मेरी बर्बादी या आबादी (?) की ओर पहला कदम

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The Romantic
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Re: मेरी बर्बादी या आबादी (?) की ओर पहला कदम

Unread post by The Romantic » 28 Dec 2014 17:44

मेरे मन में लड्डू फूट रहे थे ..एक अजीब मदहोशी छाई थी , एक झुरझुरी सी हो रही थी , जब से भारती के दीदार हुए और मुझे यह पता चला की आज की रात भारती के साथ गुजारनी है ..उसकी मस्त जवानी मेरे क़दमों पे होगी ..उसे मैं अपनी बाँहों में लूँगा ... उसे चूमूंगा , चूसूंगा ..चाटूंगा ..आह इसकी कल्पना से ही मेरा लंड फूंफकार रहा था ..मैं मस्ती की आलम में था कि तभी रूम में पर्दा हिलने की सरसराहट हुई ..देखा सामने आज के रात की रानी भारती हाथ में ट्रे लिए अन्दर आ रही है ..

मेरे दिल की धड़कन तेज हो गयी ..... साँस ऊपर की ऊपर ही रह गयी ..सामने का नज़ारा ही ऐसा था ..

भारती मुस्कुराते हुए अन्दर आ रही थी ..हाथ में ट्रे था और बदन पे एक महीन , पारदर्शी नाइटी .. रंग लाल , उसके अन्दर और कुछ नहीं .. सिर्फ उसकी जवानी .. उसकी भरी चूचियां ..उसकी गदरायी जिस्म ..उसके केले के थम्ब जैसी जांघें .. मैं बस देखता ही रहा .. नाइटी का जिप सामने था ...

मैं उसे एक टक देख रहा था ,उसकी हर कदम पे उसकी चूचियां हिलती थीं .. मांसल जांघें थरथराती थीं और मेरे दिल की धड़कन तेज़ और तेज़ होती जाती थी ....पूरा कमरा उसकी परफ्यूम
की खुशबू से भर उठा ..बहोत ही हलकी खुशबू थी परफ्यूम की , पर होश उड़ाने के लिए काफी . मैं जैसे किसी और ही दुनिया में खो गया .. मेरे होशोहवास गुम थे ....

भारती मेरे पास आई , मेरी तरफ झुक कर ट्रे टेबल पर रखा .. झूकी भी बेझिझक ... उसकी नाइटी का उपरी हिस्सा चूचियों से सरक गया .. चूचियां नंगी हो गयीं ,उसने उन्हें सँभालने की कोशिश किये बगैर मेरे साथ बैठ गयी l

ट्रे में दो ग्लास में पानी था ...और एक प्लेट में कुछ बिस्किट और नमकीन थे ..

मैंने सीधा पानी का ग्लास उठाया और एक ही घूँट में पूरा ग्लास खाली कर दिया ..मेरा गला पहले ही भारती कि दीदार से सूख गए थे ....

"लगता है आपको प्यास जोरों की लगी है .." भारती के मुंह से यह पहले शब्द थे ...

"आपने ठीक ही कहा ..भारती जी , मैं बहोत प्यासा हूँ ... "

"ये लो कहाँ तो आप मेरे पास अपनी प्यास बुझाने आये हो और मुझसे आप और जी बोल रहे हो .." और वो जोरों से खिलखिला उठी ..

उसकी खिलखिलाहट ने मेरी सारी झिझक दूर कर दी ..

मैंने दूसरा ग्लास उठाया , उसकी ओर हाथ बढाया ..और कहा " चलो भारती , मेरे हाथों से तुम भी अपनी प्यास बुझा लो ..."
और उस ने अपने हाथ से मेरे हाथ पकड़ लिए और ग्लास अपने मुंह में लगाते हुए एक घूँट में पूरा ग्लास ख़ाली कर दिया ..ख़ाली ग्लास ट्रे पर रख दिया और फिर जोरों से खिलखिला उठी ..

" क्यों क्या बात हो गयी ...जरा मैं भी सुनूं ये खनकती हंसी किस बात पर हुई ..??? "

" आप बात तो बड़ी मजेदार करते है .. काम भी मजेदार होगा .. " और एक खिखिलाती हुई हंसी फूट पड़ी ..

"देखो भारती तुम अपनी पानी पीने कि हंसी के बारे बताओ न , क्या बात थी ..? और हाँ तुम भी मुझे तुम ही कहोगी ... "

"अरे कुछ नहीं .. वो तुम ने कहा न कि तुम्हारे हाथ से मैं अपनी प्यास बुझाऊँ ...??"

" तो इसमें हंसी की क्या बात थी .." मैंने हैरान होते हुए पूछा..

" अरे भोले राजा..मेरी प्यास तुम आज क्या अपने हाथ से ही बुझाओगे..?? " और फिर दिल खोल कर खिलखिला उठी ..

मैं भी उसकी बातों कि गहराई समझते हुए हंस पड़ा और कहा " तुम भी कम नहीं हो बातें बनाने में ..आज तो मुकाबला जोरदार है ...रानी तुम्हारी प्यास तो मैं अपने किस किस चीज़ से करूंगा बस देखती जाओ ..."

"अच्छा ..लगता है आज तुम्हारी तैय्यारी पूरी है ..बैटरी तुम्हारी फुल चार्ज है ...ही...ही...ही.. " और उसकी हंसी के साथ साथ उसकी चूचियां भी ऐसी हिल रहीं थीं जैसे वो भी उसकी हंसी में शामिल हों ..

इस हंसी मजाक ने माहौल को हल्का बना दिया और मेरी पूरी झिझक दूर कर दी भारती ने l

अब मैं उस के बिलकुल करीब आ गया , उसकी जांघें और मेरी जांघें चिपकी थीं ..मैं धीरे धीरे अपनी जांघ से उसकी मांसल जांघ को रगड़ रहा था ... और वो भी पूरा साथ दे रही थी .. अब मैंने अपने एक हाथ से उसकी दूसरी जांघ थाम कर सहलाने लगा और दुसरे हाथ से एक चूची कि घुंडी हलके से मसलने लगा ...भारती मस्ती में में डूब गयी .उसकी आंखें बंद हो गयीं ..वो हलकी हलकी सिसकारी ले रही थी ..

मैं भी मस्ती में था , मेरा लौड़ा पैंट फाड़ कर बाहर आने की नाकाम कोशिश कर रहा था ... अब मैं उसकी दूसरी चूची अपने मुंह में ले कर हलके हलके चूसने लगा .भारती के मुंह से सिसकी निकल गयी ."हाय ..ऊओह ..." उसने अपनी उँगलियों से मेरे लौड़े को पैंट के ऊपर से सहलाना चालू कर दिया ...मैं भी बेकाबू हो रहा था , मैंने भारती को अपने हाथों से जकड लिया बुरी तरेह , अपने से चिपका लिया और उसके होठों पे अपने होंठ रख दिए ..उसे चूसने लगा गन्ने कि तरह ..भारती सिसकने लगी .."हाय ऊओह्ह ..इस ..उई मां ...." उसके नाक फड़क रहे थे .... होंठ कांप रहे थे .. मुझे जकड लिया .. और मेरे पैंट कि जिप खोल दी उस ने .. और हाथ अन्दर डाल दिया , underwear के ऊपर से लौड़ा मुट्ठी में लिया और हलके हलके दबाने लगी ..."आह ...." .मैं भी मस्ती में आ गया ...
मैं उसे चूम रहा था , उसके होंठ चूस रहा था और वो मेरे लौड़े से खेल रही थी , उसे भींच रही थी ..मेरे मोटे लौड़े को भींचने का पूरा मज़ा ले रही थी .. दोनों कराह रहे थे ...सिसक रहे थे .. कि तभी उस ने मुझे उठने को इशारा किया ..मेरे लौड़े को जकड़ते हुए ... मैंने भी उसके होठों को चूसना और चूचियों को मसलना जरी रखा ...दोनों उठ गए ...और उस ने सामने रूम कि ओर चलने का इशारा किया ..

हम दोनों एक दूसरे से चिपके हुए उसके बेड रूम कि ओर चल पड़े ...अपने खेल को और आगे और मस्ती और मज़े के आलम की ओर बढाने....

मैं लगातार उसका निचला होंठ चूस रहा था ..और वोह मेरे लौड़े को थामे थी , अपनी मुट्ठी से जकड रखा था , और उसे दबाती जा रही थी और साथ में मुझे लौड़े के साथ बेड़ रूम की और खींच रही थी ,, अजीब मस्ती का आलम था , दोनों हांफ रहे थे .. मैं उसे अपने से चिपकाए था ..मेरे लगातार होंठ चूसने से भारती की सांसें अटक रही थी , अपने चेहरे को मेरे होठों से छुडाया..और एक लम्बी सांस ले कर मेरे नीचले होंठ को अपने होंठों से दबाया और जोरों से चूसने लगी और मुझे खींचते हुए बेड़ पर लेट गयी , मैं उसके ऊपर था ,, मैं उसे उसके पीठ से जकड़ा था और अपने सीने से चिपका रखा था .. उसने मुझे धीरे से धक्का देते हुए ऊपर किया और अपनी नाइटी के जिप को एक झटके में खोला , अपने बदन से अलग करते हुए बेड़ के एक कोने में फ़ेंक दिया ,और उसने मेरे पैंट की ओर इशारा किया , मैं अपने हाथ उसकी चूची से हटाया और कमर उठा कर अपने पैंट के बेल्ट को खोला , नीचे किया और घुटनों के नीचे करते हुए पैर बाहर निकाल लिया ....पैंट फर्श पर ढेर हो गया ..भारती ने शर्ट के बटन खोले और मैंने अपने को शर्ट से आजाद किया .. अब भारती बिलकुल नंगी थी और मैं बनियान और underwear में था ..
भारती ने कहा .."जानू , मेरे आज के राजा.. हमारे बीच का पर्दा तो हटाओ न .." और मैंने बनियान उतार दी और उसने मेरी चड्ढी कमर से खींच कर पैरों से नीचे कर दिया ...अब दोनों बिलकुल नंगे थे ..एक दूसरे को देख रहे थे ...मस्ती में हांफ रहे थे ... भारती लम्बी ,लम्बी सांसें ले रही थी .. नाक फड़क रहे थे ..मैंने उसे फिर से अपने सीने से चिपका लिया ..मेरे नंगे सीने , बालों से भरे ..उसकी नंगी चूचियों को दबा रहे थे ..उसके हाथ नीचे मेरे तन्नाये लौड़े को सहला रहे थे ...और मैं फिर से उसके होंठ चूसने लगा , और उसे और जोरों से अपने सीने से चिपका लिया "आआआअह ..इतने जोरों से ना दबाव राजा , मैं मर जाऊंगी .. ऊओह .." भारती सिस्कारियां ले रही थी ..मैं ने अपनी जकड ढीली की , पर होंठों का चूसना चालू रखा .. उसके मुंह सेलार मेरे मुंह में लगातार जा रहा था और मैंउसअमृत को पूरे का पूरा गटक रहा था ..अब मैंने अपनी जीभ भी अन्दर डाल दी उसके मुंह में ,उसकी तालू , उसके अन्दर के गाल , उसके दांत चाटने लगा ... उसे चाट रहा था भारती को चाट रहा था ..भारती एक दम मस्ती के आलम थी , उसने अपने आप को ढीला छोड़ दिया था .. मेरी बाँहों में ... दोनों हांफ रहे थे .. भारती धीरे धीरे कराह रही थी ..अब मैंने अपने गीले और उसकी लार से भरी जीभ उसकी चूची की घुंडी पर घुमाने लगा , जो पहले से ही मस्ती में कड़क हो गया था ..भारती एक दम चीत्कार उठी .."हाय राजा ..जानू ... "उसका पूरा बदन सीहर उठा .कांप उठा .. मेरी जीभ के स्पर्श से .. उसकी घुंडी और भी टाईट हो गयी .. मेरी जीभ को भी उसका अहसास हुआ .. मैं अपना एक हाथ उसके पेट पर ले गया , सहलाने लगा , बड़े गुदाज़ थे ... मेरी पूरी हथेली उसके मुलायम पेट को धीरे धीरे सहलाने लगी ..भारती उछल पड़ी ......"उई ..आह ... क्या कर रहे हो मेरी जान ..मैं तो मस्ती में बिना चूदे ही मर जाऊंगी ..माआअ .. आः .. " वोह हांफ रही थी .. और मैं उसकी घुंडी चूस रहा था ,,उसके पेट सहला रहा था , उसे जकड रखा था .. और उसने अभी भी मेरा लौड़ा थामे रखा था अपनी मुट्ठी में .. मस्ती में उसकी चमड़ी आगे पीछे कर रही थी ... उसे बड़ा अच्छा लग रहा था ..मेरा लौड़ा सहलाना ... मोटे और लम्बे लौड़े औरतों को थामने में बड़ा मजा आता है ..
हम दोनों मस्ती के भरपूर आलम में थे ... मेरे लौड़े से लगातार पानी निकाल रहा था ..उसकी चूत का भी येही हाल था .. मेरी जांघें उसकी चूत के पानी से भींग गए थे ...उसकी बेड़ की चादर गीली हो गयी थी ...वो सिस्कारियां ले रही थी , हांफ रही थी ..कराह रही थी ...आंखें बंद किये मंद मंद मुस्कुरा रही थी ..और मैं पागल हो रहा था ..' पूरे बेड़ रूम में ' अआः ऊऊह्ह ..हाय ..माँ रे माँ ..का आलम था .. "
अब मैंने अपना मुंह उसकी चूची के घुंडी अलग किया .. पर उसकी चूची फड़क रही थी .. अजीब समां था ..अंग अंग फड़क रहे थे .. पुकार रहे थे .हमारी जुबाने बंद थीं , बदन , शरीर से बातें हो रही थीं , स्पर्श की भाषा चल रही थी ... भावनाओं का तूफ़ान उमड़ रहा था ... हम एक दूसरे में खोये थे ...
अपना मुंह मैं उसके पेट पर ले गया ..जीभ से चाटने लगा ..उसकी नाभि पर फिराया ..भारती चिल्ला उठी .. सीहर उठी ... कांपने लगी ..".: हाआआ . ... ऊऊऊऊऊह आः आआ ... उई मां ..क्या हो रहा है ..मर जाऊंगी आज मैं ... .. माआआआआआ ." उसके कमर ने झटका खाया .. चूत से पानी की धार निकल पड़ी ..मेरी जांघें भीग गयीं .. मैं पेट का चूसना जारी रखा .. अब मेरी भी बुरी हालत थी .. उसके हाथों की गर्मी से मेरा लौड़ा मस्त था ... ऐसा लगा मैं भी झड जाऊँगा ..मैंने अपने कमर को थोडा ऊपर उठाया , ओर अपने लौड़े को उसके हाथों से आजाद किया ...लौड़ा मेरा फूंफकार रहा था ..झटके खा रहा था ... भारती समझ गयी मैं भी क्या चाहता था .. उसने अपने पैरों को फैलाया , मुझे इशारा किया , मैं उसके पैरों के बीच आ गया . उस ने मेरा लंड बड़े प्यार से थामा औए अपने चूत के मुंह पर टीकाया .. उसकी चूत का मुंह पूरा खुला था ..उसकी मुलायम चूत का स्पर्श पाते ही मैं चिल्ला उठा ..'आआआआआआआह ..भारती .. " मेरे पूरे बदन में सीहरन भर उठी ..उधर भारती भी लंड के सुपाड़े का स्पर्श अपनी चूत में महसूस करते चिल्ला उठी .. 'हाय ;;आह कितना गरम है जानू ... " ओर फिर उसने जो कमाल किया , उसके समान अनुभवी ही कर सकता है ...उस ने मेरा लंड थामे अपने कमर को जोर से ऊपर उछाला .. इतनी जोर से की मेरा लंड उसकी गीली चूत में धंस गया ..मैं एक दम सीहर गया इस अचानक के धक्के से .. अगर मैं लंड अन्दर पेलता तो भी इतना मज़ा नहीं आता .. इस अचानक के झटके ने एक बिलकुल नया ही मज़ा दिया .. मैं मस्त हो गया .. ओर अब खुद धक्के लगाने लगा ..

भारती ने दोनों टांगें ऊपर कर ली थीं ओर मैं उसकी चूतड़ों को जकड़ते हुए लगातार धक्के लगाय जा रहा था .. धक्के पे धक्का ..हर धक्के पे भारती ऊपर उछल जाती ओर 'हाय " कर उठती .. मैं पागल हो उठा था .. मेरी पूरी मस्ती अब लौड़े पर थी .. ओर भारती की पूरी मस्ती उसकी चूत में समायी थी ..मैं धक्के लगा कर मस्ती ले रहा था ..वोह कमर उछाल उछाल कर ..दोनों मस्ती की चरम सीमा की ओर बढ़ते जा रहे थे ..मेरा धक्का लगाना ओर उसका कमर उछालना दोनों में एक अजीब ताल मेल हो गया था ..हर धक्के में मेरा लौड़ा पूरे जड़ तक उसकी चूत में घूस जाता ..वो चिल्ला उठती .."हाय .. राजा ..वाह..जानू .. ..ऊऊऊऊऊऊऊऊउ .....तुम तो नाम के नहीं काम के भी प्रीतम हो ..प्रीतु ... मेरे चूत के प्रीतु ... आआआआआह्ह चोदो... राजा चोदो ..आज तो मैं गयीईईईईईईईईई ............ ""
मैं समझ गया भारती अब झड़ने वाली है ..मैंने धक्के की रफ़्तार में जोर और तेज़ी लाया .. भारती के कमर की उछाल भी तेज़ हो गए .. पूरे माहौल में फच ..फच ..थप थप की आवाज़ गूँज रही थी .. दोनों अपने होशोहवास खो बैठे थे .... और कुछ धक्कों के बाद मैंने भारती को जकड लिया और जोरों से अपना लंड उसकी चूत में डाले रखा ... मैं झटके खाने लगा .. मेरा लौड़ा उसकी चूत में झटके खाने लगा और भारती भी अपनी कमर उछालती रही .. दोनों झड़ते रहे ..झड़ते रहे .. झड़ते रहे ....
उसकी चूत में मेरा लौड़ा सिकूड कर फक से बाहर आ गया .और उसकी चूत से मेरा वीर्य और उसका रस .दोनों मिल कर रिसने लगे ... बाहर आने लगे .. मस्ती की गंगा बह रही थी भारती की चूत से ...

मैं भारती के ऊपर ढेर हो गया ..उसके सीने पर अपना सर रख कर लेट गया ..हांफने लगा ..भारती भी हांफ रही थी ...और उसकी चूत कांप रही थी ... दोनों एक दूसरे की बाँहों में खो गए .....

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Re: मेरी बर्बादी या आबादी (?) की ओर पहला कदम

Unread post by The Romantic » 28 Dec 2014 17:45

इस चूत कंपाई और लंड घिसाई चूदाई के बाद काफी देर तक हम दोनों एक दूसरे से चिपके लेटे रहे ...मैं भारती के बदन से निकलती उसके पसीने और परफयूम की मिली जूली मादक खुशबू का आनंद ले रहा था .. खोया था .. लम्बी लम्बी सांसें ले रहा था .जैसे पूरी खुशबू मेरे अन्दर समां जाये .. भारती भी मेरे सीने से सर चिपकाये आँखें बंद किये चूदाई का मज़ा अपने दिलो दिमाग में जज़्ब कर रही थी ... थोड़ी देर बाद वो उठी और बाथरूम , जो कमरे से attached था , गयी ,,पेशाब किया और अपनी चूत को साफ कर फिर से अपनी पतली झीनी नाइटी पहन कर मेरे बगल में लेट गयी .. मैंने भी अपने लंड को वहां पड़े एक छोटे तौलिये से पोंछा और उसके जांघों पर अपने पैर रख उसकी ओर मुंह घूमा कर और हाथ उसके पेट पर रख उसे अपनी तरफ हलके से खींच लिया .. और कहा

"भारती , कैसी रही मेरी चूदाई ..??"

उस ने मेरी ओर अपना सर किया और मेरी आँखों में एक टक देखने लगी .. और थोड़ी सिरिअस हो गयी ..

मैंने कहा .." अरे क्या हुआ मेरी रानी ..अच्छा नहीं लगा ..?? "

उस ने कहा " सच कहूं ..? "

"हाँ , बिलकुल सच्ची कहो ..अगर अच्छा नहीं भी लगा तो कोई बात नहीं ..मैं बुरा नहीं मानूंगा .. मैं जानता हूँ , मैं ही पहला मर्द नहीं जिस ने तुम्हें चोदा है , एक से एक लंड तुम ने अपनी चूत में लिया होगा ...इसलिए बेफिक्र हो कर जो सोच रही हो बोल दो .."

न जाने मुझे क्यों उसकी इच्छा जान ने का मन हुआ .. क्योंकि वो तो एक हाई क्लास कॉल गर्ल थी , उसे पैसे से मतलब और मुझे चोदने से , उसे अच्छा लगे या न लगे ...पर मैं दिल से चाहता था कि उसे संतुष्ट रखूँ ...उसे खुश रखूँ ... मुझे भी इस से खुशी होती ...
मैं उसकी ठुड्डी पकड़ कर कहा " बोलो न मेरी जान ..." मेरे बोलने में इतनी मीठास थी , भावना थी और सब से ज्यादा उसकी इच्छाओं का सम्मान था .. भारती भावुक हो उठी और उसकी आँखों से आंसू टपक पड़े ..
गरम गर्म बूँदें मेरे सीने पर टपके ..
'"अरे क्या हुआ भारती..मैं कुछ गलत कहा ..??"

"नहीं आप ने ...." मैं उसे फौरन टोका "आप नहीं तुम ..."
उसके चेहरे पे हलकी मुस्कान आई और उस ने बोलना जारी रखते हुए कहा " तुम ने कुछ गलत नहीं कहा ..जानू .. सब सही कहा ..मैं इस लिए रो पड़ी ..के आज तक किसी मादरचोद ने मेरी पसंद का , कभी ख्याल नहीं किया ..सभी साले अपना लंड आधा पूरा डाल मां के लौड़े आधे रस्ते में मेरी चूत में पानी टपका के चल देते ..किसी को मतलब नहीं था मेरा क्या होता है ..मैं कितना तड़पती हूँ अपनी चूत क़ी भूख मिटाने को , आप पहले मर्द हो जिस ने मेरा ख्याल किया .. और भगवन कसम चूदाई भी ऐसी की तुम ने ..मुझे इतना मज़ा कभी नहीं आया ..मैं शायद जिंदगी में पहली बार झड़ी ... "

मैं उस क़ी बातें सुन अवाक् रह गया ... गुलाब के फूल में खुशबू तो है ..पर कांटे भी .और कांटे भी ऐसे जो फूल को भी चुभते हैं ..अगर उन्हें समय पर नहीं कुतरा जाये ..

"पर भारती तुम्हारा पति गोपाल क्या तुम्हें चोदता नहीं .. " मैं पूछा ..

"उस क़ी तो बात ही मत करो ..शाला भडुवा है मादरचोद , बीबी क़ी चूदाई क़ी कमाई खाता है ...शाला मुझे क्या चोदेगा..? उसका तो ३ " का लौडा आज तक कभी खड़ा ही नहीं हुआ .. बस मेरे सामने मूठ मार के पानी छोड़ देता है हरामी ... एक दो बार घूसाने क़ी कोशिश की पर बहेनचोद आधे रास्ते में उसके लौड़े ने उलटी कर दी ...स्साला नामर्द .. "

मैंने मन ही मन सोचा जो दीखता है सामने सारा सच वोही नहीं है .. और भी काफी कुछ है ..मैं तो सोचता था क़ी यह लड़की रोज़ एक से लंड लेती होगी और कितना मज़ा करती होगी ..पर यहाँ तो बात बात ही कुछ और है ..

मतलब ये कि इसकी कहानी कुछ और ही है .काफी कुछ देखा होगा इस ने अपनी छोटी सी जिंदगी में .ऐसे आदमी से इसकी शादी कैसे हुई .. इसने यह सब बातें अपने मां बाप को क्यूं नहीं कहा .. इसके मां बाप कहाँ हैं , क्या करते हैं ..आदि आदि ..इन सब सवालों का जवाब भारती के पास ही था ..मैंने ठान लिया आज नहीं तो कल इसकी पूरी कहानी जरूर सुनूंगा ,इसी क़ी जुबानी ..पर यह निश्चित था के आज नहीं ... आज तो इसका दिल और चूत को पूरी तरेह जीतना था मुझे ..

" ह्म्म्म ..तो यह बात है .. कोई बात नहीं भारती , लो अब मैं हूँ न तुम्हारी चूत कि प्यास बुझाने .. और मैं भी एक बात बोलूँ मेरी रानी ..??'

"हाँ हाँ , राजा बोलो न .."

"रानी मुझे भी आज तक अपनी बीबी को चोदने में इतना मज़ा नहीं आया ..तुम ने ऐसे चुदवाया जैसे अपने आप को तुम ने मुझे सौंप दिया . सिर्फ तुम्हारी चूत ही नहीं तुम्हारा पूरा शरीर मेरे लौड़े से चुदवा रहा है .. "

"सच्च ..??"

"हाँ मेरी रानी .." , मैंने उसके गालों को चूमते हुए कहा ," बिलकुल सच ...."

ऐसा सुनते ही उस ने अपना सर मेरे सीने से और भी चिपका लिया ..मुझे चूमने लगी ..मेर होठों को , मेरे गालों को l मेरे बालों से भरे सीने में हथेली घूमाने लगी ..मैं मस्ती में कराहने लगा ...

हमारी आज की चूदाई का दूसरा लेवल और दूसरा दौर शुरू हो चुका था.................

भारती मेरे सीने में हाथ फिराते हुए मुझे चूमने लगी ..हम दोनों करवट लिए एक दुसरे की ओर मुंह किये लेटे थे .. मेरा एक हाथ उसकी कमर को जकडते हुए अपनी ओर चिपकाए था ... मेरा लौड़ा उसकी नाइटी के ऊपर से ही उसकी चूत में जोरदार दस्तक दे रहा था .. मेरा एक पैर उसकी जांघ के ऊपर था ..और उसे जकड रखा था ....उसका चूमना जारी था .मेरे होंठ ..मेरे गाल ,...बारी बारी से चप चप चूमे जा रही थी ..चूसे जा रही थी ...फिर उस ने अपनी जीभ मेरे मुंह में एक बार ही डाल दिया ..लप लपाता हुआ अन्दर गया और उस ने मेरे मुंह के अन्दर चाटना शुरू कर दिया .. और अब वोह अपनी जीभ अन्दर डाले ही suddenly
मेरे ऊपर आ गयी ...मैं नीचे था ...उस ने अपने हाथों से मेरे चेहरे को प्यार से जकड लिया और ऊपर उठाते हुए अपनी जीभ से सीधे मेरे कंठ चाटने लगी .....मैं एक अजीब सिहरन से भर उठा ..मेरा अंग अंग कांप उठा ..मैंने सोचा येही मज़ा है एक experienced काल गर्ल का ...और जब की कॉल गर्ल पूरी तरेह गर्म हो ...मैं मज़े में आः आह कर रहा था .. कराह रहा था और वोह मेरे मुंह से मेरे लार को चूसे जा रही थी ...मैं पागल हो उठा था , मेरा लौड़ा फन फना रहा था , उसकी चूतड और जांघों के बीच ..मैंने भी धीरे धीरे कमर उठा उठा कर लौड़े को एक हाथ से थामे उसकी चूत से गांड तक घीस रहा था .मेरा लौड़ा और उसकी चूत बराबर पानी टपका रहे थे ... भारती मस्ती में थी ...आआआआअह .....उम्म्मम्म्म्मम्म्म्म ..माँ ... जाअन्नूउ ... सिसक रही थी कराह रही थी ..और मुझे चूमे , जा रही थी , चूसे जा रही थी चाटे जा रही थी ... मैं लौड़े से उसकी चूत की घिसाई कर रहा था ...मेरा पूरा लौड़ा गीला हो गया था ...एक दम से तन्नाया था फूंफकार रहा था ...छटपटा रहा था ... मुझे लग रहा था मेरा लौड़ा अब जड़ से उखड जायेगा ..कभी भी ...भारती अपनी पूरे जोश में थी ...पिछली चूदाई का हिसाब बराबर कर रही थी ...उस ने अपनी नाइटी एक झटके में उतारा और फ़ेंक दिया ... मेरे सीने को अपनी नंगी चूचियों से चिपका लिया और बडबडाने लगी .".जान इस रंडी को तो सभी ऐरे गैरे ने चोदा है ..लो मेरे राजा आज ये रंडी तुम्हें चोदेगी...तुम्हारा लौड़ा खा जाएगी ... मेरी प्यासी चूत ...मेरी गहरी चूत ... इसे भोंसडा बना दो ..मेरी जान ..हाँ भोंसडा.. इसकी सारी खुजली मिटा दो ..." और वोह मेरे पहले से ही तन्न लौड़े पर अपनी गीली और पानी से सराबोर चूत टीकाया और एक झटके में उसे अन्दर ले लिया ..."हाय ..मैं आज मर जाऊंगी ..मार दो मेरे राजा .." जोरदार धक्के लगाने लगी मेरे ऊपर .मेरे लौड़े पर ..मैं भी नीचे से कमर उठा उठा कर उसकी चूत पेल रहा था.... दोनों ही मस्ती की चरम सीमा पर थे ... उसके हर धक्के पे उसकी चूचियां उछालती थीं ... वोह सर झटकती थी ..बाल झटकती थी जैसे किसी जादू के असर में हो ..वोह चूदाई में खो चुकी थी ..मैं भी मज़े में सिहर रहा था ..मेरा रोम रोम सिहर उठा था ... उसकी जांघें कांप रहीं थीं ..मैंने महसूस किया उसके धक्के में काफी जोर के झटके आ रहे थे ... चूत रस की नदी बहा रही थी ..मैं भी थाप पे थाप लगा रहा था ..उसकी गांड और जांघें मेरे जांघों से थप थप आवाज़ के साथ टकरा रहा था ... मैं समझ गया अब दोनों झड़ने ही वाले हैं ..मैंने उसे अपने नीचे किया और उसके होंठ अपने होंठ से जकड लिया ..उसकी पीठ के नीचे हाथ डाल कर अपने सीने से चिपका लिया , और सिर्क कमर उठा उठा कर जोरदार धक्के लगाने लगा ..उसकी चूत के अन्दर तक लौड़ा धंस रहा था ..भारती चिल्ला उठी "हाँ जानू ..हाँ हाँ ..मारो मेरी चूत ...पेल दो साली को ..फाड़ दो आज ..आज मैं मर भी गयी तो कोई बात नहीं ...मार दो ..चोदो राजा चोदो ..आज पहली बार चुदा रहीं हूँ ...साले सब भडुवे चूत के बाहर ही उलटी कर देते ...आह ऊउई आज मेरी चूत के अन्दर भी लौड़ा गया है ..लम्बा लौड़ा ... मोटा लौड़ा ...हाआआआ ..मार..मार ..."
उसकी बातों से मैं भी जोरों से चोदने लगा ... : हाँ रानी लो मेरा लौड़ा ..लो लो ले लो ..ऊऊह अआः "" और दो तीन और धक्कों के बाद मैंने उसे जकड लिया , पूरा लौड़ा अन्दर तक पेल दिया और उसे अपने लौड़े के जड़ तक उसकी चूत में घुसेड़े रखा ...मैं झड रहा लौड़ा झटके पे झटका खा रहा था , उसकी चूत में खाली हो रहा था ..मुझे ऐसा लग रहा था जैसे मेरे अन्दर से कुछ निकल रहा है , झरने के सामान , मैं खाली हो रहा हूँ ... आआआह ऊऊऊऊह्ह ..और उधर भारती की चूतड भी झटके पे झटका खा रही थी ..लगातार पानी छोड़े जा रही थी उसकी चूत से रिस रिस कर पानी बह रहा था ..
मेरा लौड़ा सिकूड कर बाहर आ गया एक पक्क की आवाज़ के साथ ...
भारती पैर फैलाये लेटे थी ..लम्बी लम्बी सांसें ले रही थी , मैं भी हांफ रहा था ..और उसकी चूत से रिस रिस कर मेरे वीर्य और उसका रस दोनों मिल कर उसकी जांघों , उसके चूतड़ों को गीला करते हुए बिस्तर पर जमा हो रहे थे ...

भारती शांत हो गयी थी ..मंद मंद मुस्कुरा रही थी मैं उसके सीने से चिपका आँखें बंद किये लेटा था ..और मेरा एक हाथ उसकी चूत के गीलेपन को महसूस कर रहा था .. एक अजीब ही तजुर्बा था ये ..न गर्म न ठंडा .. बस चिप चिप ..जैसे हम दोनों की चूदाई का mixture .. लौड़े और चूत की मिलन का तरल रूप ..
मैं उस चिप चिप का मज़ा लेता रहा आँखें बंद किये ...

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Re: मेरी बर्बादी या आबादी (?) की ओर पहला कदम

Unread post by The Romantic » 28 Dec 2014 17:46

मैं और भारती अगल बगल लेटे थे ..उस ने अपनी टांगें फैला दी थी और सीधे लेटी थी ,अपने आप को एक दम बेसुध छोड़ दिया था ...मैं सीधा लेटा था ..और अपनी हथेली से उसकी चिप चिपी चूत सहला रहा था .. धीरे धीरे .. इतनी घनघोर चूदाई के बाद की चूत को सहलाना भी एक अपने आप में मज़ेदार अनुभव है..चूत ढीली हो जाती है.... मुलायम हो जाती है..लौड़े के धक्के से ... हथेली पर ऐसा महसूस होता है जैसे किसी मक्खन की टिकिया के अन्दर धंसा जा रहा है ..और चिप चिपा होने का भी मज़ा और ही था ...

थोड़ी देर बाद मैंने भारती की और मुंह किया ..और चिप चिपे हथेली से उसकी अब तक ढीली हो गयी चूचियों को सहलाते हुए कहा ; " भारती देखो न चूदाई करते करते टाइम का कुछ पता ही नहीं चला .. १२ बज चुके हैं ..और मुझे तो जोरों की भूख लगी है ..."

" हाँ जानू ..." उस ने लेटे लेटे मेरे ढीले लौड़े को मुठी में जकड़ते हुए कहा ,"तुम्हारी चूदाई थी ही ऐसी .मैं भी किसी और ही दुनिया में थी ... क्या चोदते हो ... एक दम मस्त ..मैंने सैकड़ों लंड लिए हैं अपनी चूत में ..पर तुम्हारी लंड की बात ही कुछ और थी .. इतने दिनों मैं साले हरामखोरो के लंड की भूख मिटाती थी , मेरी चूत भूख से तड़पती रहती ..आज पहली बार , मेरे राजा.. तुम ने मेरे चूत की खुजली और भूख मिटा दी ... "

" हम्म.... भारती रानी ..तुम्हारे चूत की भूख तो मिट गयी , पर इस पापी पेट का भी तो कुछ ख्याल करो ... "मैंने हँसते हुए कहा ...

" ओह , बस एक मिनट रुको राजा , मैं अभी करती हूँ इसका इंतज़ाम ... " और मेरे लौड़े को जोरों से जकड़ा उसे मसला और फिर उठ गयी ...नाइटी पहना और गांड मटकती हुई kitchen की और चली गयी ..

" मेरी जान जल्दी आना ."

"बस गयी और आई ... " कहते हुए बेडरूम से बाहर निकल गयी ..

मैं सोच रहा था ..यह किसी भी angle से कॉल गर्ल नहीं लगती ... एक दम घरेलू लगती है ... और मन ही मन अपने मोहन पानवाले को दुआएं देने लगा ..मेरे पसंद की चूदाई का इंतज़ाम करने को और फिर मन बना लिया भारती को ही चोदूंगा आगे भी ...लड़की कितनी सेक्सी है ... मस्त चुदवाती है और सब से बड़ी बात ..बातें कितनी अच्छी करती है ..जैसे कोई पढ़ी लिखी करे , किसी अच्छे घर से हो ..पर ऐसी लड़की इस धंदे में आई कैसे .?? आज पहली बार ही मिले हैं ..पर ऐसा लग रहा था जैसे हम एक दूसरे को कब से जानते हैं ... हमारी चूदाई भी सिर्फ चूदाई नहीं ..पर एक दूसरे में खो जाने वाली थी ..एक दूसरे तक अपनी भावनाओं को पहूँचाने का एक जरिया ... हम दोनों जैसे अपने शरीर से बातें कर रहे थे ... दोनों छू छू कर बातें समझ रहे थे ... स्पर्श की भाषा ... ऐसा कैसे हुआ ..मेरी समझ से परे था ...वो भी एक अनजान कॉल गर्ल से... इसका अंजाम क्या होगा .??

मैं ये सब बातें सोच ही रहा था के तब तक भारती एक प्लेट हाथ में लिए अन्दर आई .. और मेरे बगल बैठ गयी ...
"ठीक है मैं हाथ धो कर आता हूँ .." मैंने बिस्तर से उठते हुए कहा .. मैंने भी अब तक अपने कपडे पहेन लिए थे .

भारती ने फौरन प्लेट बिस्तर पर रखा और मेरे हाथ अपने दोनों हाथों से पकड़ लिया और खींचते हुए अपने बगल में बिठा लिया " जानू तुम ने मेरे लिए इतनी मेहनत की ..आओ तुम्हें अपने हाथों से खीलाऊंगी .. खाओगे न ... हाथ वाथ क्या धोना ..तुम्हारे हाथ में तो तुम्हारा और मेरा अमृत है जानू ..इसे धोना मत ..लाओ अपना हाथ मुझे दो .." और उस ने मेरा हाथ अपने मुंह में ले लिया और अपनी जीभ से चाट चाट कर पूरा साफ़ कर दिया ... ओह ... उसकी जीभ ऐसे चाट रही थी ..मेरा रोम रोम सिहर उठा .... उँगलियों के बीच ..हथेली के ऊपर ..सभी जगह जीभ फिरा फिरा कर ..तुम्हारे हाथों में जादू है , क्या चूत मसलते हो ..क्या चूची मसलते हो ."..और फिर मेरी हथेली चूमने लगी
"मेरी जान अब जरा अपने हाथों का भी तो कमाल दिखाओ..मुझे खिलाओ न ..जोरों की भूख लगी है.. "

"ओह सॉरी ....ये लो ...." और उस ने अपनी एक टांग बिस्तर पर मोड़ कर रख लिया और मेरे पास और करीब आ गयी . और अपने हाथों से निवाला मेरे मुंह में डाल डाल के खिलाने लगी.. "

"डार्लिंग ..तुम भी खाओ न .. " और मैंने भी अपने हाथों से उसे खिलाना शुरू कर दिया ..एक निवाला वो मेरे मुंह में डालती , फिर दूसरा निवाला मैं उसके मुंह में ...और दोनों एक दूसरे को देखते हुए धीरे धीरे चबा चबा चबा कर खा रहे थे ..जैसे हमारे मुंह में खाने का निवाला नहीं हो बल्कि उसकी चूत या फिर मेरा लंड हो.. वोह मेरे और करीब आ गयी और चिपक गयी .खाना चालू था .. मस्ती का आलम था ... खाने में मज़ा आ रहा था .. जैसे एक दूसरे को चोद रहे हों ..खाना बिस्तर पर चूदाई मुंह से...

थोड़ी देर में प्लेट खाली हो गया और भारती अन्दर गयी प्लेट रखने .और मुझे कहते गयी "तुम हाथ नहीं धोना ...मैं बस आई .."
उसने आते के साथ मेरे जूठे हाथ अपने मुंह में डाला और पहले तो चूसा , दो तीन बार फिर जीभ से चाट चाट कर साफ कर दिया और फिर मैं पानी पिया और लेट गया ...उस ने भी पानी पिया और मुझ से सट कर लेट गयी ....
थोड़ी देर लेटने के बाद मुझे नींद आने लगी..भारती भी चूदाई के मारे थक गयी थी..और ऐसी चूदाई के बाद काफी relaxed फील कर रही थी ...उसे भी नींद की झपकियाँ आने लगी ...

मैंने उसे अपनी बाँहों से जकड लिया ,उसका मुंह अपनी तरफ कर लिया ..उसके होंठ चूसते चूसते सो गया ...

उसके नशीले होंठ चूसते चूसते मैं नींद के नशें में कब खो गया कुछ पता ही नहीं चला l मुझे सोते हुए काफी देर हो गए ..अचानक मुझे कुछ अजीब सा लगा ..जैसे मेरा मुंह कुछ गीले और मुलायम चीज़ में धंसा हो.. और जीभ में एक अजीब खट्टा और नमकीन सा स्वाद टपक रहा हो ... और इतना ही नहीं ..मेरे जांघों के बीच , लौड़े को भी ठंडी हवा का झोंका लगा और लगा जैसे लौड़े में कुछ लप लप करती मुलायम और गीली वस्तु ऊपर नीचे हो रही है ..मेरी नींद खुली ..नज़ारा देख मैं अवाक रह गया ...भारती पूरी नंगी थी और अपनी चूत मेरे मुंह पर धीरे धीरे घिस रही थी और मेरे लौड़े को अपनी लपलपाती जीभ से चाटे जा रही थी ..बुरी तरेह हांफ रही थी ..जैसे .उसके चाटने की रफ़्तार इतनी तेज़ थी और इतनी मदमस्त थी जैसे पूरा लौड़ा ice cream की तरेह चाट चाट कर मुंह में भर लेगी ..मैं पागल हो रहा था ... उस ने मेरी नींद में ही मेरा पैन्ट और मेरी चड्ढी कब उतारी मुझे पता ही नहीं चला ...पर लगता है उसकी नींद खुल गयी और मुझे सोते देख मुझे जगाने की कोशिश किये बगैर मुझ पर टूट पड़ी ... और जगाने का शायद इस से अच्छा तरीका भी नहीं हो सकता ...मैंने भी मन ही मन खुश होते हुए इस 69 position का आनंद उठाने की सोची ..

मेरा मुंह उसकी गुदाज़ जांघों औए चूतड़ों के बीच था ..और उसकी चूत का रस पान कर रहा था ..मैंने अपने हाथों से चूतड़ों को धीरे से जकड लिया और उसे हलके दबोचते हुए थोडा ऊपर किया .थोड़ी जगह बनी मेरे मुंह और उसकी चूत के बीच ..मैंने अपनी जीभ उसकी चूत के नीचले हिस्से से फेरना शुरू किया और उसकी गांड तक ले गया ...भारती चीख पड़ी ...उसकी जांघें सीहरन से कांप उठी .थरथराने लगी ..मैंने अपनी पकड़ उसकी चूतडों पर और जोर कर दी और जीभ का दबाव भी ... आआआआआअह ऊऊऊऊओह क्या चूत थी , मुलायम जैसे मखन की टिकिया .और जैसे मखन पिघल कर पानी बनता है ..उसकी चूत से भी जैसे पिघल पिघल कर नमकीन पानी मेरे मुंह में जा रहा था ..मैं पूरा मुंह में ले रहा था ..चाट रहा था ..मैं पागलों की तरेह भारती की चूत पर टूट पड़ा था ..भारती सिसकियाँ ले रही थी ,.कराह रही थी उसकी टांगें थरथरा रही थी ..
उसका पागलपन मेरा लौड़ा झेल रहा था... उसकी मस्ती मेरे लौड़े का सुपाडा सह रहा था ...वोह जितनी मस्ती में आती जा रही थी उसका चूसना भी उतने ही जोरों से बढ़ता जा रहा था ... उसने अपने हाथों से मेरे लौड़े को थाम रखा था..कभी दबाती कभी सहलाती कभी जोरों से जकड लेती ...... मैं भी मस्ती की आलम में झूम रहा था ...और उसकी चूत पर अपनी मस्ती निकाल रहा था ...
मैं बार बार उसकी चूतडों को जकड कर ऊपर उठाता और अपने मुंह पर घिसता ..कभी अंगूठे से उसकी चूत की घुंडी दबा देता ..भारती हाय .हाय कर उठती ..."राजा ...ऊओह हाय मैं मर गयी आज ..मार दो मुझे चूस चूस कर ..मेरी सारी मस्ती निकाल दो मेरे राजा ..आः आः ऊओह्ह .." और फिर वो मेरे लौड़े पर उतनी ही मस्ती में टूट पड़ती ..मेरे लौड़े पर उसके होटों की पकड़ और मजबूत हो जाती ...मेरे लौड़े की जड़ तक चूस लेती ..मैं भी मस्ती में कांप रहा था ..कराह रहा था ..तड़प रहा था भारती के मुंह में ...उसके experienced हाथों में जादू था , होठों में मस्ती थी , जीभ में शीतलता ....

दोनों एक दूसरे के अंगों का भरपूर मजा ले रहे थे ..एक दूसरे में खोये थे ... फिर हम जोर और जोर और जोरों से चूत और लौड़े पे टूट पड़े ..चुसाई , घिसाई , चटाई की रफ़्तार में तेज़ी आने लगी ..जैसे मैं उसकी चूत खा जाऊं और वो मेरा लौड़ा हज़म कर ले ...."अआः भारती मेरी रानी ,,खा जाओ मेरा लौड़ा , चबा जाओ ... ऊऊऊऊओह ..."
"हाँ जानू तुम भी चूस लो चाट लो ..खा जाओ मेरी चूत ...चूसो ..चूसो ..और जोर से चूसो ...चूस मेरे राजा चूस ...."

और फिर जो हुआ उसकी कल्पना मात्र से मैं आज भी सिहर उठता हूँ ....

भारती ने अपनी जांघें पूरी फैला दी और मेरे मुंह पर अपनी चूत बिलकुल रख दिया ...अपने आप को छोड़ दिया ..पर मैंने अपने हाथों से उसकी चूतड को इस तरह जकड रखा के चूत और मुंह के बीच थोडा gap रहे ...और वो मेरे लौड़े को जोरों से चूसते हुए अपन कंठ तक ले गयी और घीसने लगी अपने throat से ....इस अचानक आक्रमण से मैं पागल हो उठा .. और लगा जैसे मेरा लौड़ा उसके मुंह में फंसा ही रहेगा ...और मेरे लौड़े को अपने कंठ से चोदने लगी ... एक अजीब मस्ती से मैं भर गया ..लगा जैसे मेरा लौड़ा अन्दर ही अन्दर फैलता जा रहा हो उसके मुंह में ..रस मेरे पूरे शरीर से वहां इकठ्ठा हो रहा हो ..मैं चिल्ला उठा "भारती ..भारती आआआअह मैं ..मैं ... ऊऊऊऊओह ..."
भारती समझ गयी........उस ने मेरे लौड़े को कंठ से निकाला और हाथों से थाम कर दो चार जोर दार झटके दिए मुंह की और रखते हुए .....मेरे लौड़े ने पिचकारी की तरह पानी छोड़ना चालू कर दिया ....उसके मुंह में , उसके गालों में , उसकी चूचियों पर , और वोह मेरे लौड़े को थामे रही हलके हलके पुचकारती रही हाथों से ..
और इधर जैसे ही मेरे लौड़े से पिचकारी निकली भारती ने मेरे लौड़े को जकड़ा धीरे से और खुद भी झड़ने लगी .कमर और चूतड कांपने लगे ..मेरा मुंह उसके पानी से भर गया ... मेरे होंठ ..मेरे गाल ...वहां से टपकते हुए मेरे सीने पर ... आआआआआअह एक अजीब ठंडक सी महसूस हुई ...


भारती की गीली चूत मेरे मुंह में थी और मेरा गीला लंड उसकी मुंह में ...

काफी देर तक लंड और चूत मुंह में लिए रहे दोनों....फिर उठने के पहले मैंने उसकी चूत चाट चाट कर साफ़ कर दी और उस ने मेरा लंड ...

फिर आमने सामने एक दूसरे की बाँहों में लेट गए ..दोनों के चेहरों पर एक अजीब मस्ती थी ..मुस्कान थी और एक शिथीलता ..relaxation ..

भारती ने अच्छी तरेह समझा दिया की सेक्स का मजा सिर्फ चोदने में ही नहीं ...

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