती हो तो मेरा

दिल करता है कि

डिंपल की हसी अवी की बात सुन कर एक दम से गायब हो जाती है और

डिंपल- उसकी आँखो मे देख कर क्या दिल करता है तेरा

अवी- इधर उधर नज़रे नचाते हुए, कुछ नही

डिंपल- अभी तो तू कुछ कह रहा था

अवी- रहने दो तुम फिर नाराज़ हो जाओगी

डिंपल- ऐसा क्या कहने वाला था तू कि मैं नाराज़ हो जाउ

अवी- अब छोड़ो भी दीदी

डिंपल- कुछ सीरीयस होकर अवी तू जानता है ना कि मैं तेरी बहन हू

अवी- तो

डिंपल- तो तू यह भी जानता होगा कि अपनी बहन के प्रति तुझे कैसा रवैया रखना चाहिए

अवी- दीदी तुम कहना क्या चाहती हो

डिंपल- मैं जो कहना चाहती हू वह तू अच्छी तरह समझ रहा है

अवी- दीदी जब तुम खुद नही समझ पा रही हो कि मैं क्या चाहता हू तो फिर मैं कैसे समझ जाउ कि तुम क्या कहना चाहती

हो

डिंपल- क्या चाहता है तू

अवी- कुछ नही

डिंपल- साफ-साफ बात क्यो नही करता है तू, और अभी क्या कह रहा था कि गुस्से मे मैं बहुत खूबसूरत लगती हू और तेरा दिल

क्या करता है, कही तू अपनी दीदी के बारे मे कुछ ग़लत तो नही सोचता है, और अगर सोचता है तो यह बहुत ग़लत बात है

और तुझे आगे से इन बातो का ध्यान रखना चाहिए

अवी- गुस्सा करते हुए, दीदी मैं तुम्हारा भासन सुनने नही आया हू और एक बात मेरी भी कान खोल कर सुन लो, आगे से

मुझे समझाने की कोशिश मत करना,

डिंपल- गुस्सा करती हुई अब तू इतना बड़ा हो गया कि अपनी दीदी से बहस करने लगा है,

अवी- बेड से खड़ा होकर, डिंपल को देखता हुआ, कोई इतनी बड़ी भी नही हो मुझसे की मुझे जब देखो भाषण देने लगो,

सिर्फ़ एक ही साल बड़ी हो मुझसे और कोई भी देखेगा तो यही कहेगा कि मैं ही तुमसे बड़ा दिखता हू

अवी की बाते सुन कर डिंपल का मूह खुला का खुला रह जाता है और अवी वहाँ से पेर पटकता हुआ बाहर निकल जाता है और

गुस्से मे अपने जूते पहन कर घर से बाहर निकल जाता है, कुछ देर तक डिंपल बेड पर लेटी हुई अवी के बारे मे सोचती

रहती है और फिर सोचती है कि अवी भी अब जवान हो गया है इसलिए उसने गुस्से मे सब बाते कह दी,

लेकिन अवी मे इन दो दिनो

मे बहुत बदलाव आ गया है, कही उसके बदलने का कारण मैं ही तो नही, क्या अवी को मैं, उफ्फ मैं भी क्या-क्या सोचने लग

जाती हू, अभी जाकर उसे मना लेती हू और फिर डिंपल उठ कर बाहर जाती है और अवी को ना पाकर घर के बाहर तक उसे देखने की कोशिश करती है पर अवी नज़र नही आता है और फिर वह वापस कुछ सोचते हुए वापस बेड पर आकर पेट के बल लेट जाती है और उसकी नज़र दूर अलमारी मे रखी हुई अवी की तस्वीर पर पड़ती है और उसके कानो मे स्वीटी की बाते

गूंजने लगती है "डिंपल तेरा भाई तो बहुत हॅंडसम है- और चिकना भी कितना है जब यह हमारे कॉलेज मे आएगा तो

देखना लड़कियो की लाइन लग जाएगी उसे फसाने के लिए"

डिंपल स्वीटी की बात याद करते हुए अवी की तस्वीर देख कर मंद-मंद मुस्कुराने लगती है और फिर वही लेटे-लेटे उसकी

नींद लग जाती है,

क्रमशः........


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