अजब प्रेम की गजब कहानी --11
गतान्क से आगे......
डिंपल- अपना हाथ छुड़ाते हुए अवी को गुस्से से देखती है और खड़ी हो जाती है
अवी- मुस्कुराता हुआ फिर से उसका हाथ पकड़ कर खत पर बैठा लेता है और डिंपल इधर उधर देख कर,
डिंपल- उसे घूर कर खा जाने वाली नज़रो से देखती हुई, तुझे शरम नही आती दूसरो के सामने मेरा हाथ पकड़ते हुए
अवी- मुस्कुरकर अपने कान पकड़ता हुआ, अच्छा बाबा माफ़ कर दो आगे से दूसरो के सामने नही पाकडूँगा
डिंपल- खड़ी होते हुए, मैं भी जा रही हू
अवी- तुम जाओगी तो मैं भी तुम्हारे पीछे-पीछे आउन्गा और उसका हाथ पकड़ कर फिर से खाट पर बैठा लेता है
और डिंपल उसकी ओर गुस्से से देखने लगती है
अवी- उसको गुस्से से अपनी ओर घूरता हुआ देख कर, धीरे से उसकी जाँघ पर अपना हाथ रख कर, मुस्कुराता हुआ, मुझे क्या
पता था कि तुम इतनी हसीन हो नही तो मैं बहुत पहले ही तुम्हे चूम चुका होता, सच जब मैने तुम्हारे इन रसीले
होंठो को चूसा था तो मुझे जिंदगी का सबसे हसीन एहसास हुआ था,
डिंपल- उसको गुस्से से देखती हुई दूसरी ओर मूह फेर लेती है
अवी- उसकी कमर मे हाथ फेरता हुआ, कुछ बोलो ना दीदी,
डिंपल- उसको गुस्से से देखती हुई, अवी मुझसे बात करने की ज़रूरत नही है
अवी- मुस्कुरकर, वो तो अभी यहाँ सब लोग है इसलिए मैं भी चुप बैठा हू वरना
डिंपल- उसको देख कर वरना क्या कर लेता तू
अवी- अभी तुम मुझे अकेले मे मिलो तो सही, मैं तो कब से अपनी दीदी को अपनी बाँहो मे भर कर चूमने के लिए तड़प
रहा हू,
डिंपल- तुझे शर्म नही आती अपनी दीदी से इस तरह बात करते हुए
अवी- दीदी आज रात को तुम मेरे साथ सोओगी
डिंपल- दूसरी ओर देखते हुए, कभी नही
अवी- प्लीज़ दीदी, देखो मुझे अकेले बहुत बोर लगता है प्लीज़ मान जाओ, मैं तुम्हे बिल्कुल भी टच नही करूँगा
डिंपल उसकी बात का कोई जवाब नही देती है और एक दम से उठ कर चल देती है और अपने भारी भरकम चूतादो को
मतकाते हुए शालिनी और स्वीटी की ओर जाने लगती है और अवी अपनी दीदी की जीन्स मे कसे हुए उसके भारी-भारी चूतादो
को प्यासी नज़रो से देखने लगता है तभी डिंपल उसे पलट कर देखती है और अवी को अपने मस्त चूतादो को देखता हुआ
पाकर फिर से अपना मूह दूसरी ओर कर लेती है पर अपने चेहरे की मंद-मंद मुस्कान को नही रोक पाती है. अवी जब देखता है कि हाली खेत से कुछ दूर चला गया है और शालिनी और स्वीटी भी बगीचे मे घुस चुकी है तो वह दौड़ लगा कर डिंपल के पास पहुच जाता है और वही एक पेड़ के पास उसका हाथ पकड़ कर पेड़ के पीछे ले जाता है
डिंपल- अवी ये क्या कर रहा है छ्चोड़ मेरा हाथ
अवी- उसका हाथ कस कर थामे हुए, दीदी प्लीज़ एक किस करने दो ना
डिंपल- घबराती हुई, अवी तेरा दिमाग़ खराब हो गया है छ्चोड़ मुझे यहा कोई देख लेगा
अवी- उसे अपनी और खिचता हुआ, दीदी कोई नही देख रहा है प्लीज़ चूमने दो ना
डिंपल- उसे दूर धकेलने की कोशिश करती हुई, बेशरम छ्चोड़ मेरा हाथ, तू घर चल मैं तुझे बताती हू, इस बार मैं तेरी शिकायत पापा से करूँगी, तू इतना बदमशह
उसका इतना कहना था कि अवी उसके रसीले होंठो को अपने मूह मे भर कर कस कर उसके मोटे-मोटे दूध को दबोच लेता है और उसे पागलो की तरह चूमने लगता है, डिंपल उससे छूटने की कोशिश करती हुई उसे दूर धकेलने का प्रयास करती है लेकिन उसके हाथो मे वह ज़ोर नही होता है और अवी अपनी दीदी की कसी हुई चुचियो को अपने हाथो मे भर कर उसके होंठो को चूमता हुआ एक दम से उसे छ्चोड़ देता है, डिंपल पेड़ से अपनी पीठ टिकाए हान्फ्ते हुए उसे बिना किसी एक्सप्रेशन के देखती रहती है और अवी अपने होंठो को पोछता हुआ,
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Re: अजब प्रेम की गजब कहानी
अवी- उसके गालो को सहला कर वाकई दीदी तुम बहुत सेक्सी और रसीली हो, तुम घर तो चलो इस बार मैं तुम्हे अपनी गोद मे उठा कर तुम्हे इतना प्यार करूँगा कि तुम पागल हो जाओगी, अब तो मैं तुम्हारे बिना एक पल नही रह सकता हू, और उसकी ओर मुस्कुराता हुआ उसके गाल को खींच कर आइ लव यू मेरी जान कह कर अवी वापस चारपाई की ओर चल देता है और डिंपल उसे जाते हुए देखती रह जाती है, फिर एक दम से जैसे उसे होश आता है और वह इधर उधर देखती हुई कुछ सोच नही पाती है कि किधर जाए और वही पेड़ के सहारे टिक कर अवी को जाते हुए देखने लगती है और अवी जब खाट पर बैठ कर डिंपल की ओर देखता है तो उसे अपनी ओर देखते हुए पाता है, डिंपल उसकी ओर देखती हुई कुछ सोच कर वापस अवी की ओर चल देती है,
अवी उसको अपनी ओर आता हुआ देख कर खुश हो जाता है, डिंपल उसके करीब आ जाती है और उसके पास चारपाई पर बैठते हुए उसकी और देख कर सीरीयस चेहरा बना कर,
डिंपल- तुझे क्या लगता है तू जो कर रहा है वह ठीक है
अवी- मैं वो सब नही जानता, मैं तो बस इतना जानता हू कि मैं तुम्हे बहुत चाहता हू और तुम्हारे बिना अब रह नही सकता
डिंपल- पर तू समझता क्यो नही मैं तेरी प्रेमिका नही तेरी बहन हू
अवी- मुस्कुरकर तो क्या हुआ, क्या तुम मेरी प्रेमिका नही बन सकती क्या
डिंपल- उसको घूर कर देखते हुए, तो क्या तू मेरे साथ वह सब भी करना चाहता है जो एक प्रेमी प्रेमिका करते है
अवी- मुस्कुरकर, क्या तुम नही चाहती
डिंपल- गुस्से से, देख अवी मैं ऐसा कुछ नही चाहती जो तू सोच रहा है, और यह मैं तुझे आख़िरी बार समझा रही हू, इसके बाद अगर तूने कोई हरकत की तो मुझसे बुरा कोई नही होगा
अवी- क्या करू दीदी तुम जब मेरे सामने आती हो तो मुझे पागल कर देती हो और मेरा दिल करता है कि मैं तुम्हे अपनी बाँहो मे भर कर चूम लू, तुम चाहे मुझे जान से ही क्यो ना मार दो, पर मैं तुम्हे छुए बिना नही रह पाउन्गा और फिर अवी धीरे से अपना हाथ उसकी मोटी-मोटी जाँघो पर रख देता है और डिंपल उसे देखती हुई अपनी नज़रे दूसरी ओर फेर लेती है, कुछ देर दोनो के बीच खामोशी छाई रहती है, उसके बाद
अवी- मुस्कुराते हुए, दीदी तुम कितनी सेक्सी हो ना, आज रात को मे तुम्हे अपनी बाँहो मे भर कर
डिंपल- उसकी ओर घूर कर देखते हुए उठ कर जाने लगती है और अवी उसका हाथ पकड़ कर फिर से बैठा लेता है,
अवी- कहाँ जा रही हो, आज से मैं जो कहुगा वह तुम्हे मानना पड़ेगा
डिंपल- क्यो मैं तेरी गुलाम हू जो तेरी बात मनुगी
अवी- उसके गालो को सहलाता हुआ, गुलाम तो मैं बन गया हू तुम्हारा, थोड़ा करीब आकर बैठो ना
डिंपल- अवी मैं नही जानती थी कि तू इतना बेशरम है
अवी- दीदी मैं भी तो नही जानता था कि तुम इतनी सेक्सी हो, क्या फिगुर है तुम्हारा, और आज तो जीन्स मे कयामत लग रही हो और फिर अवी उसकी कमर को सहलाने लगता है और डिंपल अपना सर नीचे झुकाए बैठी रहती है तभी सामने से स्वीटी और शालिनी आते हुए नज़र आते है
डिंपल- अवी देख वो दोनो आ रहे है कम से कम दूसरो के सामने तो मेरी बेज़्जती मत करवा
अवी- मुस्कुरकर मैं समझ गया दीदी तुम चाहती हो मैं तुम्हारे साथ जो भी करू अकेले मे करू है ना
डिंपल- उसकी ओर घूर कर देखती है और अपनी आने वाली हसी को पूरी तरह दबा कर फिर से दूसरी ओर मूह कर लेती है
अवी उसको अपनी ओर आता हुआ देख कर खुश हो जाता है, डिंपल उसके करीब आ जाती है और उसके पास चारपाई पर बैठते हुए उसकी और देख कर सीरीयस चेहरा बना कर,
डिंपल- तुझे क्या लगता है तू जो कर रहा है वह ठीक है
अवी- मैं वो सब नही जानता, मैं तो बस इतना जानता हू कि मैं तुम्हे बहुत चाहता हू और तुम्हारे बिना अब रह नही सकता
डिंपल- पर तू समझता क्यो नही मैं तेरी प्रेमिका नही तेरी बहन हू
अवी- मुस्कुरकर तो क्या हुआ, क्या तुम मेरी प्रेमिका नही बन सकती क्या
डिंपल- उसको घूर कर देखते हुए, तो क्या तू मेरे साथ वह सब भी करना चाहता है जो एक प्रेमी प्रेमिका करते है
अवी- मुस्कुरकर, क्या तुम नही चाहती
डिंपल- गुस्से से, देख अवी मैं ऐसा कुछ नही चाहती जो तू सोच रहा है, और यह मैं तुझे आख़िरी बार समझा रही हू, इसके बाद अगर तूने कोई हरकत की तो मुझसे बुरा कोई नही होगा
अवी- क्या करू दीदी तुम जब मेरे सामने आती हो तो मुझे पागल कर देती हो और मेरा दिल करता है कि मैं तुम्हे अपनी बाँहो मे भर कर चूम लू, तुम चाहे मुझे जान से ही क्यो ना मार दो, पर मैं तुम्हे छुए बिना नही रह पाउन्गा और फिर अवी धीरे से अपना हाथ उसकी मोटी-मोटी जाँघो पर रख देता है और डिंपल उसे देखती हुई अपनी नज़रे दूसरी ओर फेर लेती है, कुछ देर दोनो के बीच खामोशी छाई रहती है, उसके बाद
अवी- मुस्कुराते हुए, दीदी तुम कितनी सेक्सी हो ना, आज रात को मे तुम्हे अपनी बाँहो मे भर कर
डिंपल- उसकी ओर घूर कर देखते हुए उठ कर जाने लगती है और अवी उसका हाथ पकड़ कर फिर से बैठा लेता है,
अवी- कहाँ जा रही हो, आज से मैं जो कहुगा वह तुम्हे मानना पड़ेगा
डिंपल- क्यो मैं तेरी गुलाम हू जो तेरी बात मनुगी
अवी- उसके गालो को सहलाता हुआ, गुलाम तो मैं बन गया हू तुम्हारा, थोड़ा करीब आकर बैठो ना
डिंपल- अवी मैं नही जानती थी कि तू इतना बेशरम है
अवी- दीदी मैं भी तो नही जानता था कि तुम इतनी सेक्सी हो, क्या फिगुर है तुम्हारा, और आज तो जीन्स मे कयामत लग रही हो और फिर अवी उसकी कमर को सहलाने लगता है और डिंपल अपना सर नीचे झुकाए बैठी रहती है तभी सामने से स्वीटी और शालिनी आते हुए नज़र आते है
डिंपल- अवी देख वो दोनो आ रहे है कम से कम दूसरो के सामने तो मेरी बेज़्जती मत करवा
अवी- मुस्कुरकर मैं समझ गया दीदी तुम चाहती हो मैं तुम्हारे साथ जो भी करू अकेले मे करू है ना
डिंपल- उसकी ओर घूर कर देखती है और अपनी आने वाली हसी को पूरी तरह दबा कर फिर से दूसरी ओर मूह कर लेती है
Re: अजब प्रेम की गजब कहानी
स्वीटी- ले डिंपल जाम खा क्या पके हुए है
अवी- शालिनी और स्वीटी के कसे हुए दूध को देखता हुआ, पके जाम खाने का मज़ा ही कुछ और है, क्यो भाभी
शालिनी- मुस्कुरकर लगता है अवी तुमने बहुत पके-पके जामो का मज़ा लिया है
अवी- हाँ लिया तो है पर और भी लेना चाहता हू, लाओ मुझे भी दो
स्वीटी- अरे अवी डिंपल वाला लो वह बड़ा ही ताज़ा लग रहा है
अवी- डिंपल को देख कर लाओ दीदी अपना वाला मुझे दे दो
डिंपल- मुझे नही देना तू स्वीटी वाला ले ले
शालिनी- अरे डिंपल दे भी दो आख़िर तुम्हारा भाई है बेचारा
अवी- अरे भाभी दीदी को तो अपने भाई का ख्याल ही नही है
तीनो इसी तरह बात करते हुए हस्ते रहते है और फिर कुछ देर बाद घर की ओर चल देते है, घर पहुच कर कुछ देर आराम करने के बाद सभी लोग खाना खाने के बाद
स्वीटी-अरे डिंपल मैं ज़रा पड़ोस वाली चाची के यहाँ से आती हू
डिंपल- ठीक है मैं सोने जा रही हू और फिर स्वीटी बाहर चली जाती है, शालिनी को नरेंद्र अपने रूम मे ले जाता है और अवी और डिंपल बैठे रहते है
अवी- चलो दीदी तुम मेरे साथ सोना
डिंपल- मुझे नही सोना तेरे साथ
अवी- क्यो क्या हुआ, क्या मुझसे डर लग रहा है
डिंपल- मैं क्यो डरने लगी तुझसे
अवी- तो फिर चलो और अवी उसका हाथ पकड़ कर उठाने लग जाता है
डिंपल- अपना हाथ छुड़ाते हुए, अवी छ्चोड़ मुझे मैं तेरे साथ नही सोउंगी
अवी- तुम चलती हो या नही और फिर अवी उसे जबरन अपने साथ खींच कर ले जाता है और अंदर जाकर दरवाजा बंद कर लेता है, डिंपल उसे घूर कर देखती हुई अपनी अंगुली दिखा कर देख अवी तूने आज कोई ऐसी वैसी हरकत की तो मैं तुझसे कभी बात नही करूँगी
अवी- पहले तुम बेड पर चल कर बैठो तो और फिर अवी डिंपल को बेड पर बैठा देता है और
अवी- उसका हाथ पकड़ कर सहलाते हुए, उसे देख कर दीदी बस एक बार मुझसे कस कर चिपक जाओ
डिंपल- उसे घूर कर देखती हुई तू पागल हो गया है
अवी- प्लीज़ दीदी एक बार अपनी मर्ज़ी से मेरी बाँहो मे आजओ
डिंपल- अपना हाथ छुड़ा कर दूसरी और घूम कर लेटते हुए अवी मुझे चुपचाप सो जाने दे
अवी- उसके साइड मे लेट जाता है और उसकी गदराई जाँघो पर हाथ फेरता हुआ उसकी गर्दन से पास मूह लगाकर उसे धीरे-धीरे चूमने लगता है और डिंपल की साँसे तेज-तेज चलने लगती है,
अवी- दीदी
डिंपल- क्या है
अवी- मेरी तरफ घूम जाओ ना
डिंपल- क्यो
अवी- मुझे तुम्हे देखना है
डिंपल- मुझे नही घूमना
अवी- प्लीज़ देखो मैं तुम्हे कुछ नही कर रहा हू, क्या मेरी इतनी सी बात नही मनोगी
डिंपल- उसकी ओर घूम कर उसे देखती है
अवी- कितने दिन से तुम्हे मुस्कुराता हुआ नही देखा एक बार मुस्कुरा दो ना
डिंपल- धीरे से मुस्कुराते हुए बस खुश
अवी- उसके उपर अपना हाथ रख कर उसे थोड़ा सा अपनी ओर दबाता है और डिंपल गहरी साँसे लेने लगती है
अवी- अच्छा दीदी एक बात पुच्छू
डिंपल- क्या
अवी- जब मैं तुम्हे छूता हू तो तुम्हे अच्छा लगता है ना
डिंपल- मुस्कुरकर नही
अवी- मुस्कुराते हुए दीदी एक बार तुम्हे चूम लू
डिंपल- अवी मार खाएगा तू मेरे हाथो से
अवी- अच्छा मार लेना पर एक बार चूम लेने दो ना और फिर अवी एक दम से उसके रसीले होंठो को चूम लेता है और डिंपल का चेहरा लाल हो जाता है और वह मंद-मंद मुस्कुराते हुए उसे देखती रहती है
अवी- दीदी एक बात कहु
डिंपल- उसे देखती है
अवी- दीदी जब तुम मेरे सामने होती हो ना तो मेरा दिल करता है मैं तुम्हे लगातार चूमते ही रहू, सच तुम मुझे बहुत प्यारी लगती हो,
अवी- शालिनी और स्वीटी के कसे हुए दूध को देखता हुआ, पके जाम खाने का मज़ा ही कुछ और है, क्यो भाभी
शालिनी- मुस्कुरकर लगता है अवी तुमने बहुत पके-पके जामो का मज़ा लिया है
अवी- हाँ लिया तो है पर और भी लेना चाहता हू, लाओ मुझे भी दो
स्वीटी- अरे अवी डिंपल वाला लो वह बड़ा ही ताज़ा लग रहा है
अवी- डिंपल को देख कर लाओ दीदी अपना वाला मुझे दे दो
डिंपल- मुझे नही देना तू स्वीटी वाला ले ले
शालिनी- अरे डिंपल दे भी दो आख़िर तुम्हारा भाई है बेचारा
अवी- अरे भाभी दीदी को तो अपने भाई का ख्याल ही नही है
तीनो इसी तरह बात करते हुए हस्ते रहते है और फिर कुछ देर बाद घर की ओर चल देते है, घर पहुच कर कुछ देर आराम करने के बाद सभी लोग खाना खाने के बाद
स्वीटी-अरे डिंपल मैं ज़रा पड़ोस वाली चाची के यहाँ से आती हू
डिंपल- ठीक है मैं सोने जा रही हू और फिर स्वीटी बाहर चली जाती है, शालिनी को नरेंद्र अपने रूम मे ले जाता है और अवी और डिंपल बैठे रहते है
अवी- चलो दीदी तुम मेरे साथ सोना
डिंपल- मुझे नही सोना तेरे साथ
अवी- क्यो क्या हुआ, क्या मुझसे डर लग रहा है
डिंपल- मैं क्यो डरने लगी तुझसे
अवी- तो फिर चलो और अवी उसका हाथ पकड़ कर उठाने लग जाता है
डिंपल- अपना हाथ छुड़ाते हुए, अवी छ्चोड़ मुझे मैं तेरे साथ नही सोउंगी
अवी- तुम चलती हो या नही और फिर अवी उसे जबरन अपने साथ खींच कर ले जाता है और अंदर जाकर दरवाजा बंद कर लेता है, डिंपल उसे घूर कर देखती हुई अपनी अंगुली दिखा कर देख अवी तूने आज कोई ऐसी वैसी हरकत की तो मैं तुझसे कभी बात नही करूँगी
अवी- पहले तुम बेड पर चल कर बैठो तो और फिर अवी डिंपल को बेड पर बैठा देता है और
अवी- उसका हाथ पकड़ कर सहलाते हुए, उसे देख कर दीदी बस एक बार मुझसे कस कर चिपक जाओ
डिंपल- उसे घूर कर देखती हुई तू पागल हो गया है
अवी- प्लीज़ दीदी एक बार अपनी मर्ज़ी से मेरी बाँहो मे आजओ
डिंपल- अपना हाथ छुड़ा कर दूसरी और घूम कर लेटते हुए अवी मुझे चुपचाप सो जाने दे
अवी- उसके साइड मे लेट जाता है और उसकी गदराई जाँघो पर हाथ फेरता हुआ उसकी गर्दन से पास मूह लगाकर उसे धीरे-धीरे चूमने लगता है और डिंपल की साँसे तेज-तेज चलने लगती है,
अवी- दीदी
डिंपल- क्या है
अवी- मेरी तरफ घूम जाओ ना
डिंपल- क्यो
अवी- मुझे तुम्हे देखना है
डिंपल- मुझे नही घूमना
अवी- प्लीज़ देखो मैं तुम्हे कुछ नही कर रहा हू, क्या मेरी इतनी सी बात नही मनोगी
डिंपल- उसकी ओर घूम कर उसे देखती है
अवी- कितने दिन से तुम्हे मुस्कुराता हुआ नही देखा एक बार मुस्कुरा दो ना
डिंपल- धीरे से मुस्कुराते हुए बस खुश
अवी- उसके उपर अपना हाथ रख कर उसे थोड़ा सा अपनी ओर दबाता है और डिंपल गहरी साँसे लेने लगती है
अवी- अच्छा दीदी एक बात पुच्छू
डिंपल- क्या
अवी- जब मैं तुम्हे छूता हू तो तुम्हे अच्छा लगता है ना
डिंपल- मुस्कुरकर नही
अवी- मुस्कुराते हुए दीदी एक बार तुम्हे चूम लू
डिंपल- अवी मार खाएगा तू मेरे हाथो से
अवी- अच्छा मार लेना पर एक बार चूम लेने दो ना और फिर अवी एक दम से उसके रसीले होंठो को चूम लेता है और डिंपल का चेहरा लाल हो जाता है और वह मंद-मंद मुस्कुराते हुए उसे देखती रहती है
अवी- दीदी एक बात कहु
डिंपल- उसे देखती है
अवी- दीदी जब तुम मेरे सामने होती हो ना तो मेरा दिल करता है मैं तुम्हे लगातार चूमते ही रहू, सच तुम मुझे बहुत प्यारी लगती हो,