मैने उसे पीछे धकेलते हुये कहा, “जाओ भी. कोई आ गया तो मुसीबत हो जायेगी. बाद में घर जाकर सारी रात नंगी ही रखना मुझे. फिर जी भर के मारना मेरी चूत…..”
इतना कह कर मैने उसे किसी तरह कमरे से बाहर निकाला और दरवाजा बन्द कर दिया. तब रोहित अलमारी के पीछे से निकल कर मेरे पास आ गया और एक बार फिर मुझे पकड़ लिया और किस करने की कोशिश करने लगा. उसका लंड अब भी पेन्ट से बाहर था. मैने उसका खड़ा लंड पकड़ कर हिलाते हुये कहा, “देख रोहित अभी कोई भी आ सकता है. तो बाद मे……..”
“हट रंडी, अब मेरा मन बना है तुझे चोदने का और तू कह रही है बाद मे.”
“तो ठीक है.. में मम्मी से पूछती हूँ की वो ही कोई प्रोग्राम बना दे हम दोनो का…” इतना कह कर में कपड़े पहन कर और नीचे आ गयी.
मम्मी किचन मे थी. में तुरन्त अपनी माँ के पास किचन मे गयी और उससे कहा, “मम्मी, रोहित मिला था छत पर.”
“मुझे पता है. बड़ी ज़िद कर रहा था. तो मैने ही उसे ऊपर भेजा था और इसीलिए तुझे भी ऊपर जा कर ही कपड़े बदलने को कहा था.” मम्मी ने जवाब दिया.
तो मैने माँ से कहा कोई सेटिंग करवा दे. तेरी कसम जब से शादी हुई है ढंग से ठुकाई नही हुई मेरी. पूरा शरीर तड़पता है किसी सही मर्द के लिये. आज में भी इन्जॉय करने के मूड मे हूँ. ऊपर से रोहित ने अपना बड़ा लंड दिखा कर पागल कर दिया है.” इतना कह कर मैने अपनी माँ को आँख मारी.
दरअसल मेरी माँ एक चुदक्कड़ किस्म की औरत है जो की किसी जमाने मे हमारे इलाक़े की सबसे सेक्सी और रंडी हुआ करती थी. कई मर्दो से उसके नाजायज़ संबंध थे और आज भी है. अपने बचपन मे मैने कई बार अपनी माँ को बाहर वालो के लंड लेते देखा है. में अपनी माँ के बारे मे सब कुछ जानती हूँ और कई बार मैने इसका फायदा भी उठाया है. कही ना कही मेरे रंडी बनने मे मेरी माँ का बहुत बड़ा हाथ है. यहा तक की मैने और मेरी माँ ने कई बार एक साथ एक ही लंड से भी चुदी हैं. जहा तक रोहित का सवाल है तो वो मेरे मामा का बेटा है और वो सिर्फ़ मेरा ही यार नही है, कई बार वो मेरी माँ को भी चोद चुका है. में और मेरी माँ आपस मे बिल्कुल खुली हुई हैं और चूत लंड की बातें बड़े खुल कर करती हैं.
मम्मी ने हंसते हुये कहा, “कोई बात नही. मेरी रंडी बेटी को आज बाहर वाला लंड ही चोदेगा.” फिर मेरी तरफ देख कर बोली, “लेकिन उस दिन जब मैने तुझे कहा था की मेरी एक पार्टी निपटा दे तब तो बड़ी सती सावित्री बन रही थी की नही माँ अब में शादीशुदा औरत हूँ. रांड़ तू है उस दिन में कम से कम 50 हज़ार कमा लेती.”
मैने हंसते हुये कहा, “सॉरी मम्मी, आज के बाद तू जिस किसी से चुदने को कहेगी, में ना नही करूँगी.”
ये सुनकर मम्मी ने अपना फोन उठाया और किसी को फोन लगाया, “तुझे जवान लड़की चाहिये थी ना. इन्तजाम हो गया है. कल रात की बुकिंग कर ले.”
उधर से पता नही क्या अवाज़ आई पर फोन काटने के बाद मम्मी ने मुझे कहा, “कल रात को चुदने के लिये तैयार रहना. इस बार कोई नाटक नही चाहिये.”
उसके बाद मम्मी ने रोहित को फोन करके कुछ समझाया. फिर मुझे बोली, “जा इन्जॉय कर. तेरा काम हो गया.”
करीब 12.30 बजे रोहित हमारे घर आ गया. उस वक़्त तक मेरा बाप अपने दोस्त के घर चला गया था जहा उसका दारू पीने का प्रोग्राम था. वही मेरी सब सहेलियां भी अपने अपने घर चली गयी थी और अब घर पर में, मेरा पति, मेरी माँ और रोहित ही थे.
रंग से खेलने के बाद रोहित और मेरे पति ने पीने का प्रोग्राम बनाया. बस में समझ गयी की मेरा काम बन जायेगा. वो दोनो ड्राइंग रूम मे बैठे थे और दारू पी रहे थे. रोहित ने मेरे पति के गिलास मे दो नशे की गोलियाँ मिला दी थी और थोड़ी ही देर बाद मेरा पति भी बेहोशी की हालत मे हो गया था. तब रोहित ने मुझे आवाज़ लगाई.
में और मम्मी ड्राइंग रूम मे आ गये और उसके पास खड़ी हो गयी. उसने मुझे खींच कर अपने पैरो पर बिठा लिया और मेरे एक बूब्स को ज़ोर से मसल कर बोला, “कभी अपने पति के सामने किसी और से चुदने के बारे मे सोचा है.”
में कुछ जवाब देती इससे पहले ही मम्मी बोल पड़ी, “चोद ले बेटा… इसे इसके पति और माँ के सामने चोद ले.”
अब तक रोहित मेरी टी-शर्ट उतार कर एक तरफ फैंक चुका था और मेरी ब्रा का एक स्ट्रॅप मेरे कंधे से उतार कर मेरा एक बूब्स निकाल कर मसल रहा था. मैने अपनी ब्रा की हुक खोल कर अपने पति की तरफ फैंक दी और रोहित ने मेरे दोनो बूब्स पकड़ लिये.
तब मैने रोहित से कहा, “बहनचोद सिर्फ़ दबायेगा ही या चुसेगा भी इनको.”
इतना कह कर में खड़ी हुई और घूम कर उसकी तरफ मुँह करके उसकी गोद मे बैठ गयी. अब उसका लंड मेरे नीचे दब रहा था और में उस पर अपनी चूत रगड़ रही थी वही उसने मेरा एक बूब्स पकड़ लिया था और उसके निपल को मुँह मे ले कर चुसने लगा था. मैने उसका सर पकड़ रखा था और उसे अपने बूब्स पर दबा रही थी.
मम्मी हमारे पास खड़ी थी पर मुझे उसकी कोई शर्म नही थी. दरअसल मुझे तो इस वक़्त बस लंड चाहिये था. जी भर के उसे अपने बूब्स चुसवाने के बाद में खड़ी हो गयी और अपने कपड़े उतारने लगी. इस बीच मम्मी उसके सामने ज़मीन पर बैठ गयी और उसका लंड निकाल कर चाटने लगी.
कपड़े उतार कर में नंगी हुई और मम्मी की इस हरकत पर मुझे गुस्सा आ गया. मैने चिल्लाते हुये उसे कहा, “ओ रांड़, कुछ तो शर्म कर. अपनी बेटी के माल पर ही हाथ साफ कर रही है.”
“हट रंडी , तेरा माल तो वहा बेहोश पड़ा है और जिस लंड से में खेल रही हूँ वो मेरे यार का है. तुझे चाहिये तो तू भी ले ले. पर हक़ मत जमा. समझ गयी कुतिया.” माँ ने उसका लंड मुँह से निकालते हुये कहा.
“मम्मी प्लीज़…. इस वक़्त मुझे लंड की ज़्यादा ज़रूरत है.. इससे पहले की मेरा पति होश मे आये. में इस लंड का पूरा मज़ा लेना चाहती हूँ. तू तो मेरे जाने के बाद भी रोहित का लंड ले सकती है…..प्लीज……”
“आ गयी ना अपनी औकात पर..” इतना कह कर मम्मी वहा से खड़ी हो गयी और अब में मम्मी की जगह आ कर रोहित के सामने बैठ गयी. उसके बड़े लंड को पकड़ कर में चाटने लगी और फिर धीरे से उसे अपने मुँह मे भर लिया. उसके बाद तो में मानो पागल सी हो गयी और बड़ी तेज़ी से उसका लंड चुसने लगी. में उसका लंड गले तक अपने मुँह मे ले रही थी. फिर अचानक ही रोहित ने मेरे बाल पकड़ लिये और मेरा मुँह चोदने लगा. मेरे मुँह से गू गू की आवाज़े आ रही थी.
Holi sexi stories-होली की सेक्सी कहानियाँ
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फिर अचानक ही रोहित ने अपना लंड मेरे मुँह से निकाल लिया मुझे अपने सामने खड़ा करके मेरी माँ से बोला, “बुआ, देख ये रांड़ कैसी मस्त जवान हो गयी है ना. बूब्स भी पहले से भारी हो गये है और गांड भी भर गयी है.”
मम्मी ने मेरे पास आ कर कहा, “हाँ रोहित, ये तो सच मे मस्त हो गयी है. अब तो इसके पैसे भी मन मर्ज़ी के मिलेंगे. अगर अब ये धन्धे पर लग जाये तो पूरे शहर मे इससे मस्त रंडी नही मिलेगी.”
रोहित का लंड मेरे थूक से सना हुआ चमक रहा था. में फिर से उसके सामने बैठ गयी और इस बार उसका लंड अपने बूब्स में फँसा लिया. रोहित ने मेरे दोनो बूब्स पकड़ लिये और मेरे बूब्स चोदने लगा. अब तक मेरी चूत से रस की धार बहने लगी थी और मेरे लिये बर्दाश्त करना मुश्किल हो रहा था. तो में खड़ी हो गयी और उसका लंड पकड़ कर उसे अपनी चूत पर रख कर उसकी गोद में बैठ गयी. पूरा लंड मेरी चूत मे समता चला गया.
मेरे मुँह से सिसकारियां निकलने लगी.”आआआआअहह………. म्म्म्ममममममममममाआआआआआआआआआआआअ…………. रोहित तेरा लंड बड़ा मस्त है रे………. बड़े दिनो बाद मिला है ऐसा लंड………………… मेरी चूत की प्यासस्स्स्स्सस्स……… बुझा दे रे मेरे राजा………. एयाया…..हह………..”
में उसके लंड पर उछलते हुये चिल्ला रही थी. रोहित भी नीचे से धक्के लगा रहा था. करीब 3-4 मिनिट तक उसी हालत में मुझे चोदने के बाद उसने मुझे अपने ऊपर से उठा दिया. फिर मुझे सोफे पर बिठा कर मेरे सामने बैठ गया और मेरी चूत के होठों को अपनी उंगलियों से फेलाता हुआ बोला, “नैनसी डार्लिंग क्या चूत है तेरी… खा जाने को दिल कर रहा है….”
मैने उसका सर पकड़ कर अपनी चूत की तरफ धकेलते हुये कहा, “तो खा ले ना…. तुझे मना कहा किया है…..”
जैसे ही उसकी जीभ ने मेरी चूत को टच किया मेरी चूत ने रस की धार छोड़ दी. मेने उसका सर अपनी जांघो मे फँसा लिया और गांड उछाल उछाल कर अपनी चूत उससे चटवाने लगी. बस 2 ही मिनिट मे में झड़ने लगी.
तब वो मेरे सामने खड़ा हो गया और मेरी चूत पर अपना लंड रख कर एक ही झटके मे अपना लंड मेरी चूत मे डाल दिया.
में चिल्ला पड़ी, ‘क्या कर रहा है मादरचोद…. फाड़ेगा क्या मेरी…. प्यार से मार हरामजादे…….. तेरे लिये ही खोल कर पड़ी हूँ अपनी….. आआआआअ………..हह…………….. म्म्म्मममममममम ……………….. म्म्माआआआआआआआ………………….. ”
साथ साथ अपनी गांड को नीचे से उछालते हुये उसके हर धक्के का जवाब भी दे रही थी. जब वो लंड अन्दर डालता तो में अपनी चूत को फैला देती और जब वो बाहर निकलता तो में अपनी चूत को कस लेती थी. इस तरह में चुदाई का पूरा मज़ा ले रही थी.
वही दूसरी तरफ मेरी माँ ने मेरे पति की पेन्ट खोल कर उसका लंड निकाल लिया और उसे चूसने लगी. में चिल्लाई, “ओ रांड़… क्या कर रही है…..”
“तू चुद रही है और में चुपचाप खड़ी देखती रहूँ क्या…. मुझे भी लंड लेना है… फिर क्यो ना अपने दामाद के लंड को अपनी चूत में ले लू….” मम्मी ने हंस कर जवाब दिया.
तभी रोहित ने मेरी एक टाँग उठा कर अपने कंधे पर रख ली. वो पूरे जोर से मुझे चोद रहा था और मेरे बड़े बड़े बूब्स हर धक्के के साथ हिल रहे थे. मैने अपने बूब्स पकड़ लिये और एक बूब्स का निपल अपनी जीभ से चाटा. फिर निपल्स को उंगलियो से मसलने लगी.
रोहित ने मुझे घोड़ी बना दिया और पीछे से मेरी चूत में अपना लंड डाल दिया. अब वो मुझे किसी कुतिया की तरह चोद रहा था. में पूरी मस्ती मे उसके बड़े लंड का मज़ा अपनी चूत मे ले रही थी. इस बीच में 2 बार झड़ चुकी थी और रोहित भी झड़ने के करीब था. तभी उसने अपना लंड मेरी चूत से निकाला और मेरे सामने आ कर मेरे मुँह मे डाल दिया. मेने उसका लंड पकड़ लिया और ज़ोर से हिलाने लगी. तभी उसके लंड ने वीर्य की धार छोड़ दी और मेरा पूरा मुँह उसके लंड की मलाई से भर गया. मेरे मुँह मे, चेहरे पर और बालो मे भी उसके लंड का माल लगा हुआ था. जिसे मेने बड़े प्यार से अपनी उंगलियो से साफ करके खाया.
वही मेरी माँ अब मेरे पति का लंड चुस कर झड़ चुकी थी और अब हमारे पास आ गयी. रोहित मेरे बगल मे लेटा था. मेरी माँ ने सोफे के किनारे पर बैठते हुये रोहित का लंड पकड़ा तो रोहित ने कहा, “बुआ…. आज नही…. आज तो नैनसी को चोदुंगा सिर्फ़…”
“चोद तो लिया है अब….” मम्मी ने खीचते हुये कहा.
रोहित ने मुझे उल्टा लेटा दिया और मेरे गांड के छेद मे उंगली करते हुये बोला, “बुआ तेरी लड़की का हर छेद मस्त है…. अभी तो इसकी गांड मारनी बाकी है….”
तब में रोहित की तरफ देख कर हँसी… करीब 5 मिनिट के बाद में उसका लंड फिर से पकड़ कर हिलाने लगी. उसका लंड फिर से तैयार था. पर इस बार जब उसने मुझे घोड़ी बनाया, मैने अपने पैरो को फैला कर अपनी गांड खोल दी. उसने मेरी गांड के छेद पर क्रीम लगाई और फिर अपना लंड टीका कर एक ही झटके मे अपना लंड मेरी गांड मे डाल दिया.
अब में अपने यार से गांड मरवा रही थी. में पूरी मस्ती मे चिल्ला रही थी, “रोहित…. एयाया…. हह……. गांड कैसी लगी मेरी…… शादी के बाद पहली बार गांड मरवा रही हूँ…. बहुत तड़पती हूँ गांड मे लंड लेने को…… चोद दे मेरी गांड….. फाड़ दे इसको…. मार ले मेरी गांड…. आआआ हह………..आआआ………हह……………..”
रोहित ने मेरे नाचते हुये दोनो भारी बूब्स पकड़ रखे थे और उनके निपल्स मसलता हुआ मेरी गांड मार रहा था.. वही में अपनी चूत को अपने एक हाथ से खोद रही थी…. थोड़ी देर बाद रोहित ने मेरी कसी हुई गांड मे ही अपना लंड झाड़ दिया और हम दोनो सोफे पर ही लेट गये…
फिर मैने रोहित का लंड चाट कर साफ किया. आधे घंटे बाद रोहित ने एक बार फिर मुझे पकड़ लिया और एक बार फिर मुझे चोदा.. अपने पति के होश में आने तक में करीब 5 बार झड़ चुकी थी और बुरी तरह थक गयी थी. तुम सब के लंड की प्यासी… भारी बूब्स और मस्त गांड वाली तुम्हारी रंडी नैनसी. मुझे आशा हे की तुम्हे मेरी यह कहानी जरुर पसन्द आई होगी.
मम्मी ने मेरे पास आ कर कहा, “हाँ रोहित, ये तो सच मे मस्त हो गयी है. अब तो इसके पैसे भी मन मर्ज़ी के मिलेंगे. अगर अब ये धन्धे पर लग जाये तो पूरे शहर मे इससे मस्त रंडी नही मिलेगी.”
रोहित का लंड मेरे थूक से सना हुआ चमक रहा था. में फिर से उसके सामने बैठ गयी और इस बार उसका लंड अपने बूब्स में फँसा लिया. रोहित ने मेरे दोनो बूब्स पकड़ लिये और मेरे बूब्स चोदने लगा. अब तक मेरी चूत से रस की धार बहने लगी थी और मेरे लिये बर्दाश्त करना मुश्किल हो रहा था. तो में खड़ी हो गयी और उसका लंड पकड़ कर उसे अपनी चूत पर रख कर उसकी गोद में बैठ गयी. पूरा लंड मेरी चूत मे समता चला गया.
मेरे मुँह से सिसकारियां निकलने लगी.”आआआआअहह………. म्म्म्ममममममममममाआआआआआआआआआआआअ…………. रोहित तेरा लंड बड़ा मस्त है रे………. बड़े दिनो बाद मिला है ऐसा लंड………………… मेरी चूत की प्यासस्स्स्स्सस्स……… बुझा दे रे मेरे राजा………. एयाया…..हह………..”
में उसके लंड पर उछलते हुये चिल्ला रही थी. रोहित भी नीचे से धक्के लगा रहा था. करीब 3-4 मिनिट तक उसी हालत में मुझे चोदने के बाद उसने मुझे अपने ऊपर से उठा दिया. फिर मुझे सोफे पर बिठा कर मेरे सामने बैठ गया और मेरी चूत के होठों को अपनी उंगलियों से फेलाता हुआ बोला, “नैनसी डार्लिंग क्या चूत है तेरी… खा जाने को दिल कर रहा है….”
मैने उसका सर पकड़ कर अपनी चूत की तरफ धकेलते हुये कहा, “तो खा ले ना…. तुझे मना कहा किया है…..”
जैसे ही उसकी जीभ ने मेरी चूत को टच किया मेरी चूत ने रस की धार छोड़ दी. मेने उसका सर अपनी जांघो मे फँसा लिया और गांड उछाल उछाल कर अपनी चूत उससे चटवाने लगी. बस 2 ही मिनिट मे में झड़ने लगी.
तब वो मेरे सामने खड़ा हो गया और मेरी चूत पर अपना लंड रख कर एक ही झटके मे अपना लंड मेरी चूत मे डाल दिया.
में चिल्ला पड़ी, ‘क्या कर रहा है मादरचोद…. फाड़ेगा क्या मेरी…. प्यार से मार हरामजादे…….. तेरे लिये ही खोल कर पड़ी हूँ अपनी….. आआआआअ………..हह…………….. म्म्म्मममममममम ……………….. म्म्माआआआआआआआ………………….. ”
साथ साथ अपनी गांड को नीचे से उछालते हुये उसके हर धक्के का जवाब भी दे रही थी. जब वो लंड अन्दर डालता तो में अपनी चूत को फैला देती और जब वो बाहर निकलता तो में अपनी चूत को कस लेती थी. इस तरह में चुदाई का पूरा मज़ा ले रही थी.
वही दूसरी तरफ मेरी माँ ने मेरे पति की पेन्ट खोल कर उसका लंड निकाल लिया और उसे चूसने लगी. में चिल्लाई, “ओ रांड़… क्या कर रही है…..”
“तू चुद रही है और में चुपचाप खड़ी देखती रहूँ क्या…. मुझे भी लंड लेना है… फिर क्यो ना अपने दामाद के लंड को अपनी चूत में ले लू….” मम्मी ने हंस कर जवाब दिया.
तभी रोहित ने मेरी एक टाँग उठा कर अपने कंधे पर रख ली. वो पूरे जोर से मुझे चोद रहा था और मेरे बड़े बड़े बूब्स हर धक्के के साथ हिल रहे थे. मैने अपने बूब्स पकड़ लिये और एक बूब्स का निपल अपनी जीभ से चाटा. फिर निपल्स को उंगलियो से मसलने लगी.
रोहित ने मुझे घोड़ी बना दिया और पीछे से मेरी चूत में अपना लंड डाल दिया. अब वो मुझे किसी कुतिया की तरह चोद रहा था. में पूरी मस्ती मे उसके बड़े लंड का मज़ा अपनी चूत मे ले रही थी. इस बीच में 2 बार झड़ चुकी थी और रोहित भी झड़ने के करीब था. तभी उसने अपना लंड मेरी चूत से निकाला और मेरे सामने आ कर मेरे मुँह मे डाल दिया. मेने उसका लंड पकड़ लिया और ज़ोर से हिलाने लगी. तभी उसके लंड ने वीर्य की धार छोड़ दी और मेरा पूरा मुँह उसके लंड की मलाई से भर गया. मेरे मुँह मे, चेहरे पर और बालो मे भी उसके लंड का माल लगा हुआ था. जिसे मेने बड़े प्यार से अपनी उंगलियो से साफ करके खाया.
वही मेरी माँ अब मेरे पति का लंड चुस कर झड़ चुकी थी और अब हमारे पास आ गयी. रोहित मेरे बगल मे लेटा था. मेरी माँ ने सोफे के किनारे पर बैठते हुये रोहित का लंड पकड़ा तो रोहित ने कहा, “बुआ…. आज नही…. आज तो नैनसी को चोदुंगा सिर्फ़…”
“चोद तो लिया है अब….” मम्मी ने खीचते हुये कहा.
रोहित ने मुझे उल्टा लेटा दिया और मेरे गांड के छेद मे उंगली करते हुये बोला, “बुआ तेरी लड़की का हर छेद मस्त है…. अभी तो इसकी गांड मारनी बाकी है….”
तब में रोहित की तरफ देख कर हँसी… करीब 5 मिनिट के बाद में उसका लंड फिर से पकड़ कर हिलाने लगी. उसका लंड फिर से तैयार था. पर इस बार जब उसने मुझे घोड़ी बनाया, मैने अपने पैरो को फैला कर अपनी गांड खोल दी. उसने मेरी गांड के छेद पर क्रीम लगाई और फिर अपना लंड टीका कर एक ही झटके मे अपना लंड मेरी गांड मे डाल दिया.
अब में अपने यार से गांड मरवा रही थी. में पूरी मस्ती मे चिल्ला रही थी, “रोहित…. एयाया…. हह……. गांड कैसी लगी मेरी…… शादी के बाद पहली बार गांड मरवा रही हूँ…. बहुत तड़पती हूँ गांड मे लंड लेने को…… चोद दे मेरी गांड….. फाड़ दे इसको…. मार ले मेरी गांड…. आआआ हह………..आआआ………हह……………..”
रोहित ने मेरे नाचते हुये दोनो भारी बूब्स पकड़ रखे थे और उनके निपल्स मसलता हुआ मेरी गांड मार रहा था.. वही में अपनी चूत को अपने एक हाथ से खोद रही थी…. थोड़ी देर बाद रोहित ने मेरी कसी हुई गांड मे ही अपना लंड झाड़ दिया और हम दोनो सोफे पर ही लेट गये…
फिर मैने रोहित का लंड चाट कर साफ किया. आधे घंटे बाद रोहित ने एक बार फिर मुझे पकड़ लिया और एक बार फिर मुझे चोदा.. अपने पति के होश में आने तक में करीब 5 बार झड़ चुकी थी और बुरी तरह थक गयी थी. तुम सब के लंड की प्यासी… भारी बूब्स और मस्त गांड वाली तुम्हारी रंडी नैनसी. मुझे आशा हे की तुम्हे मेरी यह कहानी जरुर पसन्द आई होगी.
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Re: Holi sexi stories-होली की सेक्सी कहानियाँ
friends next stori nanad ne kheli holi